डायन

(74)
  • 68.7k
  • 7
  • 21.8k

नमस्ते दोस्तो। आपके ढेर सारे प्यार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद करती हूँ। आपने मेरी लेखनी को सराहा उसका शुक्रिया शब्दो मे करना कम ही होगा। आपके इस प्यार को बरकरार रखते हुए में अपनी एक ओर नई स्टोरी... सस्पेंस, थ्रिलर और डर से भरी हुई हॉरर स्टोरी लेके आई हूँ। आशा है आप इसे भी इतना प्यार देंगे। "चां....द.....नी..... चां....द.....नी.... सुनो, में कबसे इस जंगल मे चिल्ला रहा हूँ। कहाँ छुपी हो यार, अब बाहर आजाओ प्लीज़। मुझे तुमारी अब फिक्र हो रही है। बस भी करो चांदनी...मजाक बहुत हुआ।" चिंतातुर राहुल अब मजाक के मूड में

New Episodes : : Every Tuesday

1

डायन - 1

नमस्ते दोस्तो। आपके ढेर सारे प्यार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद करती हूँ। आपने मेरी लेखनी को सराहा शुक्रिया शब्दो मे करना कम ही होगा। आपके इस प्यार को बरकरार रखते हुए में अपनी एक ओर नई स्टोरी... सस्पेंस, थ्रिलर और डर से भरी हुई हॉरर स्टोरी लेके आई हूँ। आशा है आप इसे भी इतना प्यार देंगे। "चां....द.....नी..... चां....द.....नी.... सुनो, में कबसे इस जंगल मे चिल्ला रहा हूँ। कहाँ छुपी हो यार, अब बाहर आजाओ प्लीज़। मुझे तुमारी अब फिक्र हो रही है। बस भी करो चांदनी...मजाक बहुत हुआ।" चिंतातुर राहुल अब मजाक के मूड में ...Read More

2

डायन - 2

पिछले भाग में हमने देखा के चांदनी को होश आता है। अब चलते है आगे की कहानी की ओर...चाँदनी सम्भालते हुए बैठती है और कुछ याद करने की कोशिश करती है...। राहुल चांदनी को खंदे से पकड़कर कहता है..."चाँदनी कुछ बताओ भी क्या हुआ था? कोई जानवर देखा था क्या? और तुम चिल्लाई क्यों? बेहोश कैसे हुई? "(एक साथ सौरव और राहुल दोनो पूछ बैठे। मुस्कान एक तरफ कोने में बैठे बैठे सब सुन तो रही थी पर वो कुछ बोल नही रही थी, सहमी हुई या डरी हुई थी!?) "राहुल.....मुझे...मुझे...कुछ याद नही आ रहा है...के..क्या हुआ था!? में ...Read More

3

डायन - 3

-"हाँ... बहुत भयंकर देखा है। वो... चां...द...नी... वो... चाँ...द...नी..." -"क्या हुआ..? क्या हुआ चांदनी को..? -"चां...द...नी...के साथ..." (मुस्कान के होंठ कांप उठे, सौरवने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और बोला:) -"मुस्कान क्या हुआ चांदनी के साथ...? तू इतना घभरा क्यों रही है? क्या देखा ऐसा..?? बता मुझे प्लीज़ ।" (मुस्कानने फिर शुरुआत से बात बतानी शुरू की) -"सौरव हम सब चांदनी को जंगल मे ढूंढ रहे थे न तब में थोड़ा आगे चली गई थी, जब में आगे बढ़े जा रही थी तब मुझे एक पुरानी कुटिया या...यूह कहूँ तो...मुझे ...Read More