बंधन जन्मोंका

(34)
  • 34.5k
  • 5
  • 13.1k

( बंधन जन्मोंका ) ( उपन्यास.... यह एक लव स्टोरी हैं । नायक और नायिका के दों जन्मों की कथा आलेखित की गई हैं। । कहानी पांच प्रकरणमें विभाजित हैं।यह कहानी मेरी अपनी रचना हैं, और बिल्कुल कल्पना आधारीत हैं,,, कोई घटना या स्थान के साथ इसका कोई संबंध नहीं हैं।आशा हैं कि सबको पसंद आएगी । पढकर कृपया आपना प्रतिभाव संमिलित करे । ) कहानी....... बंधन- जनमों के.......................................(प्रकरण-1). शाम के 7-30,,, बज रहे है... कलकताकी सूमसाम सडक रोशनी से प्रकाशित है, एक युवान अपनी युवानी पर सवार फूल स्पीड में कार चला रहा हैं और सोच

Full Novel

1

बंधन जन्मोंका - 1

( बंधन जन्मोंका ) ( उपन्यास.... यह एक लव स्टोरी हैं । नायक और नायिका के जन्मों की कथा आलेखित की गई हैं। । कहानी पांच प्रकरणमें विभाजित हैं।यह कहानी मेरी अपनी रचना हैं, और बिल्कुल कल्पना आधारीत हैं,,, कोई घटना या स्थान के साथ इसका कोई संबंध नहीं हैं।आशा हैं कि सबको पसंद आएगी । पढकर कृपया आपना प्रतिभाव संमिलित करे । ) कहानी....... बंधन- जनमों के.......................................(प्रकरण-1). शाम के 7-30,,, बज रहे है... कलकताकी सूमसाम सडक रोशनी से प्रकाशित है, एक युवान अपनी युवानी पर सवार फूल स्पीड में कार चला रहा हैं और सोच ...Read More

2

बंधन जन्मोंका - 2

बंधन जन्मोंका ( प्रकरण- 2 ) (प्रकरण-2). ये सब काली हील पर रीसोटपे जाने लिए अर्ली मोर्नींग निकले। प्लान केमुताबिक अनिल,समीर और सागर एवं सब लडकियाँ दो जीपमें बैठकर सुबह 8- बजे काली हील पर पहूँचे। सोनाको यह हिल बहुत पसंद थी ,उसने सहेलियों से कहा, मैं झीलसे पानी लेने जा रही हूँ ,आप लोग भोजन बनाने की तैयारी किजीए । सोना पहले भी कईबार यहाँ आ चूकी थी । सब लडकियाँ वृक्ष के नीचे सारा सामान रखकर तैयारीमें लग गई । अचानक सोनाकी चीख सूनाई दी। बचाओ,,,बचाओ,,, सब चौक गए। लडकियाँ भयभीत हो गई।.........झील थोडी दूर थी।.......हुआ ...Read More

3

बंधन जन्मोका - 3

बंधन जन्मोका - प्रकरण 3 ( पुनर्जन्म की कहानी... प्रकरण -2 में हमने देखा कि सोना के साथ हुई के बाद सोना और सूरज एक-दूसरे के करीब आ गए हैं, और एक- धूसरे कद चाहने लगे हैं । अब आगे... आपको ये कहानी कैसी लगी ? आपका अमूल्य अभिप्राय अवश्य लिखे,,,,, मातृभारती, ओडीटोरियल टीम का बहुत ही धन्यवाद । ) बंधन जन्मोका - प्रकरण 3 सूरजने स्टीयरीँग घूमाके गाडी का बड़ा टर्न लिया, क्योंकी रास्ता गोलाई पर जा रहा था। और सूरज विचारोंमें इतना मग्न था कि उसे पता ही न चला कि कब वह घोलाई वाले रास्ते ...Read More

4

बंधन जन्मोका - 4

( Dear, readers, प्रकरण -3 में हमने पढा कि सूरज और सोना दोंनों एन्युल फंकशनमें रोमियो- जुलियेट का रोल रहे हैं । और दोनों इनकी प्रेक्टीस में लगे हुए हैं । अब आगे.....आप सबका धन्यवाद,,,,,, एवं मातृभारती टीम का धन्यवाद । आपका अमूल्य अभिप्राय अवश्य लिखे । ) बंधन जन्मोका- प्रकरण-4 सूरज और सोनाने प्रेक्टीस शुरू की,,, एक दिन प्रेक्टीसके बहाने सूरजने सोनाको कहा, सोना आज तु मेरे यहाँ प्रेक्टीस करने आजा,,, कयों,,सोनाने पूछा,,, इरादा तो कुछ नहीं हैं,,, माँ ...Read More

5

बंधन जन्मोंका - 5

बंधन जन्मोंका-5 ( धन्यवाद , प्रिय पाठक एवं मातृभारती का । सोना और सूरज का एक्झाम पूर्ण हुआ अब प्लान के मुताबिक सब दोंस्तों दार्जिलिंग घूमने जाते हैं। अब आगे....) (प्रकरण- 5) सब लोग एक्झाम की तैयारीमें लग गए। सोनाने सूरजको बता दिया कि एक सप्ताह तक तुझे उसे मिलना भी नहीं हैं, और फोन भी नहीं करना हैं। क्योंकी हमारी केरीयर का सवाल हैं, सोनाने कहा,सूरजने कहा, यार इतना भी झुल्म, मैं मर जाऊँगा। यार,तुझे देखे बिना,,,,,सोनाने कहा, नहीं,,,नहीं,,,नहीं,,,सूरजने कहा, अच्छा चलो ऐसा करते , दिनमें एकबार, हम फोन पर मिलेंगे। इसकी क्या जरूरत हैं, सोनाने कहा, ...Read More

6

बंधन जन्मोका - 6

(-- Many many thanks to Dear readers, and Matrubharti.com गत प्रकरणमें हमने देखा कि सोना ओर उस्के दोस्त सोनाके घर घूमनेके लिए जाते हैं । वहां ठहरनेका पूरा इन्रजाम उन्के मामाने किया हुआ हैं । और पूरा का पूरा दार्जिलिंग घूमनेका प्लान हैं । अब आगे......) प्रकरण-6......... (सेकन्ड – डे-) रोप-वेः--- सोनाने कहा, आज हम लोग रोप वे- द्वारा यानि की केबल कार के द्वारा पूरे दार्जिलिंग को चक्कर लगाएंगे ।ये राईड सीस्टम बड़ी पूरानी हैं । ये यात्रा विस्मयपूर्ण, रोंमांच से ...Read More

7

बंधन जन्मोंका - 7 - अंतिम भाग

( प्रिय वाचक मित्रों , आपका बहुत बहुत धन्यवाद, एवं मातृभारती का भी बहुत बहुत धन्यवाद । प्रकरण-6 में देखा कि सोना और सूरज एवं उनके सभी दोस्तों दार्जिलिंगकी सैर करके कलकता लौट आए हैं। सूरज बङुत ही ज्यादा खुश था, नहीं , खुशीसे पागल था । वह सोना को मिलने अपनी ही धूनमें जा रहा था। और अति खुशी भी कभी कभी दुःख का कारन बन जाती हैं, इसी तरह सूरज के बारेमें भी वैसा ही हुआ । खुशी के मारे उसका अपने आप पर काबू ही न रहा और कार अकस्मात इतना भयंकर हुआ कि बडी दुर्घटनामें ...Read More