अधूरी मन्नते

(3)
  • 13.9k
  • 0
  • 4.2k

आपकी पठन रुचि को ध्यान में रखते हुए, आपके समक्ष प्रस्तुत है एक नवीन, रोचक, समाज के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराती एक प्रेम गाथा '' अधूरी मन्नते " यह कहानी काल्पनिक तो है लेकिन, जीवन मे घटने वाली घटनाओ से काफी जुड़ी हुई है,, कहानी कई भागों में आयेगी,, शुरू से अंत तक पढ़े फिर किसी निर्यण पर पहुँचे, अधूरी मन्नते, ...... ये कहानी, निर्मोहनी दास " मन्नत " जो आज के माहौल में पली बढ़ी ,,,खुल कर जीने ,वाली,, निडर, मगर अपनी हदों को बखूबी ,,जानती है , अपने कल्चर को भलीभांति समझती है,, मन्नत के पिता रिटायर्ड

New Episodes : : Every Thursday

1

अधूरी मन्नते

कुछ मन्नते जो मांगी थी रब से पर पूरी ना हो सकी अधूरी ही रही ...Read More

2

अधूरी मन्नते - 2

भाग 2 कुछ मन्नते अधूरी थी अधूरी ही रही अधूरी मन्नते ...Read More

3

अधूरी मन्नते - 3

अधूरी मन्नते भाग 3 लेकिन मन्नत शायद ये भूल रही है कि ,,एक रिषभ ही ऐसा बन्दा है इस मे जो हर नामुमकिन को मुमकिन कर सकता है,, ,, मन्नत अपना उदास चेहरा लेकर कपड़े धोने चली जाती है,,,तभी रिषभ वहां आता है,,और मन्नत को ऐसे उदास देख कर पूछता है,,," अरे क्या हुआ? तुम्हे तो कॉलिज जाना था,,,फिर यहां धोभी घाट खोलकर क्यों बैठ गई,,,,??? और तुम्हारे चेहरे पर 12 क्यों बजे है?? ,,,मन्नत ,,, इधर उधर देखती है फिर दबी आवाज़ में कहती है,," अरे ये सब तुम्हारी हिटलर मॉम का किया हुआ,,, उन्होंने ही फरमान जारी ...Read More