उफ्फ ये मुसीबतें

(32)
  • 36.4k
  • 0
  • 12.4k

हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने हिस्से के आम कुर्बान करना पड़ता है और इस कुर्बानी में मुझे जबरदस्ती शामिल किया अफसोस . हम मध्यर्गीय जीवों का जीवन बड़ा ही सरल होता है जितना सरल होता है उतना ही कठिन भी होता है इस बात से काफी लोग रिलेट कर सकते हैं क्योंकि हमारे इंडिया में नौजवानों की और बेरोजगारों की

New Episodes : : Every Wednesday

1

उफ्फ ये मुसीबतें - 1

हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने हिस्से के आम कुर्बान करना पड़ता है और इस कुर्बानी में मुझे जबरदस्ती शामिल किया अफसोस . हम मध्यर्गीय जीवों का जीवन बड़ा ही सरल होता है जितना सरल होता है उतना ही कठिन भी होता है इस बात से काफी लोग रिलेट कर सकते हैं क्योंकि हमारे इंडिया में नौजवानों की और बेरोजगारों की ...Read More

2

उफ्फ ये मुसीबतें - 2

मै तो भूल ही गई इस ज़मबो की बच्ची के बावाल में मेरे चावल जल गए"" शफकत किचेन की बड़बड़ाते हुए दौड़ी तब मेरे सांस में सांस आई मैंने सोचा ज़रा इस आग लगने की माचिस को सबक सिखाऊं, लेकिन चालाक लड़की, गिलहरी सी फुर्ती दिखाते हुए फौरन कमरे से फुर्र.. ख़ैर इसको तो मै आकर ठीक करूंगी मैंने मन ही मन सोचा और मुस्कुरा कर मोबाईल दोबारा उठा लिया। मुझे लेने चाचू आए हुए थे अब्बू ओर दादी ऐन शादी के दिन जाना तय हुआ चूकी शादी में अभी 16 दिन थे सो चाचू आराम से ...Read More

3

उफ्फ ये मुसीबतें - 3 - घराना शादी का

"आहा आ गई मेरी बिटिया??।।।" चाची ने देखते ही अपनी बाहें मेरी तरफ फैला दी और मैं किसी नखरीली की तरह उनसे कतरा कर उनसे दूर हो गई और उनके हाथ हवा में ही लहरा कर रह गए"ऐ भला, ये क्या हरकत है ??"चाची ने मुझे हैरानी से देखते हुए कहा "चाची बहुत लंबी कहानी है अभी बस इतना समझिए मै धूल पसीने से सराबोर हू पहले नहा लूं ""वाह री लड़की?" इस दफा चाची हंस पड़ी" वैसे ,हमारी बन्नो कहा है??" मैंने जाते हुऐ मुड़ कर पूछा "हां! पहले उससे मिल लेना जब से सुना है तुम आ रही हो ...Read More

4

उफ्फ ये मुसीबतें - 4 - शादी में फू फ़ा

"अरे जंबो?!! तुम अभी तक तैयार नहीं हुई ? बारात बस आने वाली होगी।" एक अजनबी औरत ने मुझसे "जी हुई तो थी, ये पोशाक तो नहीं पहनी थी मैने।?""अरे,तमीज छू कर भी नहीं गुजरी इस लड़की को"? एक अनजान औरत ने मुझे घूरते हुए कहा "अरे ना पूछो??। कोई सलीका नहीं, बहनों के ऊपर डिपेंडेंट, सारा काम और ख्याल वही करती हैं खाला" अजरा ने भी शिकायत लगाई यह कौन है जिसको अज़रा पहचानती है मैं नहीं?? "देखिए ना सलवार कौन सा तो कुर्ता कौन सा, कुर्ता भी मरदाना लगता है ,और दुपट्टा कहां है तुम्हारा? ?""अरे!? मैं शादी के हॉल ...Read More

5

उफ्फ ये मुसीबतें - 5

भी अतिया के साथ बाज़ार से आई, आते साथ आंगन में बैठी चाची के पास पहुंच गई और उनकी चारपाई पर अपना हिजाब और बैग रख धप से बैठ गई ? शाम का वक्त था, कुछ नए चेहरे भी दिख रहे थे, शायद नए मेहमान आ गए थे, सारी औरतें आंगन में इकट्ठा थी, सब शौक से मेरे पास आ बैठी क्युकी मैं ज़किया की गहनों की शॉपिंग करके वापस आई थी। चाची की भाभी जो ज़रा दूर थी चारपाई से वो भी अपनी कुर्सी कुछ ज्यादा ही मेरे पास सटा कर बैठ गईं, शुक्र है ?कि गोद में ...Read More