रहस्य, जासूसी और कत्ल सस्पेंस की अनोखी कहानी पहली माचिस की तीली रहस्य, जासूसी और कत्ल सस्पेंस की अनोखी कहानी अध्याय 1 गुड मॉर्निंग डैडी....! उनके कान की तरफ वेलवेट जैसे मीठी आवाज सुनकर हाई कोर्ट के न्यायाधीश सरवन पेरूमल ने आंखें खोली। । बेटी अजंता का मुस्कुराता चेहरा उन्हें देखने को मिला। बेटी के गाल को प्यार से छूकर गुड मॉर्निंग कहकर उठ बैठे। खिड़की के बाहर अंधेरा दिखाई दे रहा था। क्या समय हुआ बेटा...? 5:30... तुम्हारी अम्मां उठ गई क्या...? 5:00 बजे ही.... तुम्हारा बड़ा भाई.... किशोर....? 4:30 बजे.... उठ कर... जोगिंग के लिए चला गया। अजंता अप्पा के ओढ़े हुए चादर को तह बनाते
Full Novel
पहली माचिस की तीली - 1
पहली माचिस की तीली रहस्य, जासूसी और कत्ल सस्पेंस की अनोखी कहानी अध्याय 1 गुड मॉर्निंग डैडी....! कान की तरफ वेलवेट जैसे मीठी आवाज सुनकर हाई कोर्ट के न्यायाधीश सरवन पेरूमल ने आंखें खोली। । बेटी अजंता का मुस्कुराता चेहरा उन्हें देखने को मिला। बेटी के गाल को प्यार से छूकर गुड मॉर्निंग कहकर उठ बैठे। खिड़की के बाहर अंधेरा दिखाई दे रहा था। क्या समय हुआ बेटा...? 5:30... तुम्हारी अम्मां उठ गई क्या...? 5:00 बजे ही.... तुम्हारा बड़ा भाई.... किशोर....? 4:30 बजे.... उठ कर... जोगिंग के लिए चला गया। अजंता अप्पा के ओढ़े हुए चादर को तह बनाते ...Read More
पहली माचिस की तीली - 2
पहली माचिस की तीली अध्याय 2 'चंदन तेल कारखाना' ऐसा एक बड़ा बोर्ड लिखा हुआ होने पर भी 'यह राजनीतिक संस्था' जैसे छोटी अक्षरों में बोर्ड लगा हुआ था, - वहां गेट पर बुजुर्ग वॉचमैन बैठा हुआ था। 30 साल के एक युवक ने बाइक को रोक कर वॉचमैन से पूछा। चेयरमैन अंदर है क्या? है साहब। उनसे मिलना है.... सर... आप...? सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट.... अंदर जाइए साहब वॉचमैन माथे पर हाथ रख कर सेल्यूट किया उस युवा को बाइक के साथ अंदर जाने दिया वह पोर्टिको में जाकर उतर कर अंदर पैदल गया। चंदन के तेल की खुशबू ...Read More
पहली माचिस की तीली - 3
पहली माचिस की तीली अध्याय 3 बाथरूम से बाहर निकले सरवन पेरूमल के पास अजंता जल्दी-जल्दी गई। "अप्पा..." "क्या है....?" "आपको देखने कोई आया है जो हाल के सोफे पर बैठ कर आपका इंतजार कर रहा है।" "कौन....?" "नाम पंढरीनाथ। उसका चेहरा और निगाहें बिल्कुल ठीक नहीं है...." "सरवन पेरूमल खुश हुए। "नाम क्या बताया... पंढरीनाथ...?" "हां अप्पा..." "उसके आए बहुत देर हो गई..?." "अभी आए हैं... 5 मिनट हुआ होगा।" "अरे बेटी... उनके आते ही बाथरूम की तरफ आकर एक आवाज मुझे देनी चाहिए थी ना?" "उन्हें देखने से कोई वी.आई.पी. जैसे तो नहीं दिखे... इसलिए...." "वे वी.आई.पी. नहीं ...Read More
पहली माचिस की तीली - 4
पहली माचिस की तीली अध्याय 4 मेन रोड से एक किलोमीटर दूर अंदर की तरह जाकर पोर्टिय ट्री के वह चंदन के तेल का गोडाउन था। एक पुरानी बिल्डिंग को थोड़ा सा सुधार कर नया कर चारों तरफ उसके कांटों का बाउंड्री वॉल जैसे बना दिया था। हवा में हल्की चंदन की खुशबू आ रही थी। एक पुराने जंग लगे गेट के सामने जीप आकर खड़ी हुई और मुकुट पति ने हॉर्न बजाया। गेट के अंदर से एक सर बाहर दिखा। उसने जल्दी से सिर को अंदर किया। गेट बिना तेल देने के कारण बड़ी तेज आवाज के साथ अंदर को खुला। ...Read More
पहली माचिस की तीली - 5
पहली माचिस की तीली अध्याय 5 अमृता और अजंता दोनों कमरे में घुसने की आवाज सुनकर सरवन पेरूमाल ने देखा। चेहरे में जो आश्चर्य था उसे छुपा कर मुस्कुराए। "क्या बात है.... अम्मा और बेटी दोनों मिलकर आ रहे हो ?" अमृतम बिना जवाब दिए उनके पास आई। "क्या बात है जी...." "हां..." "अभी आकर गया वह कौन था...?" "वह... जो है ना...." "वह एक जानकार..... आदमी...." "कोई जानकार आदमी तो पर कौन है?" "पंढरीनाथ।" "वे कौन है यही पूछा...?" सरवन पेरूमल पत्नी को आश्चर्य से देखा। "क्या है अमृतम .... इस तरह के स्वर में मुझसे बोल रही ...Read More
पहली माचिस की तीली - 6
पहली माचिस की तीली अध्याय 6 चेयरमैन कृष्णकांत को देखकर, नवनीत मुस्कुराया। "आइए सर... आप के सीन में आने मुझे सहूलियत हो गई। यहां जो 25 हजार लीटर चंदन का तेल है उसमें कितने लीटर नकली है....?" "करीब-करीब बताएं तो ठीक है...? या परफेक्ट बोलना है?" "करीब-करीब ही बोलो तो ठीक है ।" "इस समय यहां पर जितने चंदन का तेल है उसका 70% नकली है।" "बड़े हिम्मत से बोल रहे हो...?" "सिर के ऊपर बाढ़ आ गई। अब एक बिलांद ज्यादा या कोहनी से ज्यादा...?" "आप इतना ही फ्री बात कर रहे हो तो मैं भी अपने बात ...Read More
पहली माचिस की तीली - 7
पहली माचिस की तीली अध्याय 7 सुबह के 10:00 बजे। कोर्ट जाने के लिए सरवन पेरूमाल तैयार हो रहे जजमेंट कॉपी ब्रीफकेस में रखकर लॉक किया, कमरे के बाहर एक छाया को देखकर उन्होंने सिर ऊपर किया। उनका लड़का किशोर खड़ा था। 6 फीट ऊंचा मदमस्त शरीर पर चेहरा उसका कसा हुआ था। उसने पूछा। "कोर्ट के लिए तैयार हो गए अप्पा?" "हां..." रुपयों में बिके फैसले को आज पढ़ने वाले हो ऐसा लगता है..... "अम्मा ने बोल दिया क्या?" "आप ऐसे कैसे बदल गए....?" सरवन पेरूमाल हंसे। "मनुष्य हमेशा एक तरह से नहीं रह सकता....? समय और जरूरत के अनुसार उसे बदलना ...Read More
पहली माचिस की तीली - 8
पहली माचिस की तीली अध्याय 8 कोर्ट के बाहर हमेशा की अपेक्षा बहुत भीड़ थी। राजनीतिक दल के लोग, तमाशा देखने आए जनसमूह..... सरवन पेरूमाल ठीक 11:00 बजे न्यायाधीश के कुर्सी पर आकर बैठ गए। जोर-जोर से बात करने वाले लोग शांत हो गए। सरवन पेरूमाल सब पर एक नजर डाल कर जजमेंट के कॉपी को उठाकर धीमी आवाज में पढ़ना शुरू किया। वादी-प्रतिवादी के बारे में 4-5 पैराग्राफ पढ़ने के बाद फैसले की तरफ आए। "सुरेश, की आयु 20 साल, कमल कुमार, की उम्र 23 साल, एल्बोस की उम्र 24 साल। इन तीनों ने दमयंती नाम के कॉलेज की ...Read More
पहली माचिस की तीली - 9
पहली माचिस की तीली अध्याय 9 सरवन पेरूमाल दोपहर फिर खाना खाने घर पहुंचे तो 12:30 बज रहे थे। अपने कमरे में था - हाल में अमृतम और अजंता सोफा में बैठे थे। घर के अंदर मौन पसरा था। सरवन पेरूमाल आकर सोफे के सामने बैठे। "आपको कोई धमकी वाला पत्र मिला है?" "हां..." "वह कौन है....?" "पहली माचिस के तीली अपने को बताया है।" "इसकी आपको जरूरत थी क्या?" "क्या...?" "इस धमकी वाले पत्र की..." "लिखा तो लिखने दो। यह सब बेकार की बातें हैं। कार में जाने वाले लोगों को देखकर कुत्ता भोंकता है जैसे।" "इतने दिनों ...Read More
पहली माचिस की तीली - 10
पहली माचिस की तीली अध्याय 10 टेलीफोन की घंटी लगातार बज रही थी, दोपहर को सो रहे सरवन पेरूमाल से उठ कर बैठे। "यस...! सरवन पेरूमल हियर...." दूसरी तरफ से पुलिस कमिश्नर बात कर रहे थे। "सर अचानक एक आकस्मिक घटना घट गई ।" "क्या...?" "आज सुबह आपने जिन तीन लोगों को सुरेश, कमल कुमार और एल्बोस रिहा किया था उन तीनों को किसी ने किडनैप कर लिया।" "क... क्या....?" "हां सर.... घर के सामने जो दीवार थी उस पर हाथ से लिखे एक पोस्टर चिपकाया हुआ था।" "क्या पोस्टर...?" "न्याय की देवी लंगडी हो गई। उसकी चिकित्सा करना ...Read More
पहली माचिस की तीली - 11
पहली माचिस की तीली अध्याय 11 पुलिस विभाग के मंत्री अपने सामने खड़े डी.जी.पी. उनसे बड़े अधिकारी लोगों को चारों तरफ बैठे लोगों पर अंग्रेजी में बहुत नाराज हो रहे थे। "पुलिस विभाग का मंत्री हूं कहते हुए मुझे शर्म आती है...? जज सरवन पेरूमाल फैसला करके जिन्हें छुड़वाया सुरेश, कमल कुमार और एल्बोस तीनों को किडनैप हुए 10 दिन हो गए.... आज तक उनके बारे में कोई बात पता नहीं चला.... आप सब लोग क्या करते रहते हो?" डी.जी.पी. संकोच से बोले। "सर... सर..." "कहिए... नायर..." "हमने सभी कोणों में मुव करके देख लिया सर.... वे कैसे किडनैप ...Read More
पहली माचिस की तीली - 12
पहली माचिस की तीली अध्याय 12 दरवाजा खोलने की आवाज सुन, अंधेरे कमरे के अंदर लेटे सुरेश, कमल कुमार एल्बोस हाथ पैरों को बांधे हुए लोहे के जंजीर में ताले लगे हुए के साथ मुश्किल से उठ कर बैठे। दरवाजे के पास टॉर्च की रोशनी में एक जना खड़ा हुआ था। उसने आवाज भी दी। तीनों जने उठ जाओ.... बड़ी मुश्किल से किसी तरह तीनों उठ खड़े हुए। मेरे पीछे आओ.... लोहे की रॉड और शांखल जमीन से रगड़ खाती हुई तीनों उसके पीछे चलने लगे। बहुत पुराने जीर्ण-शीर्ण खंडहर वह जगह थी। अंधेरे में चमगादड़ इधर-उधर उड़ रहे थे। ...Read More
पहली माचिस की तीली - 13
पहली माचिस की तीली अध्याय 13 मुस्कुराहट हंसी में बदल गई। "क्या बात है तीनों जने एकदम आश्चर्य में गए...? काला गाउन पहनकर हाई कोर्ट जज अंतरात्मा को उतार कर एक तरफ रख कर तुम लोगों को रिहाई दिलवाई मैं वही सरवन पेरूमाल हूं । तुम तीनों जनों का केस कोर्ट में आया जिस दिन से मुझे टेलीफोन पर धमकियां मिलती रही। पैसे का जोर, अधिकार का बल रखने वाले तुम्हारे अप्पा लोग अलग-अलग तीनों मुझसे मिलकर जो अधिकार से क्या बोला पता है.....?" तीनों जने बिना पलके झुकाए देख रहे थे - सरवन पेरूमाल फिर बोलना शुरू किया। "सुरेश, ...Read More
पहली माचिस की तीली - 14
पहली माचिस की तीली अध्याय 14 डी.जी.पी. नायर अपने सामने अटेंशन में खड़े हुए पुलिस अधिकारियों को देखकर चिल्लाएं। रात के दो बज कर 5 मिनट। "सुरेश, कमल कुमार और एल्बोस जैसे तीनों गायब हो गए उसी तरह चंदन तेल बोर्ड के चेयरमैन कृष्णकांत, वहां काम करने वाले मुकुट पति, सेंट्रल मिनिस्ट्री के एक खास आदमी नवनीत उन तीनों लोगों को किसी ने किडनैप कर लिया। अपना डिपार्टमेंट अभी तक वे किस दिशा में है ये भी मालूम नहीं कर पाए। गृहमंत्री फोन पर बुलाते ही फोर्थ क्लास लैंग्वेज में बुरी तरह से बात करते हैं। उससे भी बढ़कर ...Read More
पहली माचिस की तीली - 15 - अंतिम भाग
पहली माचिस की तीली अध्याय 15 सुबह के 7:00 बजे। तकिए के पास रखा सेल फोन धीरे से बजा, नींद में रहने वाले सरवन पेरूमाल कर बैठे मोबाइल को कान से लगाया। "कौन...?" "साहब... मैं सुंदरपंडियन...." "क्या है..? "सुरेश, कमल कुमार और एल्बोस के डेड बॉडीयों को डिस्पोज करने की बात बाहर आ गई। पुलिस बॉडी को खोद के निकाल कर मोर्चरी में लेकर गई।" "यह बात कैसे बाहर आई ?" "बॉडी को डिस्पोज करते समय कोई शिकारी ने देख लिया। वे एक मिलिट्री के रिटायर्ड आदमी हैं।" "ऐसा है तो पुलिस इस समय फॉरेस्ट के अंदर चली गई ...Read More