पूर्ण-विराम से पहले....!!! 1 "सुभोर प्रखर! कल रात तुमने मेरे व्हाट्सप्प मैसेज को देखा.. पर तुमने कोई जवाब लिखकर नहीं भेजा| तुम मेरे किसी भी मैसेज को बगैर पढ़े-लिखे सो जाओगे यह मैं मान ही नहीं सकती…..काफ़ी देर तक तुम्हारे जवाब का इंतजार करती रही| फिर सोचा तुमसे फोन करके वजह ही पूछ लूँ| जब तुम चुप्पी साध लेते हो.. बहुत जी घबराता है मेरा.. और एक तुम हो सब कुछ जानते-बूझते हुए भी जवाब नहीं देते हो|" सवेरे-सवेरे शिखा की फोन पर आवाज़ सुनकर प्रखर के चेहरे पर आई मुस्कुराहट उसके चाय के स्वाद को और बढ़ा देती थी।
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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 1
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 1 "सुभोर प्रखर! कल रात तुमने मेरे व्हाट्सप्प मैसेज को देखा.. पर तुमने कोई जवाब लिखकर भेजा| तुम मेरे किसी भी मैसेज को बगैर पढ़े-लिखे सो जाओगे यह मैं मान ही नहीं सकती…..काफ़ी देर तक तुम्हारे जवाब का इंतजार करती रही| फिर सोचा तुमसे फोन करके वजह ही पूछ लूँ| जब तुम चुप्पी साध लेते हो.. बहुत जी घबराता है मेरा.. और एक तुम हो सब कुछ जानते-बूझते हुए भी जवाब नहीं देते हो|" सवेरे-सवेरे शिखा की फोन पर आवाज़ सुनकर प्रखर के चेहरे पर आई मुस्कुराहट उसके चाय के स्वाद को और बढ़ा देती थी| ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 2
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 2. शिखा ने अपनी बातों को कुछ सेकंड के लिए विराम दिया| फिर उसने प्रखर को कि कल रात जब उसे नींद नहीं आ रही थी तब उसने समीर की किताबों वाली अलमारी संभाली| जिस अलमारी को अक्सर समीर ही संभालते थे| वहाँ उसे समीर की दो डायरियाँ मिली| समीर अपनी युवावस्था से ही डायरी लिखते थे| शिखा ने प्रखर को संक्षिप्त में दोनों डायरियों के बारे में बताया कि पहली डायरी समीर के बचपन और युवावस्था की बहुत सारी घटनाओं को सँजोये हुए है| दूसरी डायरी को पढ़कर लगता है कि समीर ने शादी के ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 3
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 3. शिखा सोचने बैठी तो एक के बाद एक अतीत का पृष्ठ उलटता ही चला गया| प्रखर का मिलना, फिर समीर से विवाह और समीर के विदा लेने के बाद उसकी डायरियों का मिलना..रिश्तों से जुड़े समीकरण.. कितनी बातें कितनी यादें.. अथाह समंदर के जैसी.. जितना गहरे उतरते जाओ.. कितनी रंग-बिरंगी सीपियाँ आस-पास बिखरी हुई दिख रही थी| कुछ बदरंग सीपियाँ भी जीवन के यथार्थ को सहेजे हुई थी| माँ-बाऊजी के जाने के बाद घर के बड़े बेटे-बहु होने के नाते समीर और शिखा ने मिलकर पैत्रक घर के सभी निर्णय लिए थे। यह घर आगरा ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 4
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 4. घर में सामान सेट होने के बाद समीर और शिखा ने आस-पास रहने वाले पड़ोसियों मिलने का सोचा सबसे पहले समीर और शिखा ने घर के पास वाले घर में मिलने का विचार किया घर की नेम प्लेट पर ‘प्रणय’ लिखा हुआ था समीर और शिखा ने गेट को खोल कर ज्यों ही गार्डन के पास बनी हुई सीढ़ियों से ऊपर चढ़ना शुरू किया, शिखा का तो मन बगीचे में लगे खूब सारे फूलों में अटक कर रह गया वो तो सीढ़ियों पर खड़ी-खड़ी फूलों को निहारने लगी तब समीर ने आगे बढ़कर डोर-बेल बजाई..और ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 5
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 5. अपने बेटे की बातों को साझा करते-करते प्रखर के चेहरे पर आने वाला उत्साह उसे खुशी दे रहा था| प्रखर ने बहुत सारी बातें प्रणय की साझा की| कैसे प्रणय पहले शादी करने के लिए तैयार ही नहीं था| उसको लगता था माँ को गए हुए अभी बहुत कम दिन हुए हैं .. बात-बात पर प्रीति को याद करके रोता था|.....उसको बहुत समझाया| मेरे बहुत दबाब डालने पर शादी के लिए तैयार हुआ|.. उसने प्रिया को कॉलेज समय से ही पसंद किया हुआ था| पिछले साल ही प्रणय और प्रिया की शादी की| प्रिया भी ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 6
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 6. घर आकर समीर शिखा से बोले.. “बहुत सरल और सहज व्यक्ति है प्रखर| बहुत दिल जुड़ी बातें करता है| इतने बड़े पद पर रहने के बाद भी कोई अहम नहीं| मुझे तो प्रखर बहुत स्ट्रेट और मिलनसार व्यक्ति लगा| मुझे ऐसे ही लोग अच्छे लगते है| प्रखर का नेचर बिल्कुल हमारे जैसा ही है| शायद इसलिए मिलकर बहुत अच्छा लगा| अच्छा शिखा अब मेरी दवाई निकाल दो .....मैं भी दवाई लेकर सोऊँगा|” शिखा ने समीर को दवाइयाँ दी और वो दवाई लेकर लेटते ही सो गया| पर शिखा की आँखों में नींद नहीं थी| उसने ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 7
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 7. खैर प्रखर ने जैसे ही अपनी बातें बताना शुरू की.....शिखा प्रखर की बातों को सुनने “तुम दोनों को प्रीति के बारे में बताऊँगा तो मुझे भी बहुत अच्छा लगेगा|”.. जब हम लखनऊ से कानपुर लौट रहे थे तब प्रीति ने कराहते हुए मुझे बताया ......कि उसकी पीठ में बहुत तीव्र दर्द है| वो बैठ भी नहीं पा रही|.. एक दिन पहले भी उसके इसी पैटर्न का दर्द था.. तब उसने जो पैन किलर ली थी आराम आ गया था| जिस रोज हम निकालने वाले थे उसने फिर से पैन किलर ली थी क्यों कि उसको ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 8
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 8. न जाने कितनी देर तक मैं प्रीति के कमरे के बाहर खड़ा रहा| उस समय द्वारा बताया हुआ मृत्यु का अनिश्चित समय मुझे अंदर ही अंदर कंपन दे रहा था| जीवन के किसी भी पल में हम अपने प्रिय को खो सकते हैं यह डर कितना भयावह हो सकता है मैंने उसका अनुभव किया| जब मेरे अर्दली ने मुझे कमरे में आकर बैठने को कहा तब मैं अंदर घुसा| अर्दली ने मुझे पानी पिलाया और थोड़ा आराम करने को कहा| कमरे में पहुंचकर जैसे ही मैंने प्रीति पर अपनी दृष्टि डाली उसकी निगाहों में मुझे ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 9
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 9. लखनऊ से लौटने के चार दिन बाद प्रणय भी कानपुर पहुंच गया। उसने मुझे स्टेशन आने को मना कर दिया था| स्टेशन से उसने कैब ले ली थी| जैसे ही वो घर में दाखिल हुआ उसने अपना सामान काका से कहकर अपने कमरे में रखवा दिया….और वो सीधे हम ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 10
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 10. प्रणय का अक्सर ही फोन आता रहता था| जब उसको पता लगा कि मां को लेने और चलने-फिरने में दिक्कत होने लगी है| उसने वापस बीस दिन का प्रोग्राम बनाया| जिस कंपनी में वह काम करता था जब उन्होंने छुट्टियां देने के लिए मना कर दिया| प्रणय ने अपनी नौकरी छोड़कर हिंदुस्तान आने का फैसला कर लिया| प्रीति की तबीयत दिनों-दिन खराब हो रही थी| यह तो बहुत अच्छा हुआ कि प्रणय भी उस समय कानपुर में ही था| उस काली रात को मैं कभी भी नहीं भूल पाता हूँ| जब हम दोनों रात भर ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 11
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 11. उस रोज प्रखर ने जब कविता लिखा हुआ कागज़ शिखा को दिया था तो अनायास उसके हाथ ने शिखा के हाथों को पहली बार स्पर्श किया| शिखा के हाथों के कंपन से मानो कागज़ पर लिखी कविता भी तरंगित हो उठी....दोनों को एक साथ महसूस हुआ| शिखा को बारिश की पहली बूंदों-सा प्रखर का स्पर्श महसूस हुआ था| जिसकी छुअन आज भी उसके साथ थी| उस पल में शिखा का दिल सिर्फ बहे जा रहा था और दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था| शायद ऐसा ही कुछ प्रखर के साथ भी हुआ था| ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 12
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 12. यादों की लड़ियों ने उसे कॉलेज के प्रांगण में लाकर खड़ा कर दिया था। प्रखर जब भी शिखा मिलती.....साथ में गुज़रे अतीत में चुपचाप ही पहुँच जाती| समय-समय पर अतीत को ओढ़कर उसकी गर्माहट को महसूस करना शिखा की बहुत पुरानी आदत थी| जिसे प्रेम में इतना कुछ मिला हो.....वो इन सुखद एहसासों को क्यों छोड़ना चाहेगा| उस रोज कॉलेज का पहला दिन था| जब प्रोफेसर गुप्ता ने तीन पीरियड लगातार एक साथ लिए थे| प्रखर का तीनों पीरियड में शिखा को लगातार दो घंटे तक देखते रहना, शिखा के अंदर आज भी कहीं ठहरा ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 13
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 13. उस रोज प्रखर ने भी बहुत कुछ साझा किया था| कैसे स्कूल खत्म होने के जब रिजल्ट आया ....सारे शहर में उसकी सेकंड पोजीशन थी। उसको शिखा का नाम पता था| सो उसने न जाने कितनी बार पूरी रिजल्ट लिस्ट में शिखा के नाम को कई-कई बार खोजा..कहीं शिखा का नाम भी मेरिट में हो| बार-बार भगवान को याद करता और लिस्ट देखता। उसका नाम न पाकर बहुत उदास हो गया था उस रोज वो| उसकी खुद के मेरिट में आने की खुशी भी काफूर हो गई थी। जबकि वो जानता था कि शिखा से ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 14
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 14. गुजरते वक़्त के साथ एक रोज अचानक शिखा के फोन पर प्रखर का कॉल आया| की आवाज़ सुनते ही प्रखर ने कहा.. “शिखा! बोल रही हो| प्रखर बोल रहा हूँ| तुम्हारा नंबर एक कॉमन दोस्त से लिया था| कल रात को ही तुम्हारे शहर में आया था....मेरी एक मीटिंग थी। आज दोपहर में फ्री हूँ| मिलना चाहता हूं तुमसे। क्या तुम मिलने आ पाओगी|”.. शादी के इतने दिनों बाद प्रखर की आवाज सुनकर शिखा बहुत बैचेन हो गई थी| प्रखर अपना नाम बताता नहीं तब भी वो पहचान जाती| जैसे ही उसने प्रखर कहा उसकी ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 15
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 15. एक लंबे अरसे बाद दोनो फिर से रिटायर होने के बाद मिले थे|....वो भी उम्र उस पड़ाव पर.....जहां हर आता दिन कभी भी ज़िंदगी में पूर्ण-विराम के लगने की ओर इशारा कर रहा था ..और दूसरी ओर ज़िंदगी शेष समय को जितना भी संग-साथ मिले उसमें बहुत जीए-सा महसूस करना चाहती थी| दोनों ने जो धैर्य एक दूसरे से बिछड़ने के बाद सारी उम्र रखा था| शायद उसी के उपहारस्वरूप दोनों एक दूसरे के पड़ोसी बने थे| अब इसकी भी मर्यादा रखना दोनों की ही ज़िम्मेदारी थी| आज एक बार फिर अतीत ने दोनो को ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 16
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 16. प्रखर जब इस तरह की बातें करता तो शिखा को समीर और उसके शादी के के दिन बहुत बार याद आते| जब दोनों का विवाह हुआ समीर बहुत कम बोलते थे| शिखा बहुत कोशिश करती दोनों के बीच संवाद बना रहे पर समीर की कम बोलने की आदत उसकी कोशिशों को नाकाम कर देती| समीर जब भी बोलते बहुत सीधा-सपाट बोलते। उनकी बातों में लेप-लपाट नही था। तभी तो उनका प्यार भी रूखा मगर साफ़ था। पर उनकी बातें और विचार बहुत अच्छे थे| उन्होंने कभी भी शिखा से कोई शिकायत नहीं की| जीवन में ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 17
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 17. हालांकि समीर और शिखा को ऐसी कोई मेजर हेल्थ प्रॉब्लम नही थी कि उनको किसी इमरजेंसी में अपने बेटे की जरूरत होती| पर और मां-बाप की तरह ही समीर और शिखा ने भी सार्थक से छोटी-छोटी उम्मीदें पाल ली थी। अगले दिन शाम को चार बजे दोनो की लखनऊ के लिए ट्रेन थी। शिखा ने सार्थक के जाने की सभी तैयारियों में उसकी व मीता की मदद की। उसका बहुत मन था कि अपनी बहू से कुछ बातें करें। शिखा ने अपने बेटे सार्थक की शादी के लिए भी बहुत सारे ख्वाब देखे थे। सभी ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 18
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 18. गुज़रते समय के साथ समीर और प्रखर की खूब जमने लगी| दोनों कभी उसके यहाँ कभी शिखा के यहाँ बैठकर घंटों चैस खेलते या गपियाते| अक्सर शिखा भी उन दोनों के साथ बैठकर उनकी बातों का आनंद लेने लगी थी| किस्से तो प्रखर के पास बहुत होते थे| उसका महकमा भी ऐसा था कि हर तरह के इंसान के साथ वास्ता पड़ता था| अब प्रखर को भी समीर-शिखा के जीवन से जुड़ी काफ़ी बातों का अंदाजा हो चुका था| काफ़ी बार ऐसा हुआ जब तीनों साथ बैठे हुए थे....तभी सार्थक या प्रणय का फोन आया| ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 19
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 19. प्रखर तेज-तेज बड़े-बड़े कदम रखकर वहां पहुंचा और शिखा की मदद को झुका ही था नर्सिंग स्टाफ स्ट्रेचर ले कर आ गया। स्टाफ ने समीर को लिटाया और उसे डॉक्टर के इमरजेंसी रूम में लेकर जाने लगा। तभी समीर ने दोनो की तरफ देखा और कहा "मिलता हूँ जल्द ही..." बोलकर समीर ने आंखें मूंद ली और चुपचाप स्टाफ के साथ चला गया। प्रखर और शिखा उनको जाते हुए देख रहे थे कि शिखा को बहुत जोर से रोना आ गया। प्रखर ने शिखा को आराम से बैठने को कहा और घर से लाई हुई ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 20
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 20. समीर की सभी टेस्ट रेपोर्ट्स आने पर डॉक्टर सुबोध ने प्रखर और शिखा को अपने में बुलाया और उनको बताया कि उसका ई.सी.जी. काफ़ी ऐब्नॉर्मल आया है| हार्ट की पंपिंग भी बहुत इररेगुलर है| एंजिओग्राफी करके जल्द ही हमको किसी निर्णय पर पहुंचना होगा| जिसके लिए आप सहमति दें| प्रखर के साथ सलाह करके शिखा ने डॉक्टरर्स को अपना काम करने के लिए सहमति दे दी| पिछले दो सालों से समीर रोज प्रखर के साथ सैर को जाता ही था| उसका खान-पीन भी बहुत संतुलित था| कोई दूसरे शौक भी नहीं थे जिनकी वजह से ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 21
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 21. रिश्तेदारों व मेहमानों का बारह दिनों तक घर में आना-जाना लगा रहा| समीर और शिखा लोगों के संग बहुत अच्छा सामाजिक व्यवहार रहा था| सो गमी के इस मौके पर काफ़ी लोग शिखा से मिलने आए| दूर से आए लोगों के खाने और ठहरने का इंतजाम प्रखर की मदद से बहुत सहूलियत से हो गया| काफ़ी रिश्तेदारों को सार्थक जानता था तो उसके आने से उनको अटेन्ड करने में सुविधा रही| अब प्रखर भी आए हुए रिश्तेदारों के लिए अपरिचित नहीं था| प्रखर की मिलनसारिता से आने वाले सभी अभिभूत थे| कुछ ने अपने दिमाग ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 22
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 22. शिखा यथार्थ को कुछ-कुछ महसूस कर रही थी....तभी खुद को भविष्य के लिए मानसिक रूप तैयार कर रही थी| बहुत अपेक्षाएं करना समीर और शिखा की आदतों में नहीं था| पहले समीर और शिखा सारे घर में एक-दूसरे के लिए हुआ करते थे| अब समीर की यादें सारे घर में उसके इर्द-गिर्द घूमती थी| कभी इस कमरे से तो कभी उस कमरे से शिखा को समीर की आहटें और बातें सुनाई देती थी| शिखा ने खुद को दूसरे कामों में व्यस्त रखना भी प्रारंभ कर दिया था ताकि जीवन सरल होने लगे| इतने सालों का ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 23
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 23. समीर के होने पर शिखा से प्रखर की बातें व्हाटसप्प पर ही ज़्यादा हुआ करती जब भी समय मिलता दोनों अपने दिल की बातें एक दूसरे से कह-सुन लेते| कोई भी फॉरवर्ड आता या दोनों में से कोई भी कुछ भी नया लिखता सबसे पहले एक दूसरे के साथ साझा करता| समीर के होने पर भी दोनों की ज़िंदगी एक दूसरे के आस-पास घूमती रहती थी| उम्र के इस मोड़ पर मिलने पर भी दोनों को हमेशा ही लगता था कि उनके बीच प्रेम कभी खत्म हुआ ही नहीं था..तभी तो सारे संजोग जुटे| समीर ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 24
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 24. अब शिखा को समीर के जुड़े हुए सभी काम पूरे करने थे| सबसे पहले उसने के अलमारियों में लगे हुए कपड़ों को जगह-जगह पर जाकर दान में दिया| उनके घर में कोई भी नहीं था जो उसके कपड़ों को खुशी-खुशी पहनता| वैसे भी सबके साइज़ बहुत अलग होते हैं| जब उसकी इस टॉपिक पर प्रखर से फोन पर बात हुई तो उसी ने कहा.. “शिखा! समीर हो या मैं हूँ या तुम भी हो.....हमारे जाने के बाद कोई भी हमारी चीजों को पहनना चाहेगा बहुत मुश्किल है| हर पीढ़ी की अपने पसंद है| सच तो ...Read More
पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 25 - अंतिम भाग
पूर्ण-विराम से पहले....!!! 25. प्रखर और शिखा को एक दूसरे के लिए जो भी करना अच्छा लगता वही करने कोशिश करते| शिखा अभी घर से बाहर बहुत कम निकलती थी| दोनों फोन पर ही आपस में छोटी-बड़ी सभी बातों को साझा कर लेते थे| दूसरे शहरों में रहने वाले प्रेमियों को जैसे फोन का सहारा रहता है पड़ोसी होने के बाबजूद वही हाल प्रखर और शिखा का था| दोनों का आपस में बात कर लेने से, न सिर्फ़ मन बदली होता था बल्कि दोनों को ही अकेलापन नहीं सताता था| अब किसी भी कीमत पर वो एक-दूजे को खोना ...Read More