यादों का सफ़र

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मै वंदना सिंह पहले भी बहुत सी कहानी पढ़ी है, जैसा कि आप जानते है, की मै हर किरदार को जीती एसा ही इस कहानी मे भी होगा इस कहानी में भी मै एक एक किरदार को अच्छे से वेक्त करना चाहूंगी और उस समय को आज में बदलने की कोशिश होगी ।कहते हैं प्यार में बहुत ताकत होती है दुनिया भरोसे पर टिकी है! मै देविका इस प्यार की गहराई को इस तरह महसूस कर चुकी हो जिसके आगे पूरी जिंदगी खाली महसूस होती हैएसा लगता है उस के बाद जितनी जिंदगी प्रेम वियोग में कटी है, मेरा प्रियतम

Full Novel

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यादों का सफ़र - 1

मै वंदना सिंह पहले भी बहुत सी कहानी पढ़ी है, जैसा कि आप जानते है, की मै हर किरदार जीती एसा ही इस कहानी मे भी होगा इस कहानी में भी मै एक एक किरदार को अच्छे से वेक्त करना चाहूंगी और उस समय को आज में बदलने की कोशिश होगी ।कहते हैं प्यार में बहुत ताकत होती है दुनिया भरोसे पर टिकी है! मै देविका इस प्यार की गहराई को इस तरह महसूस कर चुकी हो जिसके आगे पूरी जिंदगी खाली महसूस होती हैएसा लगता है उस के बाद जितनी जिंदगी प्रेम वियोग में कटी है, मेरा प्रियतम ...Read More

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यादों का सफ़र - 2

इसी तरह हमरी कभी कभी बात होने लगी।कहते है बात करने से ही बात बड़ जाती है, और एसा कुछ होने लगा, एक ऐसा इन्सान जिसको मै जानती भी नहीं इक नाम जिसे पूरा भी ना बताया गया है फिर भी मुझे एक भरोसा होता जा रहा है, ये ऐसा समय है जिसमें मै खुद को भी समझ नहीं पा रही, जब भी सोचती की इस बार बात की जब कुछ पूछ लूंगी कोन कहा से है? लेकिन जब होती है ना जाने मै कुछ भी पूछ नहीं पाती।मुझे जरूरत भी क्या ज्यादा कुछ पूछने की क्या करूंगी पूछ ...Read More

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यादों का सफर - 3

मैं ने मना कर दिया कि आप अब ना आए मै चली जाऊंगी कुछ बहाने बना कर साथ जाना किया और बस से जाने लगी ।कहते है प्यार अंधा होता है, मै प्यार में आंधी हुई मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, एसा महसूस होने लगा कि इस दुनिया में इतना प्यार कोई नहीं कर सकता है, कोई मेरा जैसा नहीं है, हमारे विचार भी साझा होने लगे ।उन विचारों से एसा प्रतीत हो की हम एक जैसे हैं एसा अक्सर होता जब हम किसी के प्यार ममें होते हैं तो एसा लगता कि हम एक जैसे हैं।क्या ...Read More

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यादों का सफ़र - 4

नवाज़ मेरी इस कहानी में हो सकता है कि मेरा किरदार थोड़ा चालकों वाला हो लेकिन मै ने सच इस प्यार में कभी कोई चालाकी नहीं की मैं ने साफ दिल से प्यार किया हैमैं हमेशा देविका को देवी समझ कर उसकी पुजा की लेकिन जो मेरे बस में नहीं था उसके लिए मै क्या करता मै देविका के बिना नहीं रह सकता इस जीवन भर उसे भूल नहीं सकता प्यार करना कोई गुनाह नहीं होता है,अगर मेरा ब्याह हो चुका है तो क्या मेरा प्यार करने का अधिकार किसी और का हो गया मेरे पास दिल नहीं है उनमें ...Read More

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यादों का सफर - 5

जब से मै जान पाई थी कि जानू की जिन्दगी अलग है मै ने ख़्वाब देखना बन्द कर दिया अब जो प्रेम पनपा वो निस्वार्थ भाव से, अपने ही दिल में करना।लेकिन हूं तो आखिर मनुष्य ही है, जब प्रेम होता कुछ प्रेमी से कुछ चाह हो जाती है, मुझे सिर्फ शब्दों का सहारा चाहिए था अगर सच में प्यार है मुझे शब्दों का सहारा मिल भी रहा था इस तरह से कभी झगड़ा कभी बाते कभी हसना कभी रोना।आज भी जब बारिश होती है वो पूरा लम्हा याद आ जाता है जब हम जानू के साथ बगीचे में ...Read More

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यादों का सफ़र - 6 - अंतिम भाग

कई बार जानू ने दर्द में मुझ से बात करना दूर मुझे फोन ब्लॉक कर दिया। रात रात रोते हुए निकल गई।उन रातों को मै ये सोच कर गुजार दू की आखिर किन कर्मो की सजा मिली।एसा कई बार हुआ ये दर्द मुझे मजबूती दे रहा था।कोई एसा दर्द नहीं था जो इस प्यार ने मुझे ना दिया हो मुझे वो सब मंजूर था बस मेरे पास मेरा जानू रहे , इन लम्हों में हम प्यार के लम्हे याद करके रोए और बन्द कमरे में खूब चिल्लाए किसी को अपनी ये पीड़ा बता ना पाए सब पूछे कि आंखो ...Read More