बेनामी ख़त

(8)
  • 31.2k
  • 0
  • 7.8k

Dear ख़त ,सोचा पहला ख़त तुम्हे ही लिखना चाहिए । क्योंकि आज कल के digital जमाने में भला तुम्हे याद कौन करेगा ? तुम्हे तो सिर्फ कुछ सरफिरे लोग ही लिखते है और मुझे खुशी है कि मैं उन सरफिरे लोगो में शामिल हूँ । तुम्हारा नाम भी मैंने "बेनामी ख़त " इसीलिए रखा है क्योंकि तुम किसी एक के लिए नही हो । मैंने तुम्हें बिल्कुल आजाद लिखा है । तुम जहाँ चाहो वहाँ जा सकते हो । मैं तुम पे कोई पता नही लिखूँगा और न ही कोई नाम । तुम हर उस शख्स के हो सकते हो जो

New Episodes : : Every Saturday

1

बेनामी ख़त - 1

Dear ख़त ,सोचा पहला ख़त तुम्हे ही लिखना चाहिए । क्योंकि आज कल के digital जमाने में भला तुम्हे कौन करेगा ? तुम्हे तो सिर्फ कुछ सरफिरे लोग ही लिखते है और मुझे खुशी है कि मैं उन सरफिरे लोगो में शामिल हूँ । तुम्हारा नाम भी मैंने "बेनामी ख़त " इसीलिए रखा है क्योंकि तुम किसी एक के लिए नही हो । मैंने तुम्हें बिल्कुल आजाद लिखा है । तुम जहाँ चाहो वहाँ जा सकते हो । मैं तुम पे कोई पता नही लिखूँगा और न ही कोई नाम । तुम हर उस शख्स के हो सकते हो जो ...Read More

2

बेनामी ख़त - 2

Dear किताब ,एक खत तुम्हारे भी नाम का । इसलिए क्योकि वो लड़का तुम्हे आज तक लिख नही पाया ऐसा नही की उसने कोशिश नही की , उसने कोशिश तो की लेकिन शुरू की हुई कहानी को उसके अंजाम तक नही पहोचाया उसे बस अधूरा रहने दिया । इसलिए ये खत के जरिये वो तुमसे माफी मांगना चाहता है और तुमसे उम्मीद रखता है कि तुम उसे माफ भी कर दोगी । मुझे आज भी याद है उस 14 -15 साल के एक बच्चे ने स्कूल में एक लेखक बनने का ख़ाब देखा था । क्यो - किसलिए मुझे नही ...Read More

3

बेनामी ख़त - 3

( ये किसी एक के लिए नही है वल्कि हर उस इंसान के लिए है जिसने कभी जिंदगी में मोहब्बत की है लेकिन अब वो उनके साथ नही है । इसका हर शब्द बिल्कुल आजाद है वो जहाँ चाहे वहाँ पहोच सकता है ओर जो चाहे वो ले सकता है । मैं उन लोगो से इसे समझने की उम्मीद नही करता जिसने अपना बचपन अपने माता पिता के साथ गुजारा है या फिर उन लोगो से जिसने कभी सच्ची मोहब्बत नही की । )Dear , Z ( जहाँ एक अंत होता है )कानों पे हेडफोन लागए है और उसमें ...Read More