मुक्म्मल मोहब्बत

(172)
  • 165.5k
  • 8
  • 48.4k

कहीं संवेदनाएं जुड़ी. कुछ महसूस हुआ. अंदर जजबातों का धुआं घुमड़ने लगा.फिर जजबात इस कदर मचले कि एक गुबार सा फूटा.जजबात छिटके,बिखरे ,फिर जुड़ते चले गए. बनने लगी कोई दांस्ता और खुद व खुद अल्फाजों की लयबद्ध पंक्तियां कागज पर उतरती चली गईं. जब रूकीं तो एक मुक्म्मल दांस्ता सामने. यही है ,बस मेरे लिखने का मर्म. लेकिन, जब कोई किसी निश्चित पर कुछ अद्भुत सा लिखने को बोले, तब कितनी मशक्कत होती है.मशीन की तरह काम करना. जबरदस्ती की परिस्थितियां क्रियेट करो.फिर उससे जुड़ने की कोशिश करो. शब्दों को पंक्तियों में पिरोओ.फिर कागज रंगने बैठो.कितना अननेचुरल

Full Novel

1

मुक्म्मल मोहब्बत - 1

कहीं संवेदनाएं जुड़ी. कुछ महसूस हुआ. अंदर जजबातों का धुआं घुमड़ने लगा.फिर जजबात इस कदर मचले एक गुबार सा फूटा.जजबात छिटके,बिखरे ,फिर जुड़ते चले गए. बनने लगी कोई दांस्ता और खुद व खुद अल्फाजों की लयबद्ध पंक्तियां कागज पर उतरती चली गईं. जब रूकीं तो एक मुक्म्मल दांस्ता सामने. यही है ,बस मेरे लिखने का मर्म. लेकिन, जब कोई किसी निश्चित पर कुछ अद्भुत सा लिखने को बोले, तब कितनी मशक्कत होती है.मशीन की तरह काम करना. जबरदस्ती की परिस्थितियां क्रियेट करो.फिर उससे जुड़ने की कोशिश करो. शब्दों को पंक्तियों में पिरोओ.फिर कागज रंगने बैठो.कितना अननेचुरल ...Read More

2

मुक्म्मल मोहब्बत - 2

कितनी अजीब बात है. इंसान तंन्हाईयों में भी तंहा नहीं रहता. किसी की यादें, किसी के साथ गुजरेलम्हें, कुछ कुछ सवालात, कुछ उलझनें... दिमाग में आडियो-वीडियो चलते रहते हैं. स्वीच ऑफ ही नहीं होता दिमाग का. अरे,जनाब!जब तक सांसें हैं, दिल की धड़कनें हैं-दिमाग का स्वीच ऑफ कहां होगा. जहां सांसें रूकी सब बंद.दिमाग का थियेटर भी बंद. मैंने एक गहरी सांस ली और कार की स्पीड़ बढ़ा दी.सडक़ खाली थी.कम स्पीड़ पर चलने का कोई औचित्य नहीं था.ड्राइविंग करते हुए मेरी नजरें सड़क किनारे लगे पाकड़ के पेड़ों के बीच खड़े अमलतास के पेड़ों पर उलझ जातीं. फूलों ...Read More

3

मुक्म्मल मोहब्बत - 3

मुझे हिल स्टेशन पर किसी भी होटल में रूकना कभी नहीं भाया. ऐसा नहीं कि मुझे वहां की सुविधाएं नहीं. दरअसल, पहाड़ों पर मुझे एकदम एंकात, शान्त, पेडों के झुरमुटों के बीच का आवास ही भाता है. दूसरे होटल में अधिकांश नये जोड़े ही आते हैं. जिन्हें देखकर मेरा जी जलता है. ऐनी मेरा साथ नहीं देती और ऐनी के बिना होटल मुझे संकू नहीं देता. जब किसी हिल स्टेशन पर कहीं अपनी पंसद की किराए की जगह ढूंढी या किसी दोस्त के घर रूका.लेकिन, दोस्त के घर लम्बे समय तक नहीं रूका जा सकता. ऐसे में ...Read More

4

मुक्म्मल मोहब्बत - 4

मैंने कार काटेज के पीछे पार्क की और कार में से बैग निकाल कर कंधे पर डाला. सीधे काटेज गेट पर पहुंच कर कालवेल बजा दी.कालवेल बजाकर मैं आसपास के पेड़ों पर निगाहें दौड़ने लगा.तभी गेट के दायीं ओर लगे सेब के पेड़ पर लटक रहे गुलाबी सेब को देखकर में मुस्कुरा दिया. यह लाल-गुलाबी सेब मुझे किसी कमसिन बाला के गालों जैसे लगते हैं. मैं सेब खाता कम देखता जायदा हूँ."अंदर,आओ,नील."जोशी आंटी की आवाज सुनकर मैंने पलटकर उनकी तरफ देखा. आंटी धीरे से मुस्कुराई.मैंने झुककर उनके पाँव छूएं. उनका दांया हाथ मेरे सिर पर आशीर्वाद के ...Read More

5

मुकम्मल मोहब्बत - 5

माथे पर हाथ के स्पर्श का एहसास हुआ तो पलकें खुद-व-खुद खुल गईं.जोशी आंटी माथे पर हाथ रखे पूँछ थीं-"नील,बेटा, तबीयत तो ठीक है?" मैंने आँखें खोलीं तो अपनी स्थिति का भान कर झेंप गया. कपड़ें चेंज करना तो दूर की बात जूते तक नहीं खोले थे."सफर की थकान थी.लेटा तो आँख लग गई. मैं ठीक हूँ."मैंने उठते हुए कहा."अच्छा, तुम नहा लो.तरोताजा हो जाओगे. मैं तुम्हारे लिए चाय के साथ प्यार की पकौड़े तलती हूँ."वह आश्वत् होकर बोलीं."अरे,आंटी, क्या करेगीं पकौड़े बनाकर. अंकल खायेंगे नहीं. मैं चाय के साथ नमकीन और बिस्किट ले लूंगा."अंकल की बीमारी सुनकर ...Read More

6

मुक्म्मल मोहब्बत - 6

नैनीताल आकर नैना देवी के मंदिर न जाऊं ऐसा हो नहीं सकता .वैसे मैं पूजा-पाठ नहीं करता. कभी भगवान नाम की धूप, दीप भी नहीं जलाता. मेरे फ्लैट में किसी भगवान की फोटो या मूर्ति भी नहीं है. लेकिन, कहीं दूसरे शहर घूमने जाऊँ और राह में कोई मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा दिख जाये तो मत्था जरूर टेक लेता हूँ. वह भी पूरी श्रद्धा के साथ. नैनीताल आकर भी एक बार नैनादेवी के मंदिर जरूर आता हूँ. आज भी इसी उद्देश्य से चला आया. मैंने देवी के आगे मत्था टेका. आँख बंद कीऔर हाथ जोड़कर खड़ा हो गया. ...Read More

7

मुकम्मल मोहब्बत - 7

मैं वोट का प्रीपेड करके वोट की ओर बढ़ा ही था कि दूर से एक सुरीली आवाज सुनाई दी-"हाय,स्वीट मैं मन ही मन हँसा. तुम्हें ही मेरी खूबसूरती नहीं दिखाई देती.मेरा खूबसूरत हेयरस्टाइल, छः फीट की लम्बाई के साथ गठा बदन,काली बड़ी -बड़ी आँखें, गुलाबी होंठ. आत्मविश्वास से भरी चाल.जहां जाता हूँ, लड़कियां फिदा हो जाती हैं. अब,देखो न !आ गई लड़की कंम्पनी देने. अ...र..रे,ऐनी नाराज न होना. मैं उस कंम्पनी की बात नहीं कर रहा.वह तो बह तुम्हारे लिए ही रिजर्व है.इस बार आवाज ठीक पीछे से आयी-"हाय स्वीट!"वोट की ओर बढ़ते कदम रुक गये. मैंने पलट ...Read More

8

मुक्म्मल मोहब्बत - 8

मेरे दिमाग के सारे चेनलों में बस एक ही नाम की धूम मची थी-मधुलिका.... मधुलिका... मधुलिका. वह मेरे दिलोदिमाग इस कदर हाबी थी कि नींद में भी उसका चेहरा मेरी आँखों के आगे से नहीं हटा था.मेरा क्या जिसने भी उसे देखा होगा उसका यही हाल हुआ होगा. वह है ही बला की खूबसूरत. अजीब सा आकर्षक है, उसमें. एक मदहोश कर देने वाला नशा.सोचता हूँ, अभी अधखिली कलीहै.खिलकर फूल बनेगी तब....तब शायद आग लगा देगी हर जवां दिल में. मन में एक संशय उठा. जिसे मैं अनछुई कली समझ रहा हूँ कहीं वह किसी ऐसी जगह ...Read More

9

मुक्म्मल मोहब्बत - 9

मुक्म्मल मोहब्बत -9 आज जब मैं झील पर पहुंचा तो मधुलिका पहले से ही वोट के मौजूद थी.उसने मुझे दूर से ही देखकर फ्लाइंग किश दिया. मैं भी उसे फ्लाइंग किश दिया और वोट का प्रीपेड करने लगा.वापस आया तो मधुलिका इत्मिनान से वोट में बैठी हुई थी. पलभर के लिए मेरा माथा फिर ठनका-लड़की बिंदास है या और कुछ भी.दो मुलाकातों में इतना विश्वास ! लेकिन, अगले ही पल मैंने इस विचार को झटका दे दिया. उम्र ही क्या है, बेचारी की.दुनियां देखी ही कहां है.चेहरे की मासूमियत और आँखों का भोलापन गवाही दे रहा ...Read More

10

मुक्म्मल मोहब्बत - 10

मुक्म्मल मोहब्बत -10 "मौत सरसराती हुई आये और आपसे अठखेलियाँ खेलने लगे.जिदंगी हाथ रेत सी फिसलने वाली हो.इस खौफनाक मंजर से हम रूबरू हो रहे हों.तब ,अगर कोई सफेद बादल सा हमें अपने आगोश में ले ले.और फिर हम जिंदगी की दहलीज पर खड़े हों-एक नई जिदंगी हमारे आगे खडी़ मुस्कुरा रही हो-तब हमें जिदंगी देने वाला वह शक्स हमारे लिए खुदा नहीं बन जाता क्या ?"मधुलिका ने हाथ में पहने मोगरे के गजरे को चूमते हुए कहा. ऐसा लग रहा था कि आवाज उसके अंदर कहीं गहरे से आ रही है. साथ ही लगा ...Read More

11

मुक्म्मल मोहब्बत - 11

मुक्म्मल मोहब्बत -11"नील,कहां मटरगश्ती कर रहे हो ?बहुत लापरवाह हो.काम कब शुरू करोगे?"मोबाईल उठाते ही ऐनी ने तोप के उडा दिये."डियर, ऐनी !कभी तो प्यार से बात कर लिया करो.बिस्तर पर हूँ . भला रात के ग्यारह बजे कहां मटरगश्ती करुंगा.""क्या चल रहा है?""वोटिंग.""कब तक वोटिंग करोगे. माना तुम्हें नैनी झील में वोटिंग पंसद है. लेकिन, कब तक ?""अब ,यह सिलसिला लंबा चलेगा.""पागल हो गए हो तुम?"ऐनी दहाड़ी."तुम्हारी दुआ से भला चंगा हूँ.""काम कब शुरू करोगे?""शुरू कर दिया. झील में वोटिंग करते हुए.""ठीक से बात करो."ऐनी झल्लायी."मुझे वोट में एक बला की खूबसूरत लड़की कहानी सुना रही है.""जवान,खूबसूरत ...Read More

12

मुक्म्मल मोहब्बत - 12

मुक्म्मल मोहब्बत-12 "बादल की हथेली से बहता खून देखकर मुझे ऐसा लगा-मेरे शरीर का सारा बह गया. मैंने अपनी जेब से रूमाल निकाल कर उसकी हथेली में लपेट दिया. लेकिन, चोट गहरी थी.खून रूक ही नहीं रहा था.मैंने बादल की हथेली को अपनी स्कर्ट में लपेट लिया .खून तो रूका. लेकिन, स्कर्ट रंगीन हो गई."कहते हुए वह रूकी. फिर बोली-"स्वीट तुम्हें पता है?""क्या?"टाईप करते हुए मेरे हाथ रुक गये."बादल की हथेली में तीन टांके आये.""ओह!"मैंने धीरे से कहा."लिखो न!""अंय,हां."मेरे हाथ चलने लगे."उसकी हथेली पर पट्टी बंध गई. वह अपने काम एक हाथ से कर रहा था.बैग ...Read More

13

मुक्म्मल मोहब्बत - 13

मुक्म्मल मोहब्बत-13 मुझे आश्चर्य भी थाऔर मैं परेशान भी था.झील के किनारे, वोट के पास ,मुझसे पहुंचने वाली मधुलिका का कहीं पता नहीं था.जबकि मुझे उसके यहां मिलने का पूरा यकीन था.इसलिए मैंने वोट का प्रीपेड भी कर दिया था. अब झील के किनारे में पन्द्रह मिनट से चक्कर काट रहा हूँ. साथ ही कई सवाल भी मेरे दिमाग में कौंध रहे हैं. कहीं बीमार तो नहीं हो गई. लेकिन, कल तो भली चंगी थी.शायद,नाराज हो गई. मैंने स्वयं को उसका दोस्त कह दिया था. जबकि वह बादल के अलावा किसी को अपना दोस्त मानती ही ...Read More

14

मुकम्मल मोहब्बत - 14

मुकम्मल मोहब्बत -14 मैने अपनी गर्दन मधुलिका की ओर घुमायी तो उसकी निगाहें मेरे चेहरे पर हुई थी. मैं कुछ कहता, वह गम्भीरता से बोली-"इतने सीरियस क्यूँ हो?ममा से डॉट पड़ी है?"उसकी बात सुनकर मैं हँसने ही वाला था, लेकिन मैंने अपने चेहरे पर संजीदगी ओढ़ ली."देखो,स्वीट डियर !ममा की डॉट का बुरा नहीं मानना चाहिए. दरअसल ,हम उनकी नजरों में कुछ गलत करते हैं, तब वह हमारे भले के लिए हमें डाटते हैं."मधुलिका ने गम्भीरता से कहा."उनकी नजरों में हम कुछ गलत करते हैं..."मैंने उसका वाक्य दोहराया."हां,कुछ चीजें हमारी नजरों में सही होती हैं और हम उन्हें करते ...Read More

15

मुकम्मल मोहब्बत -15

मुकम्मल मोहब्बत -15"आखिर एक दिन ममा को मानना ही पड़ा कि जाति-बिरादरी से भी ऊँची कोई चीज होती है.वह की जान बचा ले जाना अपनी जान की परवाह किए बगैर. किसी की मुसीबत को अपने सीने पर झेल जाना.बिना किसी रिश्ते के,बिना किसी लालच के.दूसरों के दुख को अपना दुख समझना. दूसरों की खुशी को अपनी खुशी. रोते हुए चेहरे पर मुस्कुराहट लाकर खुद मुस्कुराना....""तुमने ममा को बताया होगा कि बादल ने कैसे जेवलिन का बार अपनी हथेली पर सहकर तुम्हें बचाया.""उस दिन मेरी स्कर्ट में लगा खून देखकर ममा बहुत डर गई थीं. उन्हें लगा यह मेरे ...Read More

16

मुकम्मल मोहब्बत - 16

मुकम्मल मोहब्बत -16नैनी झील से घर वापस आते हुए ,मेरा मन भी अच्छा नहीं था. शायद ,मधुलिका की उदासी ऊपर हाबी हो गई थी. चहकने वाली चिड़िया अपने पंखों में सिमट जाये तो उसकी खैरियत की चिंता तो होगी ही.मुझे उसका इस मनस्थिति में अकेले घर जाना अच्छा नहीं लग रहा था.लेकिन, मुझमें इतना साहस न था कि मैं उसे घर छोड़ने की बात कह सकूं. कहीं उसकी ममा.... पहले ही वह बादल का दर्द सह रही है. मुझे लेकर कोई शंका उठी तो कैसे सह पायेगी. वैसे भी छोटी -छोटी बातों को लेकर इमोशनल हो जाती ...Read More

17

मुकम्मल मोहब्बत - 17

मुकम्मल मोहब्बत -17"आज का दिन कैसा रहा?""अब तक का सबसे खराब दिन.""क्या हुआ?""आज मधुलिका झील पर नहीं आयी.शायद ,अवसाद अभी उभरी नहीं.""ओह! वैसे कहानी तो किलयर है वह न भी आये तो भी पूरी कर सकते हो. छोटी उम्र का आकर्षण, एक दूसरे की खुशियों की परवाह, एक दूसरे के लिए जीने की तमन्ना, जातीय समस्या, अच्छे पॉईंट हैं. लेकिन लव पॉईंट डॉमिनेट रखना."ऐनी बोलती चली गई."वह सब हो जायेगा, ऐनी. लेकिन, टेंशन मधुलिका की है.कहीं जायदा टेंशन में आकर डिप्रेशन में न चली जाये और....""पागल हो तुम.इतना कुछ सहने वाली और कंडीशन से को फेस करने वाली ...Read More

18

मुक्म्मल मोहब्बत - 18

मुकम्मल मोहब्बत -18"यू,ओके !" वोट झील मेंं उतारते हुए मैंने पूछा."यस."धीरे से बोली मधुलिका.उदास थी वह.रोज वाली चंचलता उसके से गायब थी.मैंने उसका चेहरा गौर से देखते हुए पूँछा-"कल कहां रहीं?""तुम कल आये थे?"उसने धीरे से पलकें ऊपर उठायी."हां,आया था. काफी देर तक तुम्हारा इंतजार किया. मंदिर के पीछे, आसपास सभी जगह तुम्हें देखा. कहीं उस दिन की तरह कहीं छिपकर बैठ गई हो."मैं आहिस्ता से बोला."सॉरी,डियर, मैं बादल से मिलने गई थी.उसकी बहुत याद आ रही थी."उसका लहजा उदास था."मुलाकात हुई?""कहां?वह कालेज आया ही नहीं था.""अरे,बुध्दू ! समर वकेशन चल रहे हैं. वह कालेज क्यों आने ...Read More

19

मुकम्मल मोहब्बत - 19

मुकम्मल मोहब्बत -19 "बादल की हाईट अच्छी, सुपर बॉडी, न बहुत गोरा,न बहुत काला.पढ़ाई मेंं टॉपर, मेंं टॉपर, हमेशा कालेज को कोई न कोई शील्ड दिलाता है. लेकिन, बहुत संजीदा. आजकल के लड़कों जैसी कोई बात ही नहीं. शरारतें नहीं करता.जायदा दोस्ती नहीं करता.लेकिन, सबका अपना. किसी को कोई प्रॉब्लम हो बिना कहे सॉल्व कर देता है. जाने कैसे उसे दूसरों की प्रॉब्लम बिना बताए पता लग जाती हैं. कभार लगता है-वह साइकालॉजिस्ट है. कभी लगता है-वह ऐंजल है."मधुलिका इस तरह बोल रही थी, जैसे बादल उसके सामने खड़ा हो और वह उसका रेखाचित्र खींच रही ...Read More

20

मुकम्मल मोहब्बत - 20

मुकम्मल मोहब्बत -20 प्यार करो तो इजहार भी जरूरी है. इजहार ही है जो प्यार को मुकम्मल देता है. जहां एक निश्चित दिशा होती है. एक निश्चित मंजिल होती है. हम ताउम्र एकदूसरे के साथ रह सकते हैं. मुझे भी ऐनी से अपने प्यार का इजहार करना चाहिए. यह ठीक है ऐनी भी मुझे उतना ही प्यार करती है, जितना मैं उसे करता हूँ. लेकिन, न उसने खुलकर अपना प्यार जताया कभी और न ही मैंने कभी अपने प्यार का इजहार किया. कभी मौका ही नहीं मिला. मेरा और ऐनी का अधिकांश समय पढ़ाई और कैरियर की बातों ...Read More

21

मुकम्मल मोहब्बत - 21

मुकम्मल मोहब्बत- 21 आज घर से चलते समय मैंने मन ही मन निश्चय कर लिया मधुलिका से बादल का पता लेना है. बादल से मिलकर यह पता लगाना है कि बादल मधुलिका को कितना चाहता है. साथ ही बादल को यह भी बता देगा कि मधुलिका उसे बहुत प्यार करती है. इस प्यार में अड़चनें तो बहुत हैं. जातिगत समस्याएं सिर उठायेंगी ही.उम्र भी आड़े आयेगी. इन सबका एक रास्ता भी है-पढ़लिख कर पहले अपने पैरों पर खड़े हो जाओ. उसके बाद घर वालों को मनाने की कोशिश करो.न माने तो रास्ता कोर्ट मैरिज का ...Read More

22

मुकम्मल मोहब्बत - 22

मुकम्मल मोहब्बत -22 बेड टी लिए हुए आधा घंटा हो गया है. लेकिन, शरीर अभी भी अलसाया है. जबकि बेड टी लेने के बाद मैं दोबारा नहीं लेटता. लेकिन, आज उठने का मन ही नहीं कर रहा.काफी देर से उठने की कोशिश कर रहा हूँ. शरीर भी दिमाग के कंट्रोल मेंं रहता है. दिमाग को पता है आज सारा दिन घर पर ही रहना है. बाहर जाना नहीं है. फिर उठने की जल्दी क्या. आज झील पर अपनी कहानी सुनाने आयेगी नहीं. उसे बादल से मिलने जाना है.मैं भी चाहता हूँ, आज बादल से उसकी मुलाकात हो जाये ...Read More

23

मुकम्मल मोहब्बत - 23

मुकम्मल मोहब्बत -23 जिस जोशोखरोश से मधुलिका बादल से मिलने थी, मुझे विश्वास था कि दोनों की मुलाकात हो गई होगी. मधुलिका ने किसी भी तरह हिम्मत जुटा कर अपने प्यार का इजहार भी कर दिया होगा. आज वह चहकती हुई अपनी सफलता की कहानी सुनायेगी. शरमा -शरमा कर बतायेगी कैसे उसने बादल को आई लव यू बोला. बादल पर उसके आई लव यू की क्या प्रतिक्रिया हुई. कैसे बादल ने अपने प्यार को बाहों में समेट लिया. पहले थोड़ा शरमायेगी.फिर कहेगी-"यार स्वीट.... और शुरू से आखिर तक अपनी और बादल की मुलाकात बंया कर ...Read More

24

मुकम्मल मोहब्बत - 24

मुकम्मल मोहब्बत -24 आज मधुलिका कल की तरह बेहाल नहीं हैं. आँखें भी सूजी हुई हैं. लाल भी नहीं हैं. लग रहा है,रात सो पायी है. लेकिन, चेहरा शान्त है. उदास नहीं है. लेकिन, खुश भी नहीं है. मैं उसका पहले जैसा खिला हुआ चेहरा देखने को तरस रहा हूँ. उसकी शोखियां गायब होने से बातावरण भी सूना सूना सा हो रहा है. आज झील मेंं सेलानी भी कम हैं, शायद ऊपर पहाड़ियों के मजे ले रहे हैं. मैं भी जब पहली बार नैनीताल आया था तो सबसे पहले स्नो व्यू पॉईंट गया था. वहां हिमालय के ...Read More

25

मुकम्मल मोहब्बत - 25

मुकम्मल मोहब्बत -25 मधुलिका का खिला चेहरा देखकर मेरा दिलभी खिल गया. कहना चाहता हूँ उससे-मधुलिका तुम तरह खुश रहा करो.चहकती रहो.मुस्कुराती रहो.मुझे बिंदास मधुलिका चाहिए पहले की तरह उदास, रोती हुई नहीं. लेकिन कह नहीं सका.बस,उसका खूबसूरत चेहरा देख रहा हूँ. गुलाबी गाल,झील सी गहरी आँखें. गुलाब की पंखुड़ियों से होठ... लग रहा है होठों से अभी कोई तराना फूट पड़ेगा. गुलाबी लॉग फ्राक सफेद फ्रिल वाली. गुलाबी केप.सफेद मोजे,गुलाबी जूते. क्या मैचिंग है.खूबसूरती सज संवर जाये तो कयामत न ला दे.बादल भी क्या करे बेचारा... दीवाना तो हो ही जायेगा. "डियर, स्वीट, यह मेरी फोटो है."मधुलिका ...Read More

26

मुकम्मल मोहब्बत - 26 - अंतिम भाग

मुकम्मल मोहब्बत -26अंतिम किस्त----------------- झील से वापस आने के बाद मेरे साथ क्या हुआ. मुझे नहीं पता. लेकिन, मैंने आँखें खोलीं-जोशी आंटी मेरे माथे को अपने नर्म हाथों से सहला रही थी. मुझे ममा की याद आ गई. मैंने गरदन घुमा कर दरवाजे की ओर देखा -ऐनी किसी सभ्रांत आदमी से बात कर रही थी. मुझे आश्चर्य हुआ ऐनी के यहां होने पर. मैंने उठने का प्रयत्न किया. तभी जोशी आंटी स्नेह से बोलीं-"लेटे रहो.अभी डाक्टर ने तुम्हें इंजेक्शन दिया है. तुम्हें आराम की जरूरत है." मेरी आँखें खुली देखकर ऐनी मेरे बैड पर आकर बैठ गई-"यू ओके.""बट,मुझे हुआ ...Read More