आपकी आराधना

(188)
  • 118.6k
  • 8
  • 38.9k

बेसहारा, गरीब और अनाथ ये तीनों शब्द आराधना को चुभ गये। उसके अंदर सिहरन सी पैदा हो गयी और उसके होंठ कंपकपाने लगे, मानो किसी ने उसे तीर मार दिया हो। आखिर क्या हुआ था उसके साथ? क्या है उसका अतीत? पढ़िये आराधना की कहानी...

Full Novel

1

आपकी आराधना - 1

अतीत के कुछ अनसुलझे रहस्य जो बदल देंगे आराधना की जिन्दगी..... ...Read More

2

आपकी आराधना - 2

अतीत के कुछ अनसुलझे रहस्य जो बदल देंगे आराधना की जिन्दगी..... ...Read More

3

आपकी आराधना - 3

अतीत के कुछ अनसुलझे रहस्य जो बदल देंगे आराधना की जिन्दगी..... ...Read More

4

आपकी आराधना - 4

अतीत के कुछ अनसुलझे रहस्य जो बदल देंगे आराधना की जिन्दगी... ...Read More

5

आपकी आराधना - 5

अतीत के कुछ अनसुलझे रहस्य जो बदल देंगे आराधना की जिन्दगी.... ...Read More

6

आपकी आराधना - 6

भाग - 06 मनीष की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, एक पल को जी करता कि वह अभी अपने को आराधना के बारे मे बता दे, लेकिन असली मुद्दा तो मम्मी को मनाना है, पता नही आज के रिश्ते के लिये उन्होंने पूरी तरह मना किया या नही, वैसे भी उस लड़की की फोटो देखकर वो मनीष के पीछे ही पड़ गयी थी। इधर प्यार के नए रंगों से आराधना खिलने लगी , उसने कभी सोंचा नही था उसकी जिन्दगी मे कोई इस तरह आ जायेगा।उसके मन ...Read More

7

आपकी आराधना - 7

भाग - 07 मनीष ने अपना मोबाइल देखा, अरे! मम्मी के 7 मिस्ड कॉल्स, ऐसी क्या हो गयी ? " आराधना अब हमे चलना चाहिए, शायद घर पर सभी वेट कर रहे हैं " मनीष ने मिस्ड कॉल्स दिखाते हुए आरधना से कहा। एक बार फिर मोबाइल का रिंगटोन बजने लगा, इस बार कॉल पर मिस्टर अग्रवाल थे। " Hello Manish, कहाँ हो बेटा " " Hello papa, मम्मी गुस्सा तो नही है ना, हम बस पहुँचने ही वाले हैं " इतना कहकर ही मनीष ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। " चलो मैडम अग्रवाल हॉउस मे सब ...Read More

8

आपकी आराधना - 8

भाग - 08 " दुश्मन ही तो है, इस लड़की ने न जाने आप दोनो पर जादू कर दिया है, आप ये तक भूल गये कि ये हमारे शॉप की नौकरानी है और आप चाहते हैं कि हम इसे अपने घर की महारानी बना ले " अब कमला मिस्टर अग्रवाल पर भी बरसने लगी। " वो सब मेरे लिये कोई मायने नही रखता, मै तो बस इतना जानता हूँ ये हमारे बेटे की पसंद है और अच्छा होगा कि तुम भी आराधना को स्वीकार कर लो " " दुनिया वाले क्या कहेंगे, जिसके न जात का पता ...Read More

9

आपकी आराधना - 9

भाग - 09 " क्या..... हसबैंड और बेटे की डेथ .. वो कैसे? " " हाँ, हुआ ये तो नही बताया मुझे। एक बेटी है जो शादी के बाद कनाडा मे शिफ्ट हो गयी, वो अपनी माँ को फोन तक नही करती। बस इस तरह से बेचारी काम की तलाश मे कोरबा आ गयी " " लेकिन उन्हे तो भिलाई मे भी काम मिल सकता था, फिर क्यों " कमला आंटी के बारे मे सुनकर आराधना को गहरा धक्का लगा, उसका पहला प्यार मनीष जो उसे ...Read More

10

आपकी आराधना - 10

भाग - 10 " चुप पगले ! पापा को थैंक यू बोलता है। तेरे लिए तो जान भी हाजिर " " नही पापा ! जान बचाकर रखो अभी मम्मी और शीतल को भी मनाना है " " बदमाश ! अरे आरधना बेटी ,अंदर तो आओ अब " मिस्टर अग्रवाल ने मुस्कुराते हुए आराधना को अंदर बुलाया। धीरे - धीरे आराधना अपने कदम बढ़ाने लगी। भले ही ये घर किराये का हो और स्वागत के लिए उसकी सास मौजूद न हो पर किस्मत मे जो लिखा है उसे ...Read More

11

आपकी आराधना - 11

भाग - 11 रात के 9 बज रहे थे आराधना और मनीष डिनर के लिए न जाने दोनों की भूख कहाँ गायब थी पर आराधना ने इतने प्यार से आलू और भिंडी की सब्जी बनाई है यही सोचकर ही मनीष ने प्लेट उठाते हुए पहला निवाला आराधना को ही खिलाया। मनीष के मोबाइल मे रिंगटोन बजने लगा शायद उसके पापा का ही कॉल हो इलसिये वह खुश हुआ " हेलो पापा, पहुँच गये आप " " हाँ बेटा, तुम दोनो ठीक तो हो न " ...Read More

12

आपकी आराधना - 12

भाग -12 आराधना अपने आप को सँभाल न सकी और उसके मन का गुब्बार गया, अमित के सीने से लगकर वह फूट - फूट कर रोने लगी। अमित भी हैरान था एक के बाद एक झटके जो आराधना और उसकी जिन्दगी मे तूफान से ला रहे थे। अग्रवाल अंकल की शख्सियत का तो वो भी दीवाना था, कितने भले आदमी थे वे। वैसे उनकी मुलाकातें तो बहुत कम हुई थी लेकिन कुछ लोगों का व्यक्तित्व ही इतना शानदार होता है की पहली दफा ही वे मन मे ...Read More

13

आपकी आराधना - 13

भाग - 13 मिस्टर अग्रवाल की ये बातें सुनकर आराधना फूली न समायी और सोंच कर ही पागल सी गयी। शायद ये किसी सपने से कम न हो, पर सपने भी तो एक दिन सच हो सकते हैं न। लेकिन अचानक से ये सब कैसे ? शायद ये उसकी प्रार्थनाओं का ही असर है लगता है इस बार भगवान ने उसकी विनती स्वीकार कर ली। इतनी बड़ी खुशखबरी वह बिना मनीष से साझा किये कैसे रह सकती थी ? एक बेटा जो अपनी माँ और बहन के प्यार के लिए तरस रहा था शायद उसे सब कुछ मिल ...Read More

14

आपकी आराधना - 14

भाग - 14 " कैसी हैं आंटी आप? " पानी का गिलास और नाश्ते की प्लेट सामने रखते हुए ने कमला आंटी से कहा। " कैसी हूँ मै?..... जिस माँ का जवान बेटा छीनकर तुमने अपने बस मे कर लिया, और जिसके पति को अपने इशारे पर नचा रही हो। उस माँ से हाल- चाल पूछती हो.... कुछ तो शर्म करो लड़की। मै तुमसे यही सब तो कहना चाहता थी आराधना, पर मै हार गई तुम्हारे प्यार के आगे, मै समझ गयी हूँ कि मेरे मनीष की पसंद गलत हो ही नही सकती। शीतल से पूछ लो तुम ...Read More

15

आपकी आराधना - 15

भाग -15 " अरे! आराधना जी, कहाँ खोयी हो आप? मनीष जी आपको बात करने के लिये तड़प रहे अपना मोबाइल कहाँ भूल आयी आप? बाहर से आते हुए अमित ने कहा। उसकी बातों ने आराधना का ध्यान भंग किया। " ओ.. मै तो मोबाइल किचन मे ही भूल आयी " आराधना ने आसपास नजर दौड़ाते हुए कहा। अमित ने अपना मोबाइल उसे थमाया और कहा कि वो बाहर ही खड़ा है। " हेलो मनीष जी, सॉरी वो मै मोबाइल किचन मे रखकर..." ...Read More

16

आपकी आराधना - 16

आराधना के माथे पर चिंता की लकीरें थी रह -रह कर उसके मन मे ख्याल आता रहा। मनीष ने तक उससे बात नही की, हाल- चाल तक नही पूछा, कोई नाराजगी नही फिर भी उसके साथ ऐसा बर्ताव क्यों? और आज फिर अचानक से इस असहनीय पीड़ा का क्या मतलब था? उसने तो कोई नयी मेडिसिन नही ली जिसका कोई साइड इफेक्ट हो। ................................................ गरियाबंद का डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल जहाँ चारों ओर चहल-पहल थी। पहली बार मनीष के बगैर आराधना ने अपने पाँव बाहर रखे थे और वो भी किसी और के साथ। आसपास नजरें दौड़ाती और सकुचाती हुई वह ...Read More

17

आपकी आराधना - 17

" बस.... इससे आगे तुम और क्या कर सकती हो चालाक लड़की। लेकिन अब इतना याद रख लो मनीष सारे रिश्ते तोड़ चुका है और तो और उसने अपने लिये लड़की भी पसंद कर ली है " कमला आंटी की इन बातों ने आराधना के हृदय मे गहरे आघात कर दिये और उसके हाथ से मोबाइल छूट कर नीचे गिर गया चारो तरफ अंधेरा सा छाने लगा और वह चक्कर खाकर नीचे गिर पड़ी। ............................................ होश आने पर उसने खुद को हॉस्पिटल मे एडमिट पाया। अमित उसके सिराहने पर ही बैठा था और माथे पर भी चिंता की लकीरें ...Read More

18

आपकी आराधना - 18

अग्रवाल हाऊस का ये गेट जहाँ आराधना ने अपना पहला कदम रखा था और उसे तो ऐसा एहसास हुआ जैसे उसके आने पर ये गार्डन के फूल-पत्ते उसके स्वागत मे ही खिले हों और अपनी खुशियाँ बिखेर रहे हो। पर आज इस गेट पर लगे ताले को देखकर तो काटों की चुभन सी महसूस हो रही है। चौकीदार ने यहाँ भी तो वही खबर सुनाया जो ह्रदय को चीर कर किसी जहरीले बाणों की तरह निकल गये हो। कितने सुनहरे सपने सजाए थे उसने और इंतजार बस उस दिन का था जब मनीष के साथ वह अपने ससुराल मे ...Read More

19

आपकी आराधना - 19

अमित ने आराधना को गले से लगा लिया और मुस्कुराते हुए कहा- " ये हुई न बात आराधना, कमला आंटी का जिक्र भी मत करना। चलो अब अच्छी सी चाय मिल जाये तो क्या बात हो? " " आज आपके हाथों से बनी चाय मिल जाये तब तो और मजा आ जाये मेरे पतिदेव जी " आराधना ने बिस्तर पर बैठकर ही अँगड़ाई लेते हुए कहा। वंश के उठ जाने के बाद अमित के हाथों की चाय की चुस्कियाँ लेते हुए आराधना मन ही मन सोचने लगी कि अब वह सुनीता से नही मिलेगी। अग्रवाल अंकल, मनीष के साथ ...Read More

20

आपकी आराधना - 20

कमला की सिसकियाँ सुनकर भी आराधना मौन ही रही पर अनगिनत सवाल उसके मन मे हिलोरें मार रहे थे। आंटी पर ये सब हुआ कैसे? अंकल और मनीष जी की डेथ कैसे? आप ऐसा क्यों कह रही कि मनीष जी ने आराधना को धोखा नही दिया? " आराधना को मौन देखकर अमित ही कमला से पूछ बैठा। कमला ने अपने आँसू पोछते हुए कहा- " शीतल और मेरा आराधना से मिलने गरियाबंद जाना सब एक बना बनाया प्लान था, वैसे तो मै पहले से ही नही चाहती थी कि आराधना हमारे घर की बहू बने लेकिन मेरी जिद को ...Read More

21

आपकी आराधना - 21 - अंतिम भाग

कमला ने एक बार फिर आराधना के पैर पकड़ लिये और रो -रो कर माफी माँगती रही। आराधना तो की तरह कठोर हो चुकी थी, उसका मन अंकल और मनीष की यादों मे ही खो गया। वह कुछ बोलने की स्थिति मे नही थी फिर भी उसने कमला को उठाकर सोफे पर बैठाया जरूर लेकिन उनकी माफी पर उसने कोई प्रतिक्रिया नही दी शायद उसकी दर्द भरी दास्तान सुनकर उसके होंठ सिले ही रह गये। कैसे एक बेटा ही अपने पिता की मौत का कारण बन गया? नशे ने एक रात मे ही सबकुछ बदल दिया और सबका जीवन तबाह ...Read More