शम्बूक

(73)
  • 242.7k
  • 11
  • 72.4k

2 जन चर्चा में.शम्बूक अयोध्या में एक सुमत योगी नामके व्यक्ति निवास करते थे। उनके पिता जी योग साधना के अतिरिक्त पाण्डित्य कर्म में रत रहते थे। वे अष्टांग योग के ज्ञाता थे। उसी का प्रभाव सुमत के जीवन पर पड़ा। वे भी परम्परा में मिली योग साधना एवं पाण्डित्य कार्य में लग गये। इससे उनकी प्रसिद्धि सम्पूर्ण अयोध्या में फैलती चली गई। किसी को कोई पाण्डित्य कार्य करना होता अथवा ज्योतिष से सम्बन्धित कोई प्रश्न पूछना होता तो लोग उनके दरबाजे पर सुबह से ही पहुँच जाते। उनकी पत्नी उमादेवी भी विदुषी थीं, वे भी घर- गृहस्थी के कार्य के अतिरिक्त उनके इस कार्य में सहयोग कर देतीं। धीरे-धीरे वे एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनकर समाज में प्रतिष्ठित हो चुके थे।

Full Novel

1

शम्बूक - 1

उपन्यास शम्बूक रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com भाग 1 2 जन चर्चा में.शम्बूक अयोध्या में एक सुमत योगी नामके व्यक्ति निवास करते थे। उनके पिता जी योग साधना के अतिरिक्त पाण्डित्य कर्म में रत रहते थे। वे अष्टांग योग के ज्ञाता थे। उसी का प्रभाव सुमत के जीवन पर पड़ा। वे भी परम्परा में मिली योग साधना एवं पाण्डित्य कार्य में लग गये। इससे उनकी प्रसिद्धि सम्पूर्ण अयोध्या में फैलती चली गई। किसी ...Read More

2

शम्बूक - 2

उपन्यास शम्बूक रामगोपाल भावुक सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 2 जन चर्चा में.शम्बूक भाग 2 मैंने आजी से प्रश्न किया-‘आजी जी, क्या सच में यह सम्भव है। वरदान में कोई कुछ भी माँग सकता है और भगवान शंकर इतने भोले हैं कि उसे मनचाहा वरदान दे भी देते हैं। ‘जी वत्स, भगवान शंकर भोले बाबा हैं। उनसे वरदान में सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है।’ ‘तो आजी जी क्या मैं भी ...Read More

3

शम्बूक - 3

उपन्यास- शम्बूक रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 2 जन चर्चा में.शम्बूक भाग 3 यह सब सोचते हुए सुमत, सतेन्द्र के साथ कल आने का वादा कर लौट आया। उसकी बुआ उसकी प्रतीक्षा कर रही थी। उसे देखते ही बोली-‘ क्यों रे सतेन्द्र इसे लेकर कहाँ चला गया था? मैं कब से तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही हूँ। सुबह से तुमने न कुछ खाया न पिया। कह कर तो जाते ,जाने कहाँ चले गये थे। लो पहले तुम दोनों ये दलिया खालो। सुबह ...Read More

4

शम्बूक - 4

उपन्यास शम्बूक - 4 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 2 जन चर्चा में.शम्बूक भाग 4 इनमें शम्बूक को कोई भी अपनाने को तैयार नहीं है। वह सोचता है- जाने किस अहम् में ये लोग डूबे हैं। वे अपने घर के मन्दिर में जोर-जोर से सभी को सुना सुनाकर वेदों की ऋचाओं का पाठ करेंगे। अरे! भगवान क्या बहरा हो गया है जो चिल्ला-चिल्ला कर पाठ कर रहे हो? वह तो चींटी के पग नूपुर बजते हें ...Read More

5

शम्बूक - 5

उपन्यास : शम्बूक -5 भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 3 शम्बूक और तंत्र साधना भाग 1 3 शम्बूक और तंत्र साधना - जब-जब बुआ जी हमारे यहाँ अयोध्या आतीं हैं घर का वातावरण सुवासित हो जाता है। जब भी घर में कोई बिशेष कार्य हो अथवा कोई तीज- त्यौहार हो तो मेरी बुआजी का अक्सर हमारे यहाँ आना-जाना लगा रहता है। रक्षाबन्धन के त्यौहार पर तो बुआ का हमारे यहाँ आना हो ही जाता है। इस वर्ष रक्षाबन्धन के ...Read More

6

शम्बूक - 6

उपन्यास: शम्बूक -6 रामगोपाल भावुक 4 श्रीराम के काल में आश्रम प्रणाली सतेन्द्र के अपने गाँव वापस लौटते ही सुमत के चित्त में श्रीराम के काल में पल्लवित हो रही आश्रम प्रणाली के विचार घनी भूत हो उठे- भारत वर्ष में श्री राम के काल में आश्रम प्रणाली बहुत तीव्र गति से फल-फूल रही है। प्रत्येक आश्रम के आचार्य प्रमुख के अपने-अपने नियम हैं। आश्रमों के बाहर राज्य का अस्तित्व होता है किन्तु आश्रम के अन्दर गुरुदेव के अपने बनाये नियमों से वह संचालित रहता है। इस तरह प्रत्येक आश्रम अपनी-अपनी तरह से ...Read More

7

शम्बूक - 7

उपन्यास: शम्बूक -7 रामगोपाल भावुक 4 श्रीराम के काल में आश्रम प्रणाली भाग.2 अब तक वह उन ब्रह्मचारियों के पीछे-पीछे चलकर, जो अन्न गाँव से लेकर आये थे उसे कोठार में सँभलाया। उसके बाद हम गुरुदेव के कक्ष में प्रवेश कर गये। सामने आचार्य की वेषभूषा में सजे-संवरे, पदमासन की मुद्रा में विराजमान गुरुदेव को देखा। माथे पर रामानन्दी तिलक शोभयमान हो रहा था। उसने भी उन ब्रह्मचारियों की तरह उन्हें साष्टांग दण्डवत किया। आचार्य का स्वर उसके कानों में गूँजा- ‘वत्स तुम कौन?’ उनका प्रश्न सुनकर वह काँप गया। वह जान गया कि ...Read More

8

शम्बूक - 8

उपन्यास : शम्बूक 8 रामगोपाल सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 5 वर्ण परिवर्तन- वैदिक परम्परा में भाग.1 5 वर्ण परिवर्तन- वैदिक परम्परा में मेरे फूफा जी ने यह किस्सा मुझे सुनाया था- जब शम्बूक उस आश्रम से बाहर निकला। उसके चित्त में गुरुदेव के कुछ विचार घनीभूत होने लगे-हर जगह कुछ बुराइयाँ हैं तो कुछ अच्छाइयाँ भी। मेरे साथी छात्रों ने गुरुदेव से मेरे शूद्र होने के कारण आश्रम में स्थान देने का विरोध किया था। गुरुदेव ...Read More

9

शम्बूक - 9

उपन्यास : शम्बूक 9 रामगोपाल 6 जन चर्चा में रामकथा इन दिनों त्रिगुणायत गाँव की चौपाल पर सभा हो रही थी। अनायास सुमत योगी उस सभा में पहुँच गये। सुधीर पौराणिक ग्राम प्रधान के आसन पर विराजमान थे। वे कह रहे थे- श्रीराम की चर्चा एक गाँव से दूसरे गाँव फैलती जा रही है। कैसे यज्ञ के प्रभाव से राम और उनकें भाइयों का जन्म हुआ। जन्म के बाद उनके नाम करण की कथा चर्चा का विषय बनी। इन दिनों घर-घर में श्री राम के बाल रूप की चर्चा होने लगी है। ...Read More

10

शम्बूक - 10

उपन्यास: शम्बूक 10 भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 7 शम्बूक का विवाह इस विषय पर सुमत योगी की दृष्टि गहराती चली गई। संयोग से उन दिनों शम्बूक के फूफा जी का अयोध्या में अगमन हुआ। सुमत ने समय पाकर उनसे पूछा- ‘फूफा जी बतलायें, मेरे मित्र शम्बूक के क्या हाल-चाल हैं?’ उन्होंने बतलाया- हमारे गाँव के काशी प्रसाद शम्बूक के पिता के समवयस्क हैं। उन्होंने शम्बूक के पिताजी को समझाया-‘ अरे! सुमेरु जी मेरी दृष्टि में शम्बूक ...Read More

11

शम्बूक - 11

उपन्यास : शम्बूक 11 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 8. श्रम विभाजन की प्रक्रिया सुमत के चित्त में वेदों के अध्ध्ययन के पश्चात् कुछ विचार पल्लवित हो उठे -आदिमानव के विकास के साथ ही मातृसत्ता समाज में पल्लवित हो उठी थी। घर की मुखिया माँ ही होती थी। सारे कार्य कलाप उसी के निर्देशन में चलते थे। धीरे- धीरे वर्ण व्यवस्था ने अपने पैर पसारे तो पितृसत्ता हावी हो उठी। मातृसात्ता का नाश होना स्त्री की पराजय थी। घर ...Read More

12

शम्बूक - 12

उपन्यास: शम्बूक 12 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 9.आर्यों की कर्मणा संस्कृति का विलुप्त होता अस्तित्व मुझे याद है ,यह प्रसंग फूफा जी ने मुझे रात सोने से पहले सुनाया था-सुधीर पौराणिक ने चौपाल से लौटते समय शान से लहराती अपनी दाड़ी-मूछों पर प्यार से हाथ फेरते हुये घर में प्रवेश किया। पत्नी नन्दनी उन्हें आया हुआ देखकर बोलीं-‘आपको यह जाने क्या हो गया है? आप तो शम्बूक के बारे में प्रतिदिन नई-नई कथायें गढ़कर लोगों के ...Read More

13

शम्बूक - 13

उपन्यास: शम्बूक 13 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 9.आर्यों की कर्मणा संस्कृति का विलुप्त होता अस्तित्व भाग.2 सुन्दर लाल त्रिवेदी ने कहा-‘मुझे तो ऐसी मनोअवधारणा वाले शम्बूक के सम्बन्ध में विचार उचित नहीं लगते। वे बिना सिर पैर की बात नहीं लिख सकते। मनुस्मृति(दस, पेंसठ) में कहा है-‘ जो शूद्रकुल में उत्पन्न होंकर ब्राह्मण के गुणकर्म स्वभाव वाला हो वह ब्राह्मण बन जाता है। इसी प्रकार ब्राह्मण कुलोत्पन्न होकर भी जिसके गुणकर्म स्वभाव शूद्र सदृश्य हो वह शूद्र ...Read More

14

शम्बूक - 14

उपन्यास: शम्बूक 14 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 10 जन जीवन में जन्मना संस्कृति का प्रवेश- प्रसग सुनते- सुनते मैं उघने लगा था तो फूफा जी बाले-‘ सुमत मुझे लगता है तुम्हें नीद आ रही है। मैं सचेत हो गया बोला-‘नहीं फूफाजी मैं सुन रहा हूँ। आप तो सुनायें। उन्होंने कथा पुनः कहना शुरू कर दी-‘-सुन्दर लाल त्रिवेदी के घर उनके बड़े पुत्र उमेश त्रिवेदी अपने पाण्डित्य कर्म के लिये अपनी पहिचान बना चुके थे। लोग हर काम उनसे पूछ-पूछ कर ...Read More

15

शम्बूक - 15

उपन्यास: शम्बूक 15 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 11 कर्मणा और जन्मना संस्कृतियों में द्वन्द- वे किस्सा सुनाने से रुके नहीं, बोलते रहे-जब-जब लोगों को किसी संस्कृति में दोष दिखाई देने लगते हैं तब-तब उनके सुधार की आवाज बुलन्द होने लगती है। विकसित संस्कृति के लक्षण यह हैं कि वह दोष निवारण के लिये आतुर दिखाई देने लगती है। हमारी सनातन कही जाने वाली संस्कृति की यही पहिचान है। कर्मणा संस्कृति में कुछ दोष दिखाई देने लगे थे तभी ...Read More

16

शम्बूक - 16

उपन्यास: शम्बूक 16 रामगोपाल सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com जन्मना संस्कृतियों में द्वन्द भाग 2 । क्षत्री का पुत्र क्षत्री बने रहने में गौरव का अनुभव कर रहे हैं। यों नया वर्ग जाति का आधार बनता जा रहा है। कर्मणा संस्कृति पीछे छूट रही है। जन्मना संस्कृति विस्तार पाती चली जा रही है। कर्मणा संस्कृति को लोग पुरानी परम्पराबादी संस्कृति की तरह देखने लगे हैं। जन्मना संस्कृति को नई विकसित आधुनिक सभ्य संस्कृति के रूप में पेश किया जाने लगा है। ...Read More

17

शम्बूक - 17

उपन्यास : शम्बूक 17 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 11 कर्मणा और जन्मना संस्कृतियों में द्वन्द भाग 3 दूसरे दिन सुबह ही दोनों महेन्द्र के घर के लिये निकल पड़े। रास्ते में क्षत्रियों की वस्ती से पहले लोह कर्मियों का मोहल्ले से निकलकर जाना पड़ रहा था। उस मोहल्ले में लोहकर्मी अपनी अपनी दुकान में घोकनी के द्वारा अग्नि को प्रज्वलित कर उसमें तेजी ला रहे थे। इससे लोहा लाल पड़ गया था। वे उसमें से निकालकर उसे ...Read More

18

शम्बूक - 18

उपन्यास : शम्बूक 18 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 12महापण्डित रावण एक असाधारण ब्राह्मण था। भाग1 12. महापण्डित रावण एक असाधारण ब्राह्मण था। सुमत ने यह कथा अपने नगर के एक कथा वाचक से सुनी थी-एक दिन शम्बूक की पत्नी मोहनी ब्राह्मणों के अत्याचारों से त्रस्त होकर बोली-‘ स्वामी, आप जिस पथ पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे है वहाँ कोई अवरोधक है तो ये व्राह्मण वर्ग ही है। आज इन्हीं से पूछ -पूछकर समाज ...Read More

19

शम्बूक - 19

उपन्यास : शम्बूक 19 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 13 शम्बूक के आश्रम में- भाग 1 13. शम्बूक के आश्रम में- सुमत योगी का चिन्तन इन दिनों तर्क की सरिता में प्रवाहित हो रहा था-अपना चित्त ही अपना गुरु है। इसे अर्न्तगुरु भी कह सकते हैं। वह आदमी को सत्- असत् का रास्ता भी सुझाता चलता है। इन दिनों शम्बूक को परम्परा से चली आ रही आश्रम व्यवस्था में भी ...Read More

20

शम्बूक - 20

उपन्यास : शम्बूक 20 भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 13 शम्बूक के आश्रम में- भाग 2 यदि आज इस प्रणाली पर प्रतिबन्ध न लगाया गया तो किसी दिन यह प्रणाली हमारे समाज के लिये नासूर बन जावेगी। लोग श्रम से जी चुराने लगेंगे। हम श्रम जीवी व्यवस्था के पक्षधर हैं। हमें उसी ओर चलने का प्रयास करना चाहिए। जन सामान्य में चेतना भरने के लिये राजा को स्वयम् हल चलाकर कृषि कार्य का ...Read More

21

शम्बूक - 21

उपन्यास : शम्बूक 21 रामगोपाल सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 13. शम्बूक के आश्रम में- भाग 3 इस समस्या को लेकर शम्बूक ने अपने आश्रम में एक सभा का आयोजन किया। उन्होंने आश्रम बासियों के समक्ष अपनी यह बात रखी-‘ मैं चाहता हूँ जंगल की जड़ी-बूटियों पर गहन चर्चा हो जिससे योजना को क्रियान्वित किया जा सके। घन्वन्तरि जी के आधार पर इलाज करने वाले एक ग्रामीण वरुण बैद्य ने अपनी बात रखी-‘ हमारे गाँव- गाँव में प्रत्येक बीमारी के बैद्य ...Read More

22

शम्बूक - 22

उपन्यास : शम्बूक 22 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 13 शम्बूक के आश्रम में- भाग 4 आप लोग जाकर इस नई व्यवस्था में भागीदार बने। आप लोग अपने अपने वर्ग में जायें और अपनी बात का उनसे निवेदन करें। यदि वे नहीं माने तो बुद्धि-वल पूर्वक अपना काम बनायें। यदि हम यह पंक्ति तोड़ने में सफल नहीं हुये तो यह आने वाले समय के लिए नासूर बन जायेगा। सेवक वर्ग पतित हो जायेगा। वह अपना अस्तित्व ...Read More

23

शम्बूक - 23

उपन्यास: शम्बूक 23 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 14. शम्बूक की कथा में भाग 1 14. शम्बूक की कथा में- सुधीर पौराणिक शम्बूक की कथा को इस तरह व्यक्त कर रहा था कि सभी सुनने वालों को कथा सच सी प्रतीत हो। सहयोग से सुमत योगी उस सभा में पहुँच गया। अरे! मैं इन दिनों इस सभा में यह क्या सुन रहा हूँ- एक दिन एक बूढ़ा ब्राह्मण जो अयोध्या राज्य के सुदूर गाँव का रहने वाला था। उसके पुत्र की असमय ...Read More

24

शम्बूक - 24

उपन्यास : शम्बूक 24 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 15. सुमत योगी का श्रीराम से मिलन भाग 1 15. सुमत योगी का श्रीराम से मिलन आज सुबह से ही सुमत की पत्नी उमादेवी उसके इर्द-गिर्द मड़रा रही थी। जब-जब उसके मन में कोई बात होती है तो वह इसी तरह इर्द-गिर्द मड़राती दिखाई देती है। उससे पूछ ही लेता हूँ, क्या चल रहा है उसके मन में? यह सोचकर सुमत ने पूछ लिया-‘ देवी, मुझे ...Read More

25

शम्बूक - 25

उपन्यास : शम्बूक 25 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 16. धटना केवल इतनी सी घटी भाग 1 16. धटना केवल इतनी सी घटी- इस घटना के वाद सुमत को ज्ञात हुआ-श्री राम को शम्बूक के बारे में प्रत्येक जानकारी मिल रहीं थी। लोग उसके विरोध में उनके कान भरने का प्रयास कर रहे थे। आश्रमों के माध्यम से मिली जानकारी को श्रीराम असत्य नहीं मान पा रहे थे। वे सोचते हैं उनके राज्य के सभी आश्रम सत्य के ...Read More

26

शम्बूक - 26

उपन्यास : शम्बूक 26 रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 17 जितने मुँह उतनी बातें- भाग 1 17. जितने मुँह उतनी बातें- सुमत योगी ने सुना है- एक रात कुछ लोगों ने शम्बूक के आश्रम पर आक्रमण कर दिया। सारे आश्रम को तहस- नहस कर ड़ाला। उस संघर्ष में अनेक लोग मारे गये। उसमें शम्बूक ऋषि की हत्या कर दी गई। वह आश्रम पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। उसकी सारी व्यवस्था उजाड़ दी ...Read More

27

शम्बूक - 27 - शम्बूक वध का सच - अंत

उपन्यास शम्बूक शम्बूक वध का सच रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email-tiwari ramgopal 5@gmai.com 1 शम्बूक वध का सच का भाग 1 1 शम्बूक वध का सच अग्नि परीक्षा के बाद भी सीता माँ का परित्याग, महान तपस्वी शम्बूक का राम के द्वारा वध, पता नहीं किस कुघरी में ये निर्णय लिये गये। व्यवस्था को सड़ने के अंकुर दिये गये।। मैं अपनी इन पक्तियों को अपने लम्बे काल से ही ...Read More