हा ठीक है, कल मुझे दाल सब्जी दूध लेकर आना है।अरे यार! कल तो मुझे ऑफिस के भी कपडे धोने है। इन्हे भी लिस्ट में शामिल कर लेती हुँ।अरे हा,नंदिनी के पास जो ब्लाउज सिलने को डाला था वो भी तो वापस लाना था आज श्याम को, अच्छा हो अगर सिलके हो गया हो तो।रिया एक डायरी में कल जो भी काम करने है उसकीटु डू लिस्ट बना रही थी।शाम के चार बज रहे थे आकाश में बदल घिर आए थे।उपर से बिजली की कड़कने की आवाजे आ रही थी।लोगो के बिच काम जल्दी निपटाने की हड़कंपी मची हुई थी,बच्चे
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जिंदगी से मुलाकात - भाग 1
हा ठीक है, कल मुझे दाल सब्जी दूध लेकर आना है।अरे यार! कल तो मुझे ऑफिस के भी कपडे है। इन्हे भी लिस्ट में शामिल कर लेती हुँ।अरे हा,नंदिनी के पास जो ब्लाउज सिलने को डाला था वो भी तो वापस लाना था आज श्याम को, अच्छा हो अगर सिलके हो गया हो तो।रिया एक डायरी में कल जो भी काम करने है उसकीटु डू लिस्ट बना रही थी।शाम के चार बज रहे थे आकाश में बदल घिर आए थे।उपर से बिजली की कड़कने की आवाजे आ रही थी।लोगो के बिच काम जल्दी निपटाने की हड़कंपी मची हुई थी,बच्चे ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 2
बारिश अब थोड़ी थोड़ी हल्की हो रही थी बूंदे छतसे टपकते हुए दिखाई दे रही थे।बूंदे प्लास्टिक के गमले गिर रही थी जिसमें गुलाब का फूल बारिश के तूफान के कारण मुरझा गया था।बादल हट चुके थे, सूरज सीना ताने बादलों से ऊपर उठकर आया था, इंद्रधनुष्य बन चुका था।रिया थोड़ी आगे बढ़ी की तभी अभी मैं जिंदा हूं। का नारा लगाते हुए एक बूंद उसके गालों पर आकर गिर गई।अचानक कुछ ख्यालो ने निसर्ग की सुंदरता ने रिया के मन को झंझोड कर रख दिया।कुछ ख्याल उसके मन में उभरने लगे।अपने दोनों आँखों को बंद करके, अपने दोनों ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 3
फोन सोफे पर रखकर रिया चैन की सांस लेते हुए बैठ गई कि तभी बाहर से किसी की आवाज ने बालकनी में जाकर देखा नंदिनी आवाज दे रही थी- आपका ब्लाउज हो चुका है,साड़ी को भी फॉल लग चुका है, आकर ले जायिए। नंदिनी की बात सुन रिया घर को ताला लगा के लाइट बंद करके नंदिनी के घर के तरफ चल पड़ती है।अपार्टमेंट से नीचे उतरते ही सामने नंदिनी खड़ी दिखाई देती है। नंदिनी रिया को देखकर हँस देती है पर रिया का हंँसी के गिफ्ट पर रिटर्न गिफ्ट देने का कोई इरादा नहीं होता,अपनी शाल को अपने आप से ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 4
रिया को आज पूरी रात नींद कहां आने वाली थी उसका दिमाग तो जीवन के 10 मिनट की बात पर ही अटका हुआ था ।आकाश में चांद साफ-साफ नजर आ रहा था उस चांद की रोशनी में आँँसु मोतियों से चमक रहे थे।उसका मन उसका दिमाग सिर्फ जीवन के ख्यालों में उलझा हुआ था।रिया जगह बदल के सोने की बहुत कोशिश कर रही थी पर उसका चैन कब का उड चुका था।अचानक उसके सीने में दर्द होने लगा उसने सिने पर कसके हाथ पकड़ लिया।मैंने अगर माफी मांगी तो इतना दर्द क्यों? इंसान जब भी कभी दर्द में होता है ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 5
डिप्रेशन की बात उसने किसी को बताना लाजमी नहीं समझा। अगर वह ऐसा करती तो उसका एंप्लॉय ऑफ ईयर का अवार्ड चला जाता।मेकअप इंसान ने बनाई हुई ऐसी चीज है जो बड़े-बड़े राज अपने अंदर छुपा लेती है।मेकअप के आड़ में उभरे हुए डार्क सर्कल रिंकल, पिंपल सब छुप गए और एक झुठी मुस्कान चेहरे पर खिल गयी। एक झूठी मुस्कान और एक बेजान जिंदगी लेकर चल रही थी रिया। हर एक झूठे पल के साथ उसका मन अंदर से कमजोर पड़ता जा रहा था और एक दिन वह पूरी तरह लाचार हो गया .रिया ने खुद के हाथ की ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 6
बाजू में बैठे पुरोहित अंकल को हिलाते हुए दिनेश बोला- अंकल, राजीव! सब कॉरिडॉर की तरफ लगे। राजीव भाग कर उन सब लोगों के पास आया कहां है रिया? रिया अभी आईसीयू में है। दिनेश ने भागकर दूसरे कमरे में बैठी एक नर्स को आवाज दिया। बेटा अब सिद्धार्थ कैसा है? प्रदीप काका चिंता से पूछने लगे। अभी ठीक है, उसके पास मेघा बैठी है। और भाभी.... दिनेश ने चिंता से सिर खुजाते पुछा। वो ठीक है, हां थोड़ी गुस्सा है लेकिन मैं समझूंगा तो शायद वो समझ जाए। आगे कुछ और सवाल पुछते उससे पहले ही जूनियर नर्स के बुलाने पर आईसीयू में से एक नर्स ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 7
मुझे पता था कुछ तो गड़बड़ है तुमने मुझे एक बार भी बताना लाजमी नहीं समझा ऐसा कुछ नहीं है.. आंटी मैं... बस ... अब मैं 71 साल की हूं अब ऐसे झटके सहन करने की ताकत मुझ में नहीं बची। आंटी ... सॉरी ... जोशी अंकल उनकी पत्नी को संभालते हुए बोले- तू तर आमचा जीव घेऊन सोडला असता जर त्यादिवशी सिद्धार्थ ने तुला बघितले नसते.. अचानक बोलते बोलते हैं वह रो पड़े। रिया अपने किए गए काम पर खुद ही शर्मिंदा थी। हम जब भी कोई गलत कदम उठाते हैं एक वक्त के लिए हम यह भूल जाते हैं कि अपने लोगों पर ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 8
क्यू किया रिया तुमने ऐसा? आखिर क्यों? रिया इस सोच में डूबी हुई थी घंटों बीत गए डॉक्टर ने गए दवाई का असर गंभीर सोच में कहीं खो चुका था। वह आंखें बंद कर सपनों के नौका में झूल रही थी। रिया मैं तुम्हें पहले ही बता रही हूं मुंबई मत जाओ यहां प्रदीप से शादी कर के घर बसालो। मैंने आपको पहले ही बताया Have My Dream. क्या है तुम्हारे ड्रीम? क्या हमें कभी सपने नहीं थे, क्या हम तुम्हारे जितने नहीं थे?! माँ बस करो आप अपना जमाना और मेरा जमाना अलग है, यहा हर एक चीज पाने के लिए संघर्ष करना ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 9
Sorry for delay exam coming.रिया को डिस्चार्ज मिलते ही सोसाइटी वालों ने उस पर स्ट्रीक एक्शन लेने का फरमान मिस्टर पुरोहित और मिस्टर जोशी जो कमेटी के सदस्य थे उनके समझाने पर रिया को 6 महीने की रहने की इजाजत दे दी गई। रिया ने इस 6 महीने के भीतर कुछ उल्टी-सीधी हरकत की तो उसे बिना नोटिस के उस सोसाइटी से बाहर निकाल दिया जाएगा। ऐसा आदेश मिस्टर शिंदे ने जारी कर दिया। उस पर सोसायटी के कुछ लोग काफी ख़ुश थे, लेकिन कुछ लोगों को ये नियमों का उल्लंघन लग रहा था। लेकिन अब रिया को इस बात का ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 10
मैं जिंदगी के उस दोहराएं पर खड़ी थी जिस दौर है पर मुझे सिर्फ एक को चुनना था जीवन फिर मां।जीवन को चुनती तो वहा उसके साथ बहुत खुश रहती और अगर मां को चुनौती तो जीवन को हमेशा हमेशा के लिए छोड़ कर जाना पड़ता।मैंने काफी सोचा मैं हैदराबाद में ना जाऊ पर मैं यहां सब कुछ छोड़ कर अपना सपना ही तो पूरा करने आई थी। अपना सब कुछ छोड़ एक अनजान शहर में इतना सब कुछ सहन करने के बाद मैं पीछे कैसे हट सकती थी। मां को कीमोथेरेपी के लिए पैसा चाहिए था, भाई की एडमिशन ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 11
मिसेस जोशी के कहने पर रिया ने जीवन को फोन लगाया।फोन बजता रहा, कुछ देर बाद फोन पर एक की आवाज आयी- हेलो हेलो मुझे जीवन से बात करनी है। रिया ने घबराहट में अपनी बात रखी। जीवन अभी नहाने गया है। इतनी कोशिशों के बाद भी मैं उससे बात नहीं कर पाऊंगी, ऐसा डर और फोन पर बात करने वाली औरत का जीवन से क्या संबंध है इसकी जिज्ञासा जाग उठी रिया को। वैसे... आ..प कौन? रिया ने हिचकिचाहट में पूछा। मैं, मिसेस सरपोत्तदार। रिया जवाब सुनते ही भौचक्का हो गई 1 एक मिनट के लिए जैसे उसके जुबान पर ही ताला लग गया ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 12
एक अरसे बाद जब कोई उम्मीद नहीं बचती है, तो बचती है वो रहा जिस पर हम चल रहे तो कुछ नहीं बस मंजिल पर पहुंचने पर भटकने की भावना थोड़ी देर के लिए कम हो जाती हैं। रिया भी कुछ ऐसे ही दौर से गुजर रही थी, खुद को काम में डूबा करो जीवन को पूरी तरह भूल जाना चाहती थी।जीवन का move on करना उसे अपने ही की गई गलती का आईना दिखाता था। वह एक बार फिर डिप्रेशन जैसे हालत से जाकर सुसाइड कर खुद को दोगला और कमजोर साबित नहीं करना चाहती थी। बचपन से स्वतंत्र ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 13
जिंदगी चलती जा रही थी। विक्रम हैदराबाद जैसे शहर में अपने कंपैटिबिलिटी की जॉब ढूंढ रहा था। कहीं जगह लॉजिस्टिक की तौर पर या फिर एक्सेल एग्जीक्यूटिव के तौर पर इंटरव्यू देने चाहे पर उसका सिलेक्शन नहीं हुआ।थक हारकर उसने यह भी सोचा कि वह कोई साधारण सी जॉब कर ले पर नो वैकेंसी का सामना करना पड़ा।तो कहीं जगह अमेरिका छोड़ आने पर ताने भी कसे गए। विक्रम अपनी जिंदगी से परेशान हो चुका था, बैंक बिजनेस के लिए लोन नहीं दे रही थी, नौकरी नहीं मिल रही थी।कहीं भाग जाना चाहता था वो। जब भी हमें कभी लगे ...Read More
जिंदगी से मुलाकात - भाग 14
रिया की आंखें अचानक से साइझ से कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गई और आश्चर्य से मुंह खुल गया। कुछ सोचकर मिचमिचाने लगी। यह मिसेज जोशी का लड़का है विजय जोशी, लेकिन वह तो 15 साल पहले... आंटी इसके लिए इतने आंसू बहा रही थी। अंकल आंटी को छोड़कर विदेश भाग गया। रिया के चेहरे की रंगत हर एक सोच के साथ गुस्से में परिवर्तित होती जा रही थी। अचानक रिया के ख्यालों से विजय ने उसे बाहर निकाला। तुम.. तुम विजय हो? अपने चेहरे के भाव नियंत्रण में रखते हुए रिया ने पूछा। हा.. विजय ने धैर्य और हिकीचहाट के साथ ...Read More