पसंद अपनी अपनी

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"बिजली घर-बिजली घर---ऑटोवाला ज़ोर ज़ोर से आवाज लगा रहा था।उमेश को देखते ही ऑटो वाले ने पूछा था।"कमलानगर जाना है।""कमलानगर के लिए बिजलीघर से बस मिलेगी,"ऑटोवाला बोला,"आइये।आपकेे बैठते ही चल दूंगा।"ऑटो में दो सवारी बैठी थी। एक कोने में युुुवती दूसरे कोने में मज़दूूूर सा दिखने वाला आदमी।उन दोनों के बीच जगह खाली थी।उमेश उस जगह बैठ गया।उसके बैठते ही ऑटो चल पड़ा।उमेश ने बगल में बैठी युवती पर नज़र डाली।लम्बा कद,छरहरा बदन,सांवला रंग और साधारण नैैैन नकश के बावजूद उसमे कशिश थी।इसकी वजह थी।उसकी उनींदी ऑखें।कोने में बैठी युवती चलते ऑटो में क़भी दांये, कभी बांये देख रही थी।ऐसा

Full Novel

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पसंद अपनी अपनी - 1

"बिजली घर-बिजली घर---ऑटोवाला ज़ोर ज़ोर से आवाज लगा रहा था।उमेश को देखते ही ऑटो वाले ने पूछा था।"कमलानगर जाना के लिए बिजलीघर से बस मिलेगी,"ऑटोवाला बोला,"आइये।आपकेे बैठते ही चल दूंगा।"ऑटो में दो सवारी बैठी थी। एक कोने में युुुवती दूसरे कोने में मज़दूूूर सा दिखने वाला आदमी।उन दोनों के बीच जगह खाली थी।उमेश उस जगह बैठ गया।उसके बैठते ही ऑटो चल पड़ा।उमेश ने बगल में बैठी युवती पर नज़र डाली।लम्बा कद,छरहरा बदन,सांवला रंग और साधारण नैैैन नकश के बावजूद उसमे कशिश थी।इसकी वजह थी।उसकी उनींदी ऑखें।कोने में बैठी युवती चलते ऑटो में क़भी दांये, कभी बांये देख रही थी।ऐसा ...Read More

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पसंद अपनी अपनी - 2

"रोको,"उमेश के बांयी तरफ बैठा आदमी बोला था।ऑटो रुकते ही वह आदमी उतर गया।उसके उतर जाने पर हुई खाली में उमेश खिसक गया था। सड़क पर लोग आ जा रहे थे।अचानक ऑटो के सामने एक साईकल वाला आ गया।उसे बचाने के चक्कर मे ऑटो ने ऐसा टर्न लिया कि युवती सम्हलेते सम्हलते भी युवती उमेश की गोद मे आ गिरी।ऐसा होने पर उमेश को बहुत अच्छा लगा।उसने मन ही मन सोचा।काश युवती इसी तरह उसकी गोद मे पड़ी रहे।लेकिन उसने जैसा सोचा था,वैसा नही हुआ।युवती फुर्ती से उसकी गोद से उठते हुए बोली,"सॉरी।"उमेश शालीनता से बोला,"ऐसा हो जाता है।'बिजलीघर ...Read More

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पसंद अपनी अपनी - 3

मै देखती हूं ।विमला पलंग से उठते हुए बोली।माँ के उठते ही वह पलंग पर लेट गई।वह अपनी सहेली के घर गई थी।धूप और गर्मी की वजह से परेशान हो गई थी।विमला कुछ देर बाद ही कमरे में लौट आयी तो उसने पूछा था, क्या हुआ मम्मी? मैने तेरे पापा को भेजा है। मम्मी आप भी----आप जानती है।पापा भोले भंडारी है।उस लफंगे से कुछ नही कह पाएंगे।आपको खुद जाकर उस लफंगे की खबर लेनी चाहिए थी। अनजान आदमी से औरत का उलझना सही नही है ।विमला ने बेटी को समझाया था। अजी सुनती हो ।माँ बेटी बातें कर रही थी।तभी रामलाल की आवाज सुनाई पडी थी, जरा पानी ...Read More