क्लीनचिट

(238)
  • 133.3k
  • 13
  • 45.1k

अंक- प्रथमपांच जून सेटरडे की नाईट थी. वक़्त होगा तकरीबन रात के १:३० के करीब.शहर से बारह किलोमीटर दूर बर्थ डे बॉय आलोक अपने जिगरजान दोस्त शेखर के फार्म हाउस पर अपने सब दोस्तों के साथ पार्टी में मशगुल था. धमाकेदार लाइव डी, जे की ताल पर सब अपनी अपनी अनूठी अदा से ज़ूम ज़ूमके पार्टी का मज़ा लुट रहे थे और कल सन्डे था तो पहेले से सर्वसमंती से तय किये हुए फैसले के मुताबिक पार्टी सुबह तक चलने वाली थी. थोड़ी देर बाद अचानक आलोकने शेखर को एक तरफ बुला कर कहा.‘ सुन, मैं घर जा रहा हु.’यु

Full Novel

1

क्लीनचिट - 1

अंक- प्रथमपांच जून सेटरडे की नाईट थी. वक़्त होगा तकरीबन रात के १:३० के करीब.शहर से बारह किलोमीटर दूर डे बॉय आलोक अपने जिगरजान दोस्त शेखर के फार्म हाउस पर अपने सब दोस्तों के साथ पार्टी में मशगुल था. धमाकेदार लाइव डी, जे की ताल पर सब अपनी अपनी अनूठी अदा से ज़ूम ज़ूमके पार्टी का मज़ा लुट रहे थे और कल सन्डे था तो पहेले से सर्वसमंती से तय किये हुए फैसले के मुताबिक पार्टी सुबह तक चलने वाली थी. थोड़ी देर बाद अचानक आलोकने शेखर को एक तरफ बुला कर कहा.‘ सुन, मैं घर जा रहा हु.’यु ...Read More

2

क्लीनचिट - 2

अंक- दूसरा/२ब्लेक कलर के ऑफ सोल्डर टॉप और नी लेंथ स्कर्ट में ट्रेंडी मीडियम लेंथ खुल्ले हुए हेयर स्टाइल अदिती बेहद ही खुबसूरत लग रही थी।ग्रे कलर के ट्राउज़र पर डार्क ब्ल्यू कलर के हाफ स्लीव, राउंड नेक टी- शर्ट में आलोक का नज़ारा आसानी से एक बार किसी का भी ध्यान एक खींचने के लिए काफी था।अदिती-आलोक बूके के लिए शुक्रिया।आलोक-आशा करता हूँ आपको अच्छा लगा होगा।अदिती-अरे हाँ, बहोत ही खुबसुरत है।आलोक- मैंने आपको ज्यादा इंतज़ार तो नहीं करवाया ना ?अदिती- जी नहीं, मैं भी अभी अभी आई हूँ. पांच मिनिट पहेले ही, सब से पहेले रिसेप्शन काउंटर ...Read More

3

क्लीनचिट - 3

अंक- तीसरा /३ अदिती- आलोक, दो दिन बाद डेल्ही में मेरे एन.जी.ओ. की एक जरुरी मुलाकात है, पापा के अज़ीज़ दोस्त और फॅमिली सदस्य जैसे अंकल और उनके कुछ दोस्त इस एन.जी.ओ. के नयी परियोजना की वितीय योजना के लिए ऑस्ट्रेलिया से आ रहे है, बहोत ही कम वक़्त में मुझे ढेर सारी तैयारिया करनी है, और मैं इस परियोजना की मुख्य प्रभारी हूँ , सिर्फ तिन दिन में पुरे परियोजना की डिजिटल मिडिया मंच से ले कर प्रिंट मिडिया तक की ब्ल्यूप्रिंट मुझे ही तैयार करनी है।अदिती को लगा की आलोक कुछ पूछना चाहता है, पर चुप है, इसलिए ...Read More

4

क्लीनचिट - 4

अंक-४/ चौथाआलोक को ये अहेसास हुआ की उनकी दिमागी अस्वस्था उनके पर हावी हो जाए उस से पहेले उसे माहोल से निकल जाना चाहिए।गोपाल से किसी काम का बहना बना के आलोक ऑफिस से निकल के सीधा अपने फ्लेट पर आ गया। लंच का वक्त होते हुए भी उसे भोजन करने की कोई रूचि नहीं थी। कोल्ड कोफ़ी का कप लेकर बाल्कनी में जुले पर बैठ कर उदास और परेशान मन के आरोह अवरोह को शांत करने की कोशिष करने लगा।अदिती से जुदा हुए आलोक को आज तीन हफ्ते का वक़्त गुजर चूका था फिर भी एक दिन भी ...Read More

5

क्लीनचिट - 5

अंक- पांचवा /५शेखर- आलोक, ये हालात मेरे लिए अपनी दोस्ती के मायने के इम्तिहान के नतीजे का वक्त मैं पिछले काफी वक्त से इस बात पर गौर कर रहा हूं कि, तू बात करते करते अपनी बात की मुख्य धारा से भटक जाता है। तेरे शब्द और तेरे बर्ताव के बीच में संतुनल नहीं रहता। और तेरी आँखे इस बात की चुगली कर देती है। तेरी जो व्यथा की कथा है उस में किसी स्त्री पात्र होने की सम्भावना का संदेह इसलिए उठता है, क्योंकि, जहाँ तक मुझे जानकारी है, वहां तक तुझे कोई आर्थिक या पारिवारिक या अन्य ...Read More

6

क्लीनचिट - 6

अंक - छठ्ठा/६'शेखर, अदिती के देहलालित्य को शब्दों मे बयान करना शायद आसान होगा, लेकिन उस एहसास को जीने लिए आलोक बनकर जनम लेना होगा। हमदोनो ने मुश्किल से ४ से ५ घंटे साथ में बिताए होंगे। उस समय दरमियान जो भी बातें हुई वो सामान्य ही थी। वो स्वभाव से बहुत बिंदास है, और उस दिन फिरकी लेकर मेरी बैंड बजाने में उसने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। बातों बातों में हमदोनों कब एकदूसरे मेें इतना घुलमिल गए, उसका पता ही नहीं चला। लेकिन जब अलग होने का समय आया तब वो बहुत धीरगंभीर हो गई थी। अंतिम ...Read More

7

क्लीनचिट - 7

अंक - सातवां/७'अदितीतीतीतीतीतीतीती....''अदितीतीतीतीतीतीतीती....''अदितीतीतीतीतीतीतीती....' का नाम लेकर चिल्लाते हुए आलोक और शेखर दोनों ने लिफ्ट की आसपास का इलाका छान बहुत ढूंढा पर तब तक तो अदिती सैकड़ों की भीड़ में कहा गुम हो गई थी। आलोक की सांसे अचानक से फूलने लगी। थोड़ी ही देर में तो आलोक की आंखों के सामने एकदम से अंधेरा छा गया और अंत में आलोक ने अपने दोनो हाथों से जोर से सिर को दबाने के साथ ही अदिती के नाम की जोर की चीख लगाते ही आलोक को चक्कर आते ही वही पर ही गिर पड़ा।सिर्फ़ दस मिनटों में अचानक सबकुछ एकसाथ ...Read More

8

क्लीनचिट - 8

अंक - आठवां/८ अविनाश जोशी की एज होगी करीब पचास के आसपास। पर दिखने में लगते थे चालीस के। फूट हाइट। स्पोर्ट्समैन जैसी विशाल बॉडी। जबरदस्त पर्सनैलिटी। स्माइल के साथ शेखर का स्वागत करते हुए बोले, 'प्लीज़ सीट डाउन।'शेखर ने फैमिली फिजिशियन का रेफरेंस, अपना नाम परिचय औैर आलोक के साथ रिलेशन के बारे में बताया।डॉक्टर अविनाश ने पूछा,'शर्मा ट्रांसपोर्ट वाले वीरेन्द्र आपके क्या लगते है? उनका कॉल आया था।'।'जी सर, वो मेरे अंकल है।''ओह, आप श्री स्वर्गीय देवेंद्रजी के सुपुत्र है ऐसा?''हा, सर' यानि डॉक्टर अविनाश ने हाथ मिलाते हुए कहा,अरे.. वो तो मेरे बड़े भाई जैसे थे। औैर आपके ...Read More

9

क्लीनचिट - 9

अंक - नौ/९रात के ९:१० बजे शेखर ने डॉक्टर अविनाश को कॉल लगाया।डॉक्टर अविनाश ने कहा,'हेल्लो सर, मैं शेखर शेखर होल्ड ऑन फॉर जस्ट फ्यू मिनट्स।''इट्स ओके सर।'थोड़ी देर बाद...'हां अब बोलो शेखर।''सॉरी सर इस टाईम पर आपको डिस्टर्ब कर रहा हूं।'इतना बोलकर शेखर ने आलोक के आज के कारनामे के बारे में जानकारी दी।सब सुनने के बाद डॉ. अविनाश बोले, 'हम्ममम इतने शॉर्ट टाईम में आलोक का मेंटल रिएक्शन इतना जल्दी से बूस्ट हो जायेगा उसकी मुझे कल्पना भी नहीं थी। दूसरी कोई वायलेंस एक्टिविटी करी है उसने? गुस्सा करना? किसी पर हाथ उठाना? या कोई चीज़ तोड़ना ...Read More

10

क्लीनचिट - 10

अंक -दसवां/१०शेखर अभी कुछ समझे और पूछने जाय उससे पहले अविनाश बोले,'अभी आप दोनों मेरी बात ध्यान से सुनिए। आपको पहले ही बोला उस अनुसार मुझे या अदिती को किसी भी तरह के सवाल नहीं पूछ सकेेंगे। जब तक मैं न कहूं तब तक। इट्स क्लीयर?मैं और अदिती आपके सभी सवालों के जवाब देंगे, लेकिन उसकी समयमर्यदा मैं औैर अदिती तय करेंगे। दूसरी ओर बात आलोक को टोटली नॉर्मल होने मेें शायद थोड़ा समय भी लग सकता है, तब तक आपको अदिती को पूरा सपोर्ट करना पड़ेगा। क्योंकि आलोक के सिवाय सभी अदिती के लिए एकदम ही अनजान है। ...Read More

11

क्लीनचिट - 11

अंक - ग्यारहवां/११शेखर ने संक्षेप में अपने परिवार, सगे संबंधी, दोस्तों, व्यवसाय औैर अपने शोख और पसंदीदा प्रवृत्ति के में संक्षेप में जानकारी दी। बाद में अदिती ने पूछा,'अब तुम्हारी लाइफ में आलोक की कब, कहां औैर किस तरह एण्ट्री हुई वाे बताओगे?'शेखर ने आलोक के साथ हुई पहली मुलाकात से बात शुरू की।आलोक की बोलचाल, व्यवहार, स्वभाव, पारदर्शी व्यक्त्तित्व, काम के प्रति निष्ठा, समय पालन का परफेक्शन, काबिलियत उन सभी पहलुओं का शेखर ने विस्तार से अदिती के सामने वर्णन किया। उसके बाद शेखर बोला,'अदिती, आलोक में एक भी माइनस प्वाइंट नहीं था। आलोक का सब से बड़ा ...Read More

12

क्लीनचिट - 12

अंक - बारह/१२अचानक से आलोक बोला,'शर्त... शर्त... क्यूं फ़िर से शर्त.. तुम शर्त बोलती हो तब तुम मुझे.. छोड़कर.. कोर्इ शर्त नहीं।''क्यूं, क्या हुआ आलोक? मैंने तो अभी किसी शर्त के बारे में बात ही नहीं करी।''तुमने करी थी एकबार मेरे साथ औैर उसके बाद तुम''मैंने.. मैंने कौन सी शर्त रखी थी आलोक? कब बोलो तो?''कल... ना.. हा, एक दिन करी थी औैर बाद में तुम कहीं चली गई.. ना.. तुम शर्त बोलकर बाद में चली जाती हाे इसलिए कोई शर्त की बात नहीं करोगी, प्लीज़ अदिती।''अच्छा ठीक है, मैं कोई शर्त नही रखूंगी बाबा ओ. के. तुम कॉफी ...Read More

13

क्लीनचिट - 13

अंक - तेरह/१३कुछ क्षण पहले की बातचीत के दौरान एकदम सामान्य व्यवहार में से अचानक अदिती के बदले हुए पर के हावभाव से ऐसा प्रतीत हाे रहा था, जैसे कि बड़ी मुश्किल से कोई भावना बाहर आने के लिए प्रहार करती हुई कांटों जैसी पीड़ा से जूझ रही हो इस हद तक अदिती के अस्तित्व को अस्वस्थ होते हुए देखकर कुछ देर के लिए शेखर भी विस्मित होकर सोचने लगा कि ऐसी तो कौन सी बात होगी कि इतनी दृढ़ मनोबल भी क्षण में डीग गया?तुरन्त ही शेखर भी बाल्कनी में उसके साथ खड़े होकर उसके स्वस्थ होने की ...Read More

14

क्लीनचिट - 14

अंक - चौदह/१४सुबह ६:१० के आसपास अचानक शेखर की आंखें खुलते ही सबसे पहले नज़र आलोक के बेड पर ही दिल बैठ गया। आलोक बेड पर नहीं था इसलिए एकदम से बेड पर से उठकर आसपास नज़र करी लेकिन दिखा नहीं इसलिए बाल्कनी की ओर जाकर नजर डाली तो बाल्कनी में लॉन्ग चेयर पर बैठकर दोनों पैर लंबे करके बाल्कनी की किनारे पर टिकाकर आंखें बंद करके बैठे हुए आलोक को देखकर शेखर की जान मेें जान आई।एक अनजाने डर के साथ धीरे से आलोक के पास जाकर मुश्किल से बोला,'गुड मॉर्निंग, क्यूं इतना जल्दी जाग गया, आर यू ...Read More

15

क्लीनचिट - 15

अंक - पंद्रह/१५डॉक्टर अविनाश का उनकी प्रतिष्ठा के विरुद्ध निराधार औैर विचार-विमर्श के विरोधाभास औैर एकदम बेसिरपैर जैसे निवेदन शेखर के भीतर के निष्क्रिय शंकास्पद विचारों ने शेषनाग के जैसे फन फैलाए। औैर डॉक्टर अविनाश की ओर से अचानक ही कोर्इ सुनियोजित षड़यंत्र का मायाजाल बिछाया हो, ऐसा कहकर को भीतर से आभास होने लगा तो अपने असली मिजाज में आते हुए बोला,'सॉरी सर लेकिन अगर आप अभी किसी मज़ाक करने के मुड़ मेें हो तो प्लीज़ स्टॉप इट। कहां तो कितने दिन रात की बहुत सारी असहनीय मानसिक अत्याचारों से मुश्किल से गुजरकर इस स्टेज तक आए हैं। ...Read More

16

क्लीनचिट - 16

अंक - सोलह/१६अधिक मात्रा में ब्लड बह रहा था। मल्टी ओर्गेंस की इंज्यूरी होते हुए भी अत्यधिक पीड़ा से स्थिति में भी अदिती ने डॉक्टर को इशारा करके कहने की कोशिश करी कि उसे लिखने के लिए काग़ज़ और पेन दीजिए। फटाफट कागज़ औैर पेन दिए तब दर्द से कराहती अदिती ने मुश्किल से कागज़ पर सिर्फ़ एक शब्द लिखते ही उसके हाथ में से पेन गिरी और अदिती बेहोशी में।अदिती ने लिखा हुआ शब्द था,"आलोक"प्राइमरी ऑब्जर्वेशन करते हुए डॉक्टर के ध्यान में आया कि बांए पैर और दाहिने हाथ में फ्रैक्चर है औैर रीढ़ के साथ साथ सिर ...Read More

17

क्लीनचिट - 17

अंक - सत्रह/१७स्वाति का दिमाग अब आलोक का निशान पाने की दिशा की ओर निरंतर कार्यरत रहने लगा। कहीं भी एक तिनके के बराबर आलोक के अस्तित्व की हिंट मिल जाए उसी आशा में करीब स्वाति ने अदिती के सभी क्लोज़ फ्रेंड्स के साथ आलोक के नाम का उल्लेख करते हुए जांच कर ली लेकिन हर एक के पास से एक जैसा एकाक्षरी प्रत्युत्तर मिला, 'ना'उसके बाद निराधा की एक हद पार करने के बाद स्वाति ने एकदम से अपने आप को ही कोसने का मन होते ही उसे लगा कि, अगर उस रात को डिनर पर उसने थोड़ी ...Read More

18

क्लीनचिट - 18

अंक - अठारह/१८अब तो अंकल भी चक्कर खा गए।'मान गए बेटा, तुम्हारी बात सोलह आने सही है। इस स्थिति क्या कहेंगे, सरप्राइज़, सस्पेंस या फिर ऊपरवाले की अदम्य लीला?''संजना सब से पहले मैं तुम्हारे पापा को कॉल करके कह दूं कि आप लोगों को घर पहुंचने में देर होगी तो कोई चिंता न करें। क्योंकि मुझे लगता है कि अब येे डिस्कसन थोड़ा लम्बा चलेगा इसलिए।''हां, ओ. के. अंकल।'इसलिए अंकल ने चिमनलाल को कॉल करके बता दिया।पल पल पझल जैसे भ्रामक स्थिति के साथ साथ स्वाति की अधीरता का ग्राफ भी बढ़ रहा था। इसलिए स्वाति ने पूछा, 'अंकल ...Read More

19

क्लीनचिट - 19

अंक - उन्नीस/१९डॉक्टर अविनाश, मिसीस जोशी और संजना ने बड़े ही प्यार से सांत्वना देकर स्वाति को शांत करने बाद आलोक बोला..'स्वाति प्लीज़, तुम ऐसे शब्द बोलती हो तो मुझे अपने आप पर फटकार बरसाने का मन हो जाता है। मैं तो आप सब का इतना ऋणी हूं कि ऋणमुक्त होने के लिए मेरा ये जनम कम पड़ेगा। अदिती की सांसों के लिए मैं मेरे अंतिम सांस तक अदिती को तन, मन और धन से पूर्ण रूप से समर्पित हूं। लेकिन स्वाति तुम्हारा ऋण तो मैं किस तरह अदा करूंगा?अदिती और मैं, हम दोनों एक ईश्वरीय संकेत की संज्ञा ...Read More

20

क्लीनचिट - 20

अंक - बीस/२०अदिती की आंखें खुली ही थी। विक्रम और देवयानी भी वहीं पर हाज़िर थे। थोड़ी देर के अचानक अदिती के चेहरे पर के भाव में कुछ परिवर्तन आता देखकर सबको बहुत आश्चर्य हो रहा था। आलोक जिस डोर के पीछे खड़ा था बार बार अदिती का ध्यान उसी दिशा की ओर जा रहा था। ये देखकर स्वाति ने इशारे से अदिती को पूछा कि,'वहां क्या देख रही हो अदि? कौन है वहां?'लेकिन बस अदिती की नज़र आई. सी. यू. के डोर पर ही स्थिर हो गई। अदिती की अर्धजागृत मानसिक अवस्था में भी उसकी प्राथमिकता का अधिकारी ...Read More

21

क्लीनचिट - 21 - अंतिम भाग

अंतिम अंक - बाईस/२२स्वाति एकदम स्वस्थ थी। सबके चेहरे के हावभाव देखकर स्वाति पता चल गया कि अब सस्पेंस चरमसीमा आ गई है इसलिए गहरी सांस भरकर बोली...'मैं कल ऑस्ट्रेलिया जा रही हूं।' 'फॉर सेटल फॉरेवर। और ये कोई जोक नहीं है। आई एम टोटली सीरियस।'पिनड्रॉप साइलेंट के बीच कुछ क्षणों के लिए सभी जिस स्थिति में थे ऐसे ही स्टैच्यू हो गए। कोई सपने में भी नहीं सोच सकता ऐसे स्वाति के विस्फोटक निवेदन के बाद एक दूसरे के चेहरे पर के प्रश्नार्थ चिन्ह् और अनपेक्षित प्रतिभावों से अंकित मुद्राएं देखते ही रहे। लेकिन, स्वाति का ये वाक्य सुनकर ...Read More