मृत्यु का मध्यांतर

(50)
  • 39.1k
  • 5
  • 13k

अंक - पहला/१'अरे.. यार, नो.. नो.. नो कार तो बिलकुल भी नहीं, जायेंगे तो बाइक पर ही। प्लीज़ अजीत। कल हमारे साथ का लास्ट सन्डे मुझे तुम्हारे साथ दिल खोलकर जीना है, बस।' इशिता ने दोनो हाथ अजीत की कमर के इर्दगीर्द लपेटकर कहा।'अरे! लेकिन पागल, पूरा दिन बाइक पर... और वो भी इतने बड़े मुंबई शहर में। घूमने जाना है कि मरने...? अरे यार थककर चूर हो जायेंगे। बैटर है कि कार में जाए।' बार बार इशिता के गाेलमटोल गाल पर आ रही उसके बालों की लट को ठीक करते हुए अजीत बोला।इशिता ने कहा,'मुझे तुम्हारे साथ जिस तरह

Full Novel

1

मृत्यु का मध्यांतर - 1

अंक - पहला/१'अरे.. यार, नो.. नो.. नो कार तो बिलकुल भी नहीं, जायेंगे तो बाइक पर ही। प्लीज़ अजीत। हमारे साथ का लास्ट सन्डे मुझे तुम्हारे साथ दिल खोलकर जीना है, बस।' इशिता ने दोनो हाथ अजीत की कमर के इर्दगीर्द लपेटकर कहा।'अरे! लेकिन पागल, पूरा दिन बाइक पर... और वो भी इतने बड़े मुंबई शहर में। घूमने जाना है कि मरने...? अरे यार थककर चूर हो जायेंगे। बैटर है कि कार में जाए।' बार बार इशिता के गाेलमटोल गाल पर आ रही उसके बालों की लट को ठीक करते हुए अजीत बोला।इशिता ने कहा,'मुझे तुम्हारे साथ जिस तरह ...Read More

2

मृत्यु का मध्यांतर - 2

अंक - दूसरा/२लगा कि इशिता के भीतर छलकते स्नेह की झील का बांध अचानक से फट जाने की वजह जिस तरह पलक झपकते ही सबकुछ नष्ट करने के बाद शांत हो जाए, कुछ ऐसी ही अनुभूति के साथ इशिता अंदर से टूट गईं।'भीगे हुए गालों को दुपट्टे से पोंछते हुए बोली,मुझे इतना बताओगे कि..'इशिता में अजीत कहां नहीं है...? औैर अजीत में इशिता कहां है..?'थोड़ी देर चुप रहकर अजीत बोला,'सॉरी इशिता, तुम इकोनॉमी औैर इमोशन्स दोनों मॅच करके बात कर रही हो। इट्स टोटली रॉन्ग फ्रॉम माय पॉइंट ऑफ व्यू। मैं ऐसा कह रहा हूं अभी हमारे पास मौका ...Read More

3

मृत्यु का मध्यांतर - 3

अंक - तीसरा/३रुक रुक कर बोलने का प्रयास करते हुए इशिता पूछा,'आदि.. आदि ये.. क्यूं?''इशिता.... तीन दिन पहले अजीत ने शादी कर ली है।'थोड़ी देर तक आदित्य के गोद में सिर रखकर हिचकियां लेकर रोने के बाद इशिता को सांस लेने में दिक्कत होने लगी तो जल्दी से कार का डोर ओपन करके कार के बाहर निकल गई। आदित्य ने उसके सिर पर हाथ फेरकर पानी पिलाया। दिलासा देते हुए समझकर थोड़ी देर बाद कार में बिठाया। आदित्य को लगा कि इस सिचुएशन में जी भरकर रो लेना बेहतर है। बीच बीच में आदित्य के समझाने के पंद्रह मिनट ...Read More

4

मृत्यु का मध्यांतर - 4

अंक - चौथा/४दो दिन बाद सुबह करीब दस बजे के आसपास घर का सब काम निपटाकर इशिता ने कॉल आदित्य को। लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। फिर से कोशिश की, फिर से वही परिणाम। इसलिए इशिता ने मैसेज छोड़ दिया। उसके बाद अपने काम में लग गई। फिर भी मन तो आदित्य के कॉल की प्रतीक्षा में था। करीब एक घण्टे बाद भी आदित्य का कॉल नहीं आया तो इशिता को आश्चर्य हुआ। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इसलिए नंबर रिडायल किया। कॉल रिसीव हुआ।'हेल्लो.. इशिता एक अर्जेंट मीटिंग में हूं। काम खतम करके कॉल करता हूं।' इतना ...Read More

5

मृत्यु का मध्यांतर - 5

अंक - पांचवां/५'आदित्य कहीं भी नहीं गया। अहीं मुंबई में ही है एक महीने से। औैर घर पर ही वाे पूरी तरह से झूठ बोल रहा है तुम्हारे सामने।' श्रुति ने बदले हुए स्वर में जवाब दिया।इशिता का आदित्य के प्रति अडिग औैर आस्तिकता से भरपूर विश्वास से काफ़ी असंगत श्रुति के निवेदन से एक पल के लिए इशिता की दिल की धड़कन चूक गई।सिर पर हाथ रखते हुए बैठते हुए इशिता ने पूछा,'येे तुम क्या कह रही हो श्रुति? आर यू स्योर? मैं तुम्हारी भाई आदित्य की बात कर रही हूं। तुम्हें कोई मिसअंडरस्टैंडिंग तो नहीं हो रही है ...Read More

6

मृत्यु का मध्यांतर - 6 - अंतिम भाग

अंतिम अंक - छठा/६'आदित्य, आदित्य नहीं है इसमें आदि। सबकुछ अकेले अकेले ही करना है? प्रेम भी अकेले औैर भी अकेले ही? कही तो मुझे तुम्हारा साथी बनने दो न आदि।'इतना बोलते ही इशिता आदित्य के गले लगकर फूटफूट कर रोने लगी और पहली बार आदित्य के आंसुओं का मज़बूत बांध भी टूट गया।अब इशिता ने अपने मनोबल को वज्र जैसा कठोर कर दिया था। आदित्य के इतने सालों की एकलव्य जैसे एकतरफा आराधना की फलश्रुति रूप में सिर्फ़ इशिता के आंसु पर्याप्त नहीं थे। चेहरा पोंछ ते हुए इशिताने पूछा,'आदि इतना किया है तो अब एक वचन दो ...Read More