ज़िदगी के सफ़र मे ना जानें किस मोड़ पर क्यां होता हे क्यूँ होता हे उनका ना तो हम अंदाजा लगा सकते हैं और ना तो हमें उनकीं खबर होतीं हैं,जाने हुए रास्तों पर भी मैंने ऐसे मोड़ पर गहरा जख्म खाया है,पोलिस की ड्यूटी होती हीं ऐसी है जहाँ पर हमें सिर्फ सिस्टम को फोलो करना होता है,लेकीन सिस्टम फोलो करने पर जान तो हमारी ही दाव पर लगती हें ना, यह उस रोज़ की बात हें जब में राजस्थान में अपनी ड्यूटी कर रहा था,एक आइपीएस होंने के नाते मुझे एक जिम्मेदारी सौंपी गई थीं और उसी जिम्मेदारी
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जैसलमेर बोर्डर - 1
ज़िदगी के सफ़र मे ना जानें किस मोड़ पर क्यां होता हे क्यूँ होता हे उनका ना तो हम लगा सकते हैं और ना तो हमें उनकीं खबर होतीं हैं,जाने हुए रास्तों पर भी मैंने ऐसे मोड़ पर गहरा जख्म खाया है,पोलिस की ड्यूटी होती हीं ऐसी है जहाँ पर हमें सिर्फ सिस्टम को फोलो करना होता है,लेकीन सिस्टम फोलो करने पर जान तो हमारी ही दाव पर लगती हें ना, यह उस रोज़ की बात हें जब में राजस्थान में अपनी ड्यूटी कर रहा था,एक आइपीएस होंने के नाते मुझे एक जिम्मेदारी सौंपी गई थीं और उसी जिम्मेदारी ...Read More
जैसलमेर बोर्डर - 2
अधुरे ख्वाब और अधुरी ख्वाहिशे जब तक पुरी नहीं होती तब तक हमें चैन नहीं पड़ता और मेरे साथ ऐसे ही हुआ जब में बोर्डर पर पहोचा और देखा की पाकिस्तानी एक मिलिट्रन के पास जयपुर उदयपुर और जैसलमेर का मेप था और उस मेप में कई जगहों पर मार्क कीया हुआ था राउन्ड मार्क्स कीया था जैसे की जयपुर में होटल रोयल पेलेस,जहाँ आइ.पी.एल के खिलाड़ी रूकने वाले होते है, उदयपुर में बड़ा सा सजाया हुआ रेल्वे स्टेशन और जैसलमेर के बोर्डर पर भी राउन्ड मार्क्स कीया हुआ था, जब मेने रंजीत सर से पुछा की जब हमने ...Read More