कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर तेजेंद्र शर्मा को समर्पित प्रेरणा "नीना आज कल क्या लिख रही हैं।" "एक उपन्यास लिखने का मन है। दो तीन विषय दिमाग में घूम भी रहे हैं किंतु कुछ समझ में नहीं आ रहा कि कहाँ से शुरू करूँ।" "हूँ... आप लेस्टर में कब से रह रही हैं?" "करीब पिछले तीन दशक से... पहले लेस्टर के ही एक गाँव लॉफ़्बरो में रहती थी अब कुछ वर्षों से लेस्टर में रह रही हूँ।" "तो फिर... इतने वर्षों से आप लेस्टर में हैं। अपने चारों ओर नजर डालिए विषय तो आपके सामने खड़ा है। आपने लेस्टर
Full Novel
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 1
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर तेजेंद्र शर्मा को समर्पित प्रेरणा "नीना आज कल क्या लिख रही हैं।" "एक लिखने का मन है। दो तीन विषय दिमाग में घूम भी रहे हैं किंतु कुछ समझ में नहीं आ रहा कि कहाँ से शुरू करूँ।" "हूँ... आप लेस्टर में कब से रह रही हैं?" "करीब पिछले तीन दशक से... पहले लेस्टर के ही एक गाँव लॉफ़्बरो में रहती थी अब कुछ वर्षों से लेस्टर में रह रही हूँ।" "तो फिर... इतने वर्षों से आप लेस्टर में हैं। अपने चारों ओर नजर डालिए विषय तो आपके सामने खड़ा है। आपने लेस्टर ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 2
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 2 परिवार साथ हो और काम हाथ में ना हो तो अपना और का पेट पालने के लिए इनसान कोई भी काम करने को तैयार हो जाता है। बाहर से आए लोग तो कोई भी काम करने को तैयार थे किंतु ब्रिटिश निवासी इन्हें अपनाने को तैयार नहीं हुए। इतने सारे एक जैसे लोगों को देख कर वह वैसे ही घबरा गए थे। पहले ही कुछ वर्षों से ब्रिटेन के कारखानों में काम करने के लिए यहाँ की सरकार ने भारतवंशियों को वीजा देना शुरू कर दिया था। जो वह इनके कारखानों में ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 3
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 3 "मम्मा यह लोग तो यहाँ बढ़ते ही जा रहे हैं..." सामने वाले में इतने सारे लोगों को आते जाते देख कर मिडल एवन्यू स्ट्रीट के लोग घबरा गए। "घबराओ मत बेटा यह लोग कुछ समय के लिए ही यहाँ पर हैं। कुछ साल यह यहाँ ब्रिटेन में काम करके, अधिक से अधिक धन कमा कर वापिस अपने देश चले जाएँगे तब तक तो हमें इन्हें झेलना ही होगा।" "अपने देश तो यह लोग बाद में जाएँगे मम्मा पहले तो यह भी पता नहीं चल रहा कि सामने वाले इतने छोटे से घर ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 4
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 4 साथ वाले घर में इतनी हलचल देख कर जूलियन ने अपने पति आवाज दी... डेव जल्दी आओ देखो पड़ोसी क्या करने वाले हैं। पड़ोसी यदि एशियन हों तो अंग्रेजों की उत्सुकता और भी बढ़ जाती है। इस घर में गुरमेल सिंह अपने परिवार सहित रहते हैं। इनके पास डबल गैरेज है। दो महीने में इनके बेटे रजिंदर सिंह की शादी होने वाली है। शादी के लिए तो गुरुद्वारे का हॉल बुक है परंतु कुछ खास रिश्तेदार जो भारत से आने वाले हैं उनको तो घर पर ही ठहराना होगा। ब्रिटेन में वैसे ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 5
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 5 सामने ही निशा का घर दिखाई दे रहा था। एक सर्द हवा झोंके के साथ जब बादलों ने गरज कर जोर से ओले बरसाने शुरू किए तो सब पेड़ों के नीचे पनाह लेने के लिए भागीं। ओले छोटे हों या बड़े जब किसी गंजे से के सिर पर बरसते हैं तो इसका मजा वही जानता है। जब लड़कियाँ पेड़ों के नीचे भी ना बच पाईं तो निशा के साथ उसके घर की ओर भागीं। सब बुरी तरह से ओलों की मार खा चुकीं थी। अभी थोड़ी देर पहले जो गर्मी की शिकायत ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 6
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 6 सरोज सर रिचर्ड के कारखाने में प्रेस का काम करती है। वह से ब्रिटेन आई है बड़ा कठिन परिश्रम कर रही है। चाहे कैसा भी मौसम हो सुबह पाँच बजे उठ कर काम पर जाने से पहले घर के कितने ही काम निपटाने होते हैं। बच्चों का, पति का व अपना दोपहर के खाने का डिब्बा तैयार करना। माँ दुकान सँभालती है इस लिए उनके लिए भोजन की व्यवस्था करना। बच्चों को स्कूल के लिए जगा कर 7.30 से पहले वह काम पर पहुँच जाती है। ब्रिटेन में आ कर सब ने ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 7
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 7 पूरे सप्ताह की मेहनत के पश्चात जहाँ अंग्रेज महिलाओं की शामें पब गुजरतीं हैं वहीं एशियन स्त्रियाँ या तो दुकानों पर अपने पति का हाथ बँटा रही होतीं या फिर कुछ पढ़ी-लिखी अपने बच्चों को स्कूल का काम करवा रही होतीं। दूसरे देशों से ब्रिटेन में आए लोगों की इस सोच को भी झुठला नहीं सकते कि इतना अपमान सह कर भी कड़वा घूँट पीकर वे यहाँ चुपचाप इसलिए काम कर रहे हैं जो अपने बच्चों को अच्छा जीवन दे सकें। उन्हें पढ़ा कर इस काबिल बना दें कि वह इस देश ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 8
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 8 यह बहुत पुरानी बात है। मॉम की शादी से पहले की। जब मॉम का छोटा भाई पैदा हुआ था तब उनकी माँ को तीन महीने हस्पताल रहना पड़ा था। उनकी मॉम यानी मेरी नानी के पेट में रसोली थी जिसे बच्चा पैदा होने के पश्चात ही निकाला जा सकता था। अपनी माँ को इतनी पीड़ा में देख कर मेरी मॉम डर गईं। कितने समय तक तो उन्होंने अपने भाई को भी प्यार नहीं किया यही सोच कर कि इसी के कारण मेरी मॉम को इतनी तकलीफ हो रही है। उन्होंने तभी तय ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 9
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 9 आज डीमॉटफर्ट युनिवर्सिटी में छात्र ही नहीं प्रोफेसर और पूरा स्टाफ भी खुश है। आखिर सिद्ध करने का समय आ ही गया जिसके लिए लेस्टर शहर इतना प्रसिद्ध है। लेस्टर को हैरिटेज सिटी के नाम से भी जाना जाता है। कुछ समय पहले डीमॉटफर्ट युनिवर्सिटी और लेस्टर सिटी कॉंउंसल ने मिल कर एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। पैसे ना होने के कारण यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया था। दोनों के काफी प्रयत्नों के पश्चात ब्रिटेन के लॉटरी फंड ने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 10
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 10 आज बहुत दिन के पश्चात माँ बेटी मार्केट का चक्कर लगाने निकलीं अचानक शैली की नजर एक कारडिगन पर पड़ी... "जेनेट रुको... ऐसा ही कारडिगन हमने लिटलवुड्स में देखा था ना। देखो जरा उसके और इसके दाम में कितना अंतर है।" "पर मॉम वो कारडिगन ब्रिटिश मेक है... और लिटलवुड्स यहाँ की एक जानी मानी कंपनी भी है।" "उससे क्या फर्क पड़ता है बेटा... चीज बिल्कुल वैसी और दाम आधे... अब पहले जैसा समय नहीं रहा। जेब में पैसे हों तो इनसान नखरे भी कर लेता है। भई मैं तो ले रही ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 11
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 11 समय की रफ्तार तो एक ही रहती हैं परंतु मनुष्य कभी धीमे कभी तेज गति से उसके साथ कदम मिलाने के प्रयास में जुटा रहता है। जिसमें कभी वह अपनी सफलता पर इतराता है और कभी असफल हो कर मायूस हो जाता है। निशा का युनिवर्सिटी में यह अंतिम वर्ष है। सब छात्र छात्राएँ अच्छे अंकों में पास होने के लिए जी-जान से परिश्रम कर रहे हैं। अंतिम वर्ष में ही विद्यार्थी नौकरियों के लिए अर्जी डालना आरंभ कर देते हैं। बस सब का यहाँ इतना ही साथ होता है। अलग होते ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 12
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 12 एकदम डांस के फ्लोर से नीचे उतरते हुए वीणा की निगाह सामने निशा पर पड़ी तो वह गिरते हुए बची। "निशा तुम यहाँ कैसे..." उसने लड़खड़ाई आवाज में पूछा। वीणा की साँसों से शराब की गंध आ रही थी। "यही तो मैं तुम से पूछने वाली थी कि त ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 13
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 13 लेस्टर और उसके आस पास के गाँवों की धरती उपजाऊ होने के खेती-बाड़ी अधिकतर लेस्टर में ही होती थी। खेती के साथ धीरे धीरे किसानों ने बकरियाँ रखना आरंभ कर दिया था। पहले खेत और सड़क को अलग करने के लिए इसके बीचों बीच एक छोटी सी घास की स्ट्रिप होती थी। बकरियों के आ जाने के पश्चात सड़कों के किनारों पर झाड़ियों की हैज बनने लगी जो बकरियाँ खुली सड़कों पर न निकल जाएँ। किसानों ने खेती-बाड़ी में भी खूब वृद्धि की। जब खेती-बाड़ी से अच्छा पैसा आने लगा तो लोगों ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 14
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 14 "यह ऐसा ही फनफेयर है आंटी जो सी-साइड पर लगा मिलता है," ने पूछा। "हाँ बेटा वैसा ही समझ लो। सी-साइड पर तो यह पूरी गर्मियों के लिए होता है परंतु जगह जगह शहरों में ये दो या तीन दिन के लिए ही आता है। यहाँ चार दिन के लिए लॉफ़्बरो मार्किट के रास्ते आवागमन के लिए बंद हो जाते हैं। केवल पैदल चलने वालों के लिए ही यह रास्ते खुले होते हैं। बुधवार की दोपहर को बडे ट्रकों में झूले आने आरंभ हो जाते हैं। रातों रात सड़कों को साफ कर ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 15
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 15 ऐसा अधिक देर तक नहीं चलता सरोज। हर काम की एक अति है। इसने तो बेइमानी की सब हदों को पार कर दिया है। लॉफ़्बरो में कोई ऐसा इनसान नहीं जिसके आगे यह हाथ न फैला चुका हो। मेरी ही दुकान से इसने कितना सामान उधार लिया हुआ है जिसका भुगतान आज तक नहीं हुआ। एक दुकनदार कब तक किसी को उधार देता जाएगा। यह लोगों के अच्छे स्वभाव का खूब फायदा उठाता है।" "बात चीत में तो यह आदमी बड़ा भला लगता है।" "यह भला आदमी लायब्रेरी किसी काम से नहीं ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 16
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 16 आप देखिएगा नानी हमारी आने वाली पीढ़ियाँ इन्हें कैसा सबक सिखाती हैं। बहुत इतराते हैं ना कि सारी दुनिया में राज्य करके आए हैं अब हम इन पर राज्य कर के दिखाएँगे।" "क्या ऐसा कभी होगा।" "यदि हमारे समय में नहीं तो आने वाले समय में तो जरूर होगा। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जैसे एक ही ऋतु हर समय नहीं रहती वैसे ही एक ही समय हर वक्त नहीं रहता। अब बदलाव आने का समय आ गया है। ठीक है नानी आप आराम करिए मैं जरा देख कर आऊँ कि माँ ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 17
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 17 "क्या ऐसे गर्म देशों में साँप सड़कों पर घूमते हैं निशा। ऐसी चीज से डर तो लगता ही है ना...," बात करते हुए भी सायमन एक झुरझरी महसूस कर रहा था। "नहीं सायमन... जितना मनुष्य साँप से डरते हैं उससे कहीं अधिक साँप मनुष्य से डरता है इसीलिए अपनी सुरक्षा हेतु वह पहले आक्रमण करता है। साँप का काटा एक बार बच भी सकता है परंतु मनुष्य के वार से साँप नहीं बच सकता।" "तुम कुछ अपनी बचपन के स्कूल की बात बता रही थी निशा... फिर क्या हुआ?" अरे हाँ... फिर ...Read More
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 18 - अंतिम भाग
कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 18 तो फिर मैं क्या करूँ बताइए। मेरे भी तो बेटी को कई अरमान हैं, सरोज आँखों में आँसू भर कर बोली। इस माहौल में पले-बढ़े बच्चों के लिए यह आँसू बहाना सब पुरानी और इमोशनल ब्लैकमेल की बातें हैं। जमाना बड़ी तेजी से बदल रहा है सरोज। यदि हम भाग नहीं सकते तो जमाने के साथ चल तो सकते हैं। वो हमारे बच्चे हैं जी। उनका भी तो अपने माता-पिता के प्रति कोई कर्तव्य है या नहीं... जरूर है... सुरेश भाई प्यार से पत्नी के गालों पर ढुलकते आँसू पोंछते हुए बोले... ...Read More