तुम्हारी इस नौकरी ने तो हमे खानाबदोश बनाकर रख दिया है। हर तीन चार साल बाद उठाओ समान और चल दो दूसरी जगह । ये भी कोई जिंदगी है?" सीमा सामान खोलते हुए बोली। "अरे भई अब काम ही ऐसा है तो क्या करे और ये कोई नई बात तो रही नहीं तुम्हारे लिए। जो इतना बिगड़ रही हो तुम।" रवि ने कहा। "आप तो रहने ही दो। खुद तो कल चले जाओगे ऑफिस। मैं अकेले सारा सामान सैट नहीं कर सकती।" "इसकी फिक्र न करो तुम।मैने पहले ही सारी बात कर ली है। आज सोसायटी वाले दो लोगों को
Full Novel
एक ही भूल, भाग १
तुम्हारी इस नौकरी ने तो हमे खानाबदोश बनाकर रख दिया है। हर तीन चार साल बाद उठाओ समान और दो दूसरी जगह । ये भी कोई जिंदगी है?" सीमा सामान खोलते हुए बोली। "अरे भई अब काम ही ऐसा है तो क्या करे और ये कोई नई बात तो रही नहीं तुम्हारे लिए। जो इतना बिगड़ रही हो तुम।" रवि ने कहा। "आप तो रहने ही दो। खुद तो कल चले जाओगे ऑफिस। मैं अकेले सारा सामान सैट नहीं कर सकती।" "इसकी फिक्र न करो तुम।मैने पहले ही सारी बात कर ली है। आज सोसायटी वाले दो लोगों को ...Read More
एक ही भूल, भाग २
सीमा को पुरानी बातें याद आने लगी। रज्जो उसके ही गांव की थी। रजनी नाम था इसका। सब इसे कहते थे। रज्जो के परिवार में उसके अलावा, माता पिता व भाई था। पिता सब्जी का ठेला लगाते थे और मां कस्बे स्कूल में आया का काम करती थी। मां बाप पूरा दिन बाहर रहते तो दोनों भाई बहन अपनी मस्ती में सारा दिन इधर उधर घूमते। मन करता तो स्कूल जाते वरना नहीं। रज्जो की मां अक्सर उन्हें पढ़ने के लिए डांटती थी। कई बार उसने भी समझाया था उसे।लेकिन हर बार वह यह कहते हुए भाग जाती की ...Read More
एक ही भूल, भाग- ३
उसके बाद चाचा जी ने जो चारपाई पकड़ी तो साल भर बाद उनकी अर्थी ही घर से निकली। बेटा चाची के पास ही अा गए थे। बहू व आस पड़ोस के तानों के कारण चाची एक चलती फिरती लाश ही रह गई थी। और कुछ सालों में अपना मानसिक संतुलन खो चल बसी। जिस रज्जो को दुनिया मरा हुए समझ भूल चुकी थी, वो इतने वर्षों बाद इस हाल में मिलेगी कभी सपने में भी सीमा ने नहीं सोचा था। शाम को रवि ने जब उसकी परेशानी का कारण पूछा तो उसने थकावट का बहाना कर टाल दिया। रात ...Read More
एक ही भूल, अंतिम भाग (४)
राजन ने मुझे आश्वासन दिया की वह अपनी पत्नी से जल्द ही तलाक ले लेगा। अभी हम आगे कुछ उससे पहले ही पुलिस वाले हमें खोजते हुए यहां तक अा पहुंची। उसके पिता व ससुर रसूख वाले थे। पुलिस पर दबाव डलवा उन्होंने बात दबा दी। पिताजी ने भी मेरी खातिर शिकायत वापस ले ली और उसके पिता से मुझे अपनाने के लिए खूब मिन्नतें की। परन्तु उन्होंने मुझे अपनाने से साफ मना कर दिया और राजन को भी धमकी दी की अगर उसने मुझे नहीं छोड़ा तो वो उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर देंगे। दीदी राजन कायर ...Read More