नैना बेहद खूबसूरत नाम है। जैसा उसका नाम वैसे ही उसका मीनिंग होता है, "आंखें"। आँखों का काम होता है, देखना चाहे अच्छा या बुरा! या फिर सपने देखना? नैना का भी एक सपना था कि अपने बाबा की तरह खुद अपने ही पैरों पर खड़ी हो। अपने पुरखों के जमाने से दौलत तो थी उसके पास, पर जब उसके बाबा की मृत्यु हो गई। फिर उसके मौसा मौसी पूरे परिवार के साथ उसके पास रहने आ गए। मौसा की मां कमला देवी बहुत ही लालची औरत थी। एक हफ्ते तक तो सब ठीक चला पर जैसे ही मेहमान कम
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नैना का बदला. - 1
यह कहानी नैना के बारे मे है।यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है। नैना के बाबा के गुजरने के वो बुरे हालातो से गुजरती है। नैना को अपने ही प्रॉपर्टी के लिए मारने की कोशिश करते है। पर वो बचती हुयी कैसे बदला लेती है। वो जानने के लिए आपको यह स्टोरी पढ़नी पड़ेगी। ...Read More
नैना का बदला. - 2
"कृपया यात्री गण ध्यान दे मुंबई जाने वाली ट्रेन प्लेटफार्म न. 3 से रवाना होने वाली हैं।" "अरे यार हे, ट्रैन निकलने वाली हे। अब मुझे बैठ जाना चाहिए। चल फिर मिलते हे!" राजू। "हाँ प्रेम", अपना ख्याल रखना और पोहचते ही फ़ोन ज़रूर करना, राजु मुश्कुराके बोला। "चलो खैर अब फ़िलहाल डब्बे में पोहच ही गया हूँ! तो क्यों न कुछ पढ़ लिया जाये" प्रेम मन में सोचते हुए बोला। ट्रैन निकल पड़ी। राजू ने ये सुनते ही की चैन सांस ली अब मेरा दोस्त अपने घर पहुँच जायेगा। साथ में प्रेम भी खुश था की अपने परिवार ...Read More