दरवाजा खुलता है ! आइए आइए स्वागत है आपका ! पधारिए हमारे इस आंगन में । बेटी तुझे देखने लड़के वाले आए हैं उसकी मां उसे बताती है और तैयार होने को बोलती हैं । यह कविता है कहानी की मुख्य पात्र, बहुत ही सुंदर और संस्कारी है अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुकी है उसका जीवन उसकी नाम की तरह कविता, कहानियों और अन्य रसों से भरा हुआ है । सरलता तो जैसे उसके स्वभाव में है । जल्दी ही वो तैयार होकर अपनी छोटी बहन स्नेहा के पास किचन में आ जाती है और जल्दी से चाय
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एक उम्मीद - भाग - 1
दरवाजा खुलता है ! आइए आइए स्वागत है आपका ! पधारिए हमारे इस आंगन में । बेटी तुझे देखने वाले आए हैं उसकी मां उसे बताती है और तैयार होने को बोलती हैं । यह कविता है कहानी की मुख्य पात्र, बहुत ही सुंदर और संस्कारी है अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुकी है उसका जीवन उसकी नाम की तरह कविता, कहानियों और अन्य रसों से भरा हुआ है । सरलता तो जैसे उसके स्वभाव में है । जल्दी ही वो तैयार होकर अपनी छोटी बहन स्नेहा के पास किचन में आ जाती है और जल्दी से चाय ...Read More
एक उम्मीद - भाग - 2
अभी तक कहानी में आपने देखा है कि उसकी सास और ससुर का ही जिक्र है पर बेटे का क्योंकि उनका बेटा बस अपनी मां के इशारे पर चलता है, उसमें अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करने की छमता नहीं है । (शायद उसकी कुछ गलत कमियों की वजह से ही वो रिश्ते में झुक गई हो, हो सकता है ऐसा भी)। आगे कहानी पर आते हैं, देखते हैं क्या होता है । धीरे-धीरे सारे रिश्तेदार अपने-अपने घर जाने लगते हैं और कविता की जिंदगी थोड़ा आसान होने लगती है । शादी की भागम भाग खत्म हो गई होती है ...Read More