आत्मविश्वास कितना सरल शब्द है... ये सरल जितना सुनने मे लगता है उतना कही ज़्यादा उसे अपने पास रखना ईतना ही कठिन होता है.. कभी कभी ऐसा बन जाता है की हम कई बार दुसरो को ये बात सिखाते है और कहते है की आप धीरज से काम लो और अपने आप पर विश्वास रखो सब ठीक होगा.. ये हम बोलते है पर यहाँ मेरे अनुभव से आपको ये बात कह शक्त्ति हूँ की जो हम खुद पर विश्वास रखेंगे तो जो हम चाहते वो अवश्य पूर्ण होगा ! ऐसी ही ऐक कहानी है "ऐक बालक का आत्मविश्वास
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आत्मविश्वास भाग - 1
आत्मविश्वास कितना सरल शब्द है... ये सरल जितना सुनने मे लगता है उतना कही ज़्यादा उसे अपने पास रखना ही कठिन होता है.. कभी कभी ऐसा बन जाता है की हम कई बार दुसरो को ये बात सिखाते है और कहते है की आप धीरज से काम लो और अपने आप पर विश्वास रखो सब ठीक होगा.. ये हम बोलते है पर यहाँ मेरे अनुभव से आपको ये बात कह शक्त्ति हूँ की जो हम खुद पर विश्वास रखेंगे तो जो हम चाहते वो अवश्य पूर्ण होगा ! ऐसी ही ऐक कहानी है "ऐक बालक का आत्मविश्वास ...Read More
आत्मविश्वास भाग - 2
अगले भाग मै हमें देखा की आरव 5 वीं कक्षा मैं अव्वल आये थे फिर तो उनके माता पिता लगा की उनका बेटा एक ना एक दिन ज़रूर बड़ा बनेगा | ऐसा गर्व था फिर आरव भी दिन भर पुरे पढ़ाई मैं ही व्यस्त रहता था और आरव को वही बहुत पसंद था | वो कोई दूसरे क्लास मैं या कही और जाना नहीं चाहता था बस उसे ध्यान से और एकाग्रता से ही उनका काम करता था | क्यूंकि उन्हों ने 5 वीं कक्षा मैं ही ठान लिया था की मैं भी ऐसा कुछ करूंगा | फिर ...Read More
आत्मविश्वास भाग - 3
अगले भाग मैं हमने देखा की आरव का जन्मदिन आया और उसने माँ पिता के चरणों मैं झुक कर लिया और कहा की वही मेरे लिए सबसे बड़ी अमूल्य भेट है | फिर आरव की माँ ने पूछा की बेटा , तुम्हें क्या चाहिए? फिर आरव ने कहा चाहिए तो कुछ भी नहीं पर हाँ , माँ आप मेरे लिए आज लड्डू ही बना देना उसमे मेरा सब कुछ आ गया | फिर आरव की माँ ने लड्डू बनाया और आरव भी ख़ुशी के मारे पागल हो रहा था क्यूंकि उन्हें लड्डू बहुत पसंद थे | देखते ...Read More
आत्मविश्वास भाग - 4
अगले भाग मैं हमने देखा की आरव की 10 वीं बोर्ड की परीक्षा थी उसमे भी वो अव्वल आया देखते देखते उनका ये वक़्त भी बीत गया और कहा पहुँच गए वो पता ही नहीं चला आगे तो आरव की पढ़ाई चलने ही वाली थी पर उसकी इतनी भी परिस्थिति ज़्यादा नहीं थी की वो आगे बढ़ने का खर्चा निकाल सके , फिर उन्हों ने उनसे माता और पिता को आगे पढ़ाई करने के लिए उन्हें मना किया तब उनके माता और पिता को बहुत दुख भी हुआ फिर भी आरव के माता ने आरव को आगे बढ़ने के ...Read More