उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -094257157Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग एक अभी मैं अपने कमरे में ही थी कि सुमन ने मुझे आवाज दी-‘ सुगन्धा ऊपर आना। ’ मैं उसकी आवाज सुनकर अपने कमरे के पिछले दरवाजे से उनके आंगन में पहुँची । हम उनके मकान में किराये से रहने आये थे। पहली बार उनके घर में जाना हो रहा था। आंगन से ऊपर जाने के लिए सकुचाते हुए सीढ़ियाँ चढ़ने
Full Novel
सोलहवाँ साल (1)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -094257157Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग एक अभी मैं अपने कमरे में ही थी कि सुमन ने मुझे आवाज दी-‘ सुगन्धा ऊपर आना। ’ मैं उसकी आवाज सुनकर अपने कमरे के पिछले दरवाजे से उनके आंगन में पहुँची । हम उनके मकान में किराये से रहने आये थे। पहली बार उनके घर में जाना हो रहा था। आंगन से ऊपर जाने के लिए सकुचाते हुए सीढ़ियाँ चढ़ने ...Read More
सोलहवाँ साल (2)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग दो उनमें से एक लड़के की तो मुझे कुछ-कुछ याद है । उसकी चूहे खाकर आने बाली बात की शिकायत मैंने पापा से कर दी थी। पापा चले सो उसकी शिकायत बडे मास्साब से कर दी। उन्होंने उस लड़के को बुलाकर डाँटना शुरू किया, बेचारा लड़का तो धाड़े मार के रोने ही लगा ...... और मैं उसके पास जाकर उसके धार-धार आँसुओं को पोंछने लगी। यह देख कर सभी को हँसी ...Read More
सोलहवाँ साल (4)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग चार मैं ग्यारह वर्ष की हो गई। लम्बा कद, अच्छा स्वास्थ्य होने से सयानी ...Read More
सोलहवाँ साल (5)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति ...Read More
सोलहवाँ साल (7)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग सात - यों मैंने प्रथम श्रेणी से कक्षा सात और इसी उधेड़बुन में कक्ष आठ भी उत्तीर्ण करली। ग्रीष्म अवकाश में मैं अपनी कक्षा नौ की पुस्तकें पलटने लगी। मैं चोरी-छिपे पापा-मम्मी की अल्मारी में से उपन्यास उठा लेती और उन्हें पढ़ने लग जाती। आज मैं जो कुछ लिखने का प्रयास कर रही हूँ यह सब उन्हीं उपन्यासों का परिणाम है। उनसे विषय वस्तु तो ...Read More
सोलहवाँ साल (8)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग आठ कुछ दिनों में परीक्षा परिणाम निकल गया। मैं भी प्रथम श्रेणी से हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करली। पापा मेरी इच्छा को देखते हुए अर्थशास्त्र, नागरिकशास्त्र, इतिहास की पुस्तकें ले आये। मैंने कन्या उ.मा.वि. डबरा में ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश ले लिया। हमारा गाँव डबरा से तेरह किलोमीटर की दूरी पर है। गाँव से एक किलोमीटर की दूरी पर डबरा के लिये बस मिलती है। बस कन्या ...Read More
सोलहवाँ साल (9)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग नों- का संक्षिप्त सार इस बरस मेरी इन्टर में मुश्किल से प्रथम श्रेणी ही आ पाई है। दमयन्ती का विवाह आ गया। विवाह में कैसे क्या होता है ? रीति-रिवाजों को देखने की उत्सुकता मेरे मन में उत्पन्न हो गई।। टीका होते वक्त औरतें गीत गा रही थी - राज जनक जी की पौर पै दशरथ चढ़ आये । कैमरे बालों के अनुसार सारा कार्यक्रम चला। दमयन्ती ने दूल्हे ...Read More
सोलहवाँ साल (10)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707 Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग दस मंडप के नीचे से पंडिंत जी ने कहलवा भेजा, मुहूर्त का समय हो गया हैं, जल्दी से लड़के को लेकर मण्डप के नीचे आयें। दूल्हे का जीजा दूल्हे को लेकर आ गया। दमयन्ती को भी मंडप के नीचे बैठाया गया। जो दमयन्ती स्टेज पर मुँह खोले फोटो खिचा रही थी । वही अब धूधंट डाले बैठी थी । इस समय मेरी दृष्टि ...Read More
सोलहवाँ साल (11)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग ग्यारह दूसरे दिन यथा समय मैं बिना किताबों के घर से निकली। पूर्व निश्चित स्थान पर सुनंदा प्रतिक्षा करते मिली। कुछ ही क्षणों में सभी सहेलियाँ आ गईं। टिकिट की लंबी पंक्ति देख कर मन कचपचाया। किंतु सुनंदा ने टिकिट के पैसे इकट्ठे कर लिये और टिकिट की लाईन में लग गई। अंततः बड़ी मशक्कत के सुनंदा टिकिट ले आई। फिल्म चलने लगी, किन्तु मेरा चित्त चोरी से फिल्म ...Read More
सोलहवाँ साल (12)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग बारह मेरा मन फिल्म देखने का नहीं था। अंदर का चोर उछलकूद कर रहा था। मुझे अपनी खैरियत फिल्म देखने जाने में ही लगी। मैं बेमन से तैयार होने लगी। मम्मी ने पूछा -‘‘क्यों सुगंधा यहाँ कौन-कौन सी फिल्में चल रही हैं ?’’ मैंने अपने आपको बचाने के लिए झट से उत्तर दिया-‘‘मुझे क्या पता?’’ मम्मी बोली ‘‘अरे ! कैसी लड़की है? कॅालेज की लड़कियाँ आपस में ...Read More
सोलहवाँ साल (13)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग तेरह इन दिनों अंजना का हमारे घर में आना-जाना शुरू हो गया था। मम्मी से ज्ञात हुआ - अंजना के पापा ने उसके लिए लड़का देख लिया हैं । एक दिन मैंने अंजना से पूछा- ‘‘मोहन भैया कैसे हैं ?’’ ‘‘आश्चर्य ! आज तू स्वंय मोहन के बारे में पूछ रही है । वह तो ...।’’ ‘‘कह-कह मैं किसी ...Read More
सोलहवाँ साल (14)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com चौदह एक दिन मैं कॉलेज से निकली। सामने मामा के इकलौते साले साहब बाइक लिए खड़े थे । मुझे देखकर उन्होंने बाइक मेरे सामने खड़ी कर दी और बोले - ‘‘सुगंधा बैठ ले। ’’ मैंने कहा -‘‘नहीं मामा मैं चली जाऊँगी ।’’ ‘‘अरे !बैठ ले घर छोड़ देता हूँ ।’’ मैं बाइक पर उनके साथ बैठ गई। उन्होंने बाइक इतनी तेज दौड़ा दी कि मेरे प्राण सूखने लगे । बोली ...Read More
सोलहवाँ साल (15)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग पन्द्रह इसी समय कक्षा में मिसेज दास आ गईं तो बात आई-गई हो गई। मुझे एक खेल सूझा-मैंने प्रत्येक विषय के बीस-बीस मुख्य प्रश्न छाँटना चाहे। कॉपियों पर क्रम से प्रश्न नंबर अंकित कर लिये। जितने प्रश्न थे उतने नंबर की पर्ची बना डाली। सभी पर्चियाँ गड्डमगड्ड करके डाल लीं। उनमें से बीस पर्चियाँ उठा लीं। उन प्रश्नों पर निशान लगा लिये। मामा से गाईडें मगवा लीं। मैं उन्हीं प्रश्नों ...Read More
सोलहवाँ साल (16)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग सोलह आज के परिवेश में आपकेा ये सब बातें अव्यावहारिक लग रही होंगी। आने बाले समय में कुछ नई परम्परायें समाने आयी हैं। आज की कुछ बातें कल अव्यवहारिक लग सकती हैं। अब मुझे लगता है -ओजोन की पर्त में छेद हो गया हैं जिसके कारण यह सब घटित हो रहा है। रक्षक शोषकों का काम करने लगे हैं। विश्वसनीय ...Read More
सोलहवाँ साल (17)
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग सत्रह एक दिन मैं कमरे में पढ़ रही थी कि पापा ने आकर मुझ से पूछा-‘ सुना है तुम्हारे कॉलेज में छात्रसंघ के चुनाव आ गये हैं और तुमने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।’ ‘ पापा आप से यह किसने भिड़ा दी? मैं और चुनाव! गाँव की बेटी हूँ और अपनी औकात जानती हूँ। वहाँ लड़के- लड़कियाँ साथ-साथ पढ़ते ...Read More
सोलहवाँ साल (18) - अंतिम
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक सम्पर्क सूत्र- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूति नगर, जिला ग्वालियर म.प्र. 475110 मो 0 -09425715707Email:- tiwariramgopal5@gmai.com भाग अठ।रह आठ दस दिन ही उन्हें सेना से अवकाश मिला। वे छुट्टी पर आये। उनके आने की सूचना हमारे घर आ गई । मैं चाहती थी कि इस अवसर पर सुमन गुप्ता मेरे पास रहे। उनके आने के एक दिन पहले मैं ही सुमन को डबरा नगर से लिवा कर ले लाई। सुमन को मजाक सूझा। मेरे कान के पास आकर फुसफुसाई -‘‘सुगंधा, वे आ रहे हैं। ’’ मैंने ...Read More