बकरी और बच्चे (भाग-०१)बच्चों की सूझबूझएक बकरी थी, उसके चार बच्चे थे। नाम थे - अल्लों, बल्लो, चेव और मेव। चारो बड़े ही नटखट और शैतान थे। बकरी रोज सवेरे बच्चो को घर में छोड़ कर बाहर चरने जाती और शाम को घर लौटती थी, जब वो बाहर जाती तो बच्चो को समझा के जाती कि - वे लोग दरवाजा बंद कर ले, और किसी अनजान के लिए दरवाजा ना खोलेें और जब बकरी खुद दरवाजा खुलवाने के लिए दरवाजा खटखटा कर एक गीत गाए तब ही दरवाजा खोलें क्योंकि बिना किसी को जाने और इस बात की पुष्टि हुए
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बकरी और बच्चे (भाग-०१)
बकरी और बच्चे (भाग-०१)बच्चों की सूझबूझएक बकरी थी, उसके चार बच्चे थे। नाम थे - अल्लों, बल्लो, चेव और चारो बड़े ही नटखट और शैतान थे। बकरी रोज सवेरे बच्चो को घर में छोड़ कर बाहर चरने जाती और शाम को घर लौटती थी, जब वो बाहर जाती तो बच्चो को समझा के जाती कि - वे लोग दरवाजा बंद कर ले, और किसी अनजान के लिए दरवाजा ना खोलेें और जब बकरी खुद दरवाजा खुलवाने के लिए दरवाजा खटखटा कर एक गीत गाए तब ही दरवाजा खोलें क्योंकि बिना किसी को जाने और इस बात की पुष्टि हुए ...Read More
बकरी और बच्चे (भाग -०२)
बकरी और बच्चे (भाग -०२) बकरी की सींग जब शेर दोबारा फिर मुंह की खा कर लौट जाता है रात में बच्चों की मां बकरी आती है तो, सभी बच्चे उसे दिन में शेर के दोबारा आने की सूचना देते हैं और यह भी बताते हैं कि किस प्रकार मेव की चालाकी से वे सब बच जाते हैं बकरी यह सुनकर सभी बच्चों को शाबाशी देती है और आगे से उन्हें और अधिक सतर्क रहने के लिए कहती है, बकरी सभी बच्चों को सुला देती है, लेकिन उसे रात भर नींद नहीं आती और वह बच्चों की सुरक्षा के ...Read More
बकरी और बच्चे - 3 मेव का चूना
बकरी और बच्चे (भाग -०३) मेव का चूना जब बकरी ने शेर का पेट अपने सींगो पर लगे नुकीले चाकू से चीर दिया, तो बहुत दिनों तक शेर के घाव भरे ही नहीं और घाव भर जाने के बाद वह बहुत कमजोर हो गया था, लेकिन जब शेर कई वर्षों के बाद ठीक हुआ तब भी वह बकरी के सींगो पर लगे चाकू को याद करके उसके घर की तरफ नहीं जाता था। वह जानता था कि अपने बच्चों की रक्षा करती मां से अधिक हिंसक और कोई नहीं हो सकता उस समय उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता ...Read More