Peacock

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आरव अचानक नींद से जाग गया ? “फिर वही सपना देखा क्या तुमने? अरुणा ने पूछा ।“ “हां रिदा अभी भी मेरे सपनों में आती है और बड़ी उम्मीद से मुझे देखती है, हँसती है, फ़िर जोर से रोने लग जाती है। पता नहीं कब मुझे इन सपनों से छुटकारा मिलेगा”?? उसने अरुणा की तरफ बेबसी से देखते हुए कहा। “बुरा न मानना आरव, तुमने जो उसके साथ किया है, शायद उसी का एहसास कराने वो तुम्हारे सपनों में आ जाती है, खैर छोड़ो उठो । तुम्हारे रेगुलर टाइम पास वाले यंग एंड ओल्ड कम्युनिटी तुम्हारा इंतज़ार कर रहे होंगे

Full Novel

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Peacock - 1

आरव अचानक नींद से जाग गया ? “फिर वही सपना देखा क्या तुमने? ने पूछा ।“ “हां रिदा अभी भी मेरे सपनों में आती है और बड़ी उम्मीद से मुझे देखती है, हँसती है, फ़िर जोर से रोने लग जाती है। पता नहीं कब मुझे इन सपनों से छुटकारा मिलेगा”?? उसने अरुणा की तरफ बेबसी से देखते हुए कहा। “बुरा न मानना आरव, तुमने जो उसके साथ किया है, शायद उसी का एहसास कराने वो तुम्हारे सपनों में आ जाती है, खैर छोड़ो उठो । तुम्हारे रेगुलर टाइम पास वाले यंग एंड ओल्ड कम्युनिटी तुम्हारा इंतज़ार कर रहे होंगे ...Read More

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Peacock - 2

दिल्ली की गलियों में लबालब पानी भरा हुआ है और इन्हीं गलियो में एक छोटा सा घर जहाँ छत पर खड़ी, वो बारिश को बड़ी मासूमियत से निहारते हुए भीग रही है, वह चाहती है कि वह खूब नाचें छत की नाली से जाते हुए पानी को उसने कपड़े से बंद कर दिया है । छत पर भरे पानी में तैरने का मन तो है और तैरने की कोशिश भी कर रही है , तभी नीचे से आवाज़ आई, “ पीहू नीचे आजा! बेटा, बहुत बारिश है""। “आती हूँ, बाबा" बस थोड़ी देर और” पीहू ने कहा। “अरे ! आजा ...Read More

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Peacock - 3

“सोई नहीं पीकॉक क्या सोच रही है ? “ नानी ने प्यार से सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा । “नानी बाबा समझते नहीं है कि मैं डांस करना चाहती हूँ । ठीक है मैं कॉलेज खत्म कर अपने पैरो पर भी कड़ी हो जाऊँगी, मगर मैं अभी डांस सीखना चाहती हूँ ताकि आगे चलकर किसी राष्ट्रीय स्तर पर नृत्य कर सको।“ पीहू ने तारे को देखकर उत्तर दिया । “हमेशा यह बाबा कहाँ समझते है? जानती है, मेरा नाम है तारा और वो अँगरेज़ मुझे ट्विंकल कहता था । अगर शायद मैंने हिम्मत की होती या उसने भी ...Read More

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Peacock - 4

“पीकॉक ले बेटा ये किताबें पकड़ और पढ़ाई शुरू कर दें । लगाकर पढ़ और पूरे मोहल्ले का नाम रोशन क।“ बाबा ने अपनी बची-कुची मूँछों को ताव देते हुए कहा। “गिर जाएँगी ये मूंछे भी अगर ज्यादा छेड़गा और वैसे भी मोहल्ले का नाम तो किसी और तरह से भी रोशन किया जा सकता है।“नानी ने रसोई से ही चिल्लाते हुए कहा । “ अपनी तरह न बना देना अम्माजी मेरी पीहू को । पूरे हिमाचल को पता है आपके और उस अंग्रेज़ के इश्क़-मुशक के बारे में मेरी लाडो तो बस पढ़ाई करेंगीं”। बाबा ने अपनी सफाई ...Read More

5

Peacock - 5

शास्त्री जी घर पर है ? आरव ने पूछा। कौन ? एक अधेड़ सी महिला ने दरवाज़ा खोला, फिर पूछा। “मैं शास्त्री जी से मिलना चाहा रहा था, अगर आप बता दे तो आपकी बड़ी कृपा होगी, वैसे वो मुझे जानते है ।“ “आप कहिये कि आरव आया है।“ वह औरत अंदर गयी और कुछ मिनटों के बाद आरव एक पचास साल के आदमी के सामे बैठा नज़र आया। “बताओ यहाँ क्या करने आये हों ? जी मिश्रा अंकल ने मेरे बारे में आपसे बात की होगी कि मैं डांस सीखना चाहता हूँ ।“ आरव ने थोड़ा सकुचाते हुए कहा ...Read More

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Peacock - 6

आरव, अरुणा, ऋषभ और अनु सभी कमलानगर मार्किट में शॉपिंग कर रहे थें । सभी दुकानदार से कपड़े खरीदने का भाव-मोल कर शोर मचा रहे थें । आरव से रहा नहीं गया और वो बाहर आ गया। उसने मार्किट का नज़ारा देखा, लड़कियाँ फेरीवाले से कपड़े ले रही थीं सब एक झुण्ड में खड़ी हो तितलियो से कम नहीं लग रही थीं । वही जोड़े गोलगप्पे-चाट पकौड़ी एक दूसरे के मुँह में डाल रहे थें और खुश हो रहे थे। तभी उसकी नज़र सामने से आती बाइक पर पड़ी जिस पर से पीहू संभलकर उतर रही थी, उसका हाथ सोनू ...Read More

7

Peacock - 7

कुछ दिन दिल्ली में शॉपिंग करने के बाद दिल्ली घूमना शुरू । ऐसा नहीं है कि आरव ने पहली बार दिल्ली देखी हूँ । एक बार रिदा और आरव दिल्ली आ चुके थें और दिल्ली में हौजख़ास विलेज पहुँचने पर कैसे रिदा ने उसके साथ अपनी एक वीडियो बनाई थीं जिसे उसने नाम दिया था "यादें तेरी मेरी " वो एक- एक पल उसके सामने घूम रहा था। रिदा उसे इतनी याद आने लगी वो आँसू, वो पछतावा जिसकी वजह से उसका खुले में भी दम घुटने लगा । अरुणा ने उसके बदलते चेहरे के हाव-भाव को देखकर समझ ...Read More

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Peacock - 8

चारों तरफ़ हरियाली और पहाड़ों के बीच डूबते सूरज के श्रृंगार चमचमाती, यह धरती पालमपुर बड़ी ही सुन्दर प्रतीत हो रही थीं । हालाँकि जन्नत कश्मीर है, मगर इस जगह को देखकर कोई जन्नत कह दें तो कुछ गलत नहीं होगा । परी को भी यहाँ लाऊंगा । अब जाना कहा हैं ? आ तो गए, हम यहाँ खूबसूरत वादियों में। ‘पीकॉक’ अब बता आगे कहाँ चले?? सोनू ने पीकॉक को देखते हुए कहा । चारों तरफ़ हरियाली और पहाड़ों के बीच डूबते सूरज के श्रृंगार से चमचमाती, यह धरती पालमपुर बड़ी ही सुन्दर प्रतीत हो रही थीं । ...Read More

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Peacock - 9

पीहू आरव की ज़िन्दगी का वो पन्ना खोल गयी है जिसे आरव पढ़ने से हमेशा से ही डरता है और जब -जब पढ़ता है, यह डर उसके चेहरे पर साफ़ दिखाई पड़ता है। उसका यह कहना कि "मैंने जो सपना देख लिया है वो अपाहिज़ को नहीं देखना चाहिए ।" आरव बार-बार इसी बात को सोच रहा था और ज़िन्दगी का वो पन्ना खुलता जा रहा था :: रिदा उसके सामने वो और रिदा घूम रहे, इन्ही पहाड़ों में । “आरव अगर हम पालमपुर की महाडांस प्रतियोगिता जीत गए वो दिन दूर नहीं कि हम राष्ट्रीय फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक ...Read More

10

Peacock - 10

आसुंओं से भरा आरव रोहन के आने से जैसे होश में आया हूँ । “आप बाहर किससे बातें कर रहें थें। वो लड़की कौन थीं भाई ? रोहन ने फिर पूछा । “बस जानकर थीं, जाओं जाकर सो जाओ।“ आरव ने दरवाज़े की तरफ़ देखकर बोला । जिससे रोहन समझ गया कि आरव नहीं चाहता रोहन कमरे में रहें । बची-कुची रात आरव ने करवटें बदलकर गुज़ारी । सुबह शादी वाले घर की भागदौड़ और फिर बारात का आगमन । ऋषभ बहुत खुश नज़र आ रहा था । एक हैंडसम दूल्हा और प्यारी दुल्हन अरुणा दोनों ही एक दूसरे के ...Read More

11

Peacock -11 ((अंतिम भाग)

देखते-देखते दो साल बीत गए । फिर वो दिन आ ही गया, जब पीहू वापिस तरह ठीक हो अपने देश लौट आई और एयरपोर्ट पर सोनू खड़ा उसका इंतज़ार कर रहा था । इंतज़ार करते-करते समय बीत रहा था और सोनू लगातार पीहू को देखने के लिए बेचैन हो रहा था, मगर पीहू नहीं आई, सोनू मायूस होकर सीधे उसके घर पहुंच गया। और घर पहुँचते ही "पीहू पीहू" पुकारने लगा । "अरे !! सोनू क्यों चिल्ला रहा हैं ? "नानी रसोई से निकलकर बोली । "नानी पीहू को लेने एयरपोर्ट गया था, पर वह तो अमेरिका से वापिस ...Read More