माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बेटे मानस भगनानी की इंगेजमेंट श्वेता रामचंद्रन के साथ होती है। इस इंगेजमेंट की सुर्खियां सही तरह से मीडिया में फैलती उससे पहले ही मानस के स्टड फार्म हूफ प्रिंट पर एक लाश मिलती है। यह लाश उनके डिज़ाइनर मिलिंद तलपड़े की थी। जाँच में शक की सुई मानस की तरफ ही घूमती है। क्या सचमुच मानस कातिल था या कोई और ? हत्या की वजह क्या थी ? पढ़ें सस्पेंस से भरपूर क्राइम स्टोरी हूफ प्रिंट
Full Novel
हूफ प्रिंट - 1
माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बेटे मानस भगनानी की इंगेजमेंट श्वेता रामचंद्रन के साथ होती है। इस इंगेजमेंट सुर्खियां सही तरह से मीडिया में फैलती उससे पहले ही मानस के स्टड फार्म हूफ प्रिंट पर एक लाश मिलती है। यह लाश उनके डिज़ाइनर मिलिंद तलपड़े की थी। जाँच में शक की सुई मानस की तरफ ही घूमती है। क्या सचमुच मानस कातिल था या कोई और ? हत्या की वजह क्या थी ? पढ़ें सस्पेंस से भरपूर क्राइम स्टोरी... ...Read More
हूफ प्रिंट - 2
माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बेटे मानस भगनानी की इंगेजमेंट श्वेता रामचंद्रन के साथ होती है। इस इंगेजमेंट सुर्खियां सही तरह से मीडिया में फैलती उससे पहले ही मानस के स्टड फार्म हूफ प्रिंट पर एक लाश मिलती है। यह लाश उनके डिज़ाइनर मिलिंद तलपड़े की थी। जाँच में शक की सुई मानस की तरफ ही घूमती है। क्या सचमुच मानस कातिल था या कोई और ? हत्या की वजह क्या थी ? पढ़ें सस्पेंस से भरपूर क्राइम स्टोरी ...Read More
हूफ प्रिंट - 3
हूफ प्रिंट Chapter 3 इंस्पेक्टर अर्सलान ने सबसे पहले मानस के कॉल डिटेल निकलवाए। उनके हिसाब से बीते कुछ से मानस और मिलिंद के बीच कई बार फोन पर बात हुई थी। स्टड फार्म जाने से एक रात पहले उन दोनों के बीच लगभग तीस मिनट तक बात हुई थी। एसपी नताशा मानस की कॉल डिटेल देखकर बहुत खुश हुई। अर्सलान, एक रात पहले मानस और मिलिंद के बीच लगभग आधे घंटे बात होती है। अगले दिन मानस सत्तर किलोमीटर दूर अपने स्टड फार्म पहुँच जाता है। उसका कहना है कि वह बस ऐसे ही वहाँ गया था। पर ...Read More
हूफ प्रिंट - 4
हूफ प्रिंट Chapter 4 इंस्पेक्टर अर्सलान अपनी एक टीम के साथ हत्या वाली जगह पर पहुँचा। उसने अपनी टीम हिदायत दी थी कि वह ध्यान से पूरे इलाके को देखें। छोटी से छोटी चीज़ को भी नज़र अंदाज़ ना करें। जिस जगह वह पत्थर मिला था जिससे मिलिंद के सर पर वार हुआ था, उसके कोई पच्चीस मीटर दूर एक जगह पर बूट के निशान मिले थे। उसके साथ ही घोड़े के खुर का एक निशान भी था। बूट के निशान मानस के शू साइज़ से मिलते थे। पुलिस के पास मानस को घेरने के लिए पर्याप्त सबूत थे। ...Read More
हूफ प्रिंट - 5
हूफ प्रिंट Chapter 5 मानस की कहानी सुनकर आकाशदीप लोंच में पड़ गया। जो कुछ मानस ने बताया था कत्ल के लिए एक सॉलिड मोटिव था। "मानस तुमने जो कहा वह तुम्हारे विरुद्ध जा सकता है। तुम कत्ल वाली जगह थे। मिलिंद तुम्हें ब्लैकमेल कर रहा था। इतनी बड़ी रकम की मांग कर रही था। यह काफी होगा कत्ल का इल्ज़ाम साबित करने के लिए।" "पर आकाशदीप मुझ पर यकीन करो मैंने मिलिंद को नहीं मारा।" "अच्छा ये बताओ कि जब मिलिंद ने एक करोड़ की मांग की तो तुमने क्या किया ? फिर तुमको इस बात का यकीन ...Read More
हूफ प्रिंट - 6
हूफ प्रिंट Chapter 6 मुंबई के गोरेगांव सेशंस कोर्ट के बाहर बहुत हलचल थी। आज मानस भगनानी के केस पहली सुनवाई थी। मीडिया ने सुनवाई शुरू होने से पहले ही अपना अपना फैसला सुनाना शुरू कर दिया था। बीती रात एक मशहूर न्यूज़ चैनल के प्राइम टाइम शो में यह घोषणा कर दी गई थी कि केस जल्दी ही खत्म हो जाएगा। हत्या मानस ने ही की है। कुछ न्यूज़ चैनल मानस के अफेयर्स के आधार पर उसके चरित्र की चीर फाड़ कर रहे थे। प्रिंट मीडिया का भी ऐसा ही हाल था। कोर्ट के बाहर खड़े मीडिया के ...Read More
हूफ प्रिंट - 7
हूफ प्रिंट Chapter 7 अपने ऑफिस के केबिन में बैठा आकाशदीप मानस के साथ आगे क्या करना है इसके में विचार कर रहा था। वह जानता था कि आगली सुनवाई में संजना मानस से इस बारे में सवाल करेंगी कि उसकी मिलिंद से क्या बात हुई थी। उसने उसे वहाँ मिलने के लिए क्यों बुलाया था ? मानस ने कहा, "तुमने कहा था कि संजना जब इस बारे में सवाल करें तो सब सच बता देना। पर क्या ऐसा करने से केस कमज़ोर नहीं पड़ जाएगा ?" "मानस हम झूठ के रास्ते पर चल कर सच तक नहीं पहुँच ...Read More
हूफ प्रिंट - 8
हूफ प्रिंट Chapter 8 पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपने अपने पक्ष की दलील पेश की थी। आज गवाह पेश करने व उनसे सवाल जवाब करने थे। जज कार्तिक रंगनाथ ने कोर्ट की कार्यवाही आरंभ करने को कहा। अभियोग पक्ष की वकील संजना बलसावर ने जज से अनुमति मांगते हुए कहा, योर ऑनर आज मैं अभियुक्त श्री मानस भगनानी से चंद सवाल करना चाहूँगी। इजाज़त मिलने पर संजना मानस के पास जाकर बोली, मानस जी कॉल रिकॉर्ड्स से यह तो तय हो गया कि अपने स्टड फार्म जाने से एक रात पहले आपकी मृतक मिलिंद तलपड़े से लंबी ...Read More
हूफ प्रिंट - 9
हूफ प्रिंट Chapter 9 आकाशदीप जानता था कि अरमान अभी भी पूरा सच नहीं बता रहा है। उसने अरमान तरफ देख कर कहा, "आप एक पढ़े लिखे इंसान हैं। जानते होंगे कि मोबाइल फोन के चोरी होने की रिपोर्ट लिखाना आवश्यक है। आपके फोन का दुरुपयोग हो सकता है। पर आपने रिपोर्ट नहीं लिखाई।" "मुझे सब पता है पर मैं नहीं चाहता था कि वह बात सबके सामने आए।" "आपकी बात गले नहीं उतर रही है। क्योंकी अभी भी आप पूरी बात नहीं बता रहे हैं।" आकाशदीप ने कोर्ट के सामने एक अहम जानकारी रखते हुए कहा, "योर ऑनर ...Read More
हूफ प्रिंट - 10
हूफ प्रिंट Chapter 10 कोर्ट के आदेश पर कत्ल की जगह के आसपास की फिर से कांबिंग की गई। तालाब से लाश मिली थी उसी से अरमान का फोन बरामद किया गया। एक और सबूत हाथ लगा। कत्ल की जगह के पास एक जगह झाड़ियां थीं। उसके पास पत्तियों पर सूखा हुआ खून मिला। जांच में सामने आया कि वह खून अरमान का था। यह सबूत उसके कत्ल वाली जगह पर होने की पुष्टि कर रहा था। अरमान का बरामद फोन और खून की रिपोर्ट दोनों ही जज कार्तिक के सामने पेश की गई थीं। कार्यवाही शुरू करते हुए ...Read More
हूफ प्रिंट - 11
हूफ प्रिंट Chapter 11 अरमान ने जहाँ किसी के होने का शक जताया था वहाँ से ऐसा कोई सबूत मिला जिसके आधार पर किसी पर शक किया जा सके। इसके बावजूद आकाशदीप अरमान के शक को पूरी तरह खारिज नहीं कर रहा था। वह उस ऐंगल से भी केस की जांच करना चाहता था। आकाशदीप ने अपनी दूसरी सस्पेक्ट मोनिका सान्याल की कत्ल के आसपास के दिनों की गतिविधियों के बारे में पता करवाया। पर उसे निराशा ही हाथ लगी। जिस दिन कत्ल हुआ था उसके एक दिन पहले ही मोनिका दिल्ली गई थी। कत्ल वाले दिन देर रात ...Read More
हूफ प्रिंट - 12
हूफ प्रिंट Chapter 12 नंदन ने उन्हें बताया कि चंदर इस समय स्टड फार्म में नहीं है। वह अपनी से मिलने गया है। कल दोपहर तक लौट आएगा। आकाशदीप ने इच्छा जाहिर की कि वह उसका कमरा देखना चाहता है। नंदन समझ नहीं पा रहा था कि वह चंदर के बारे में जानने के लिए इतना इच्छुक है। इस बार उसने अपनी जिज्ञासा दबाने की जगह पूँछ ही लिया, "आप चंदर के बारे में इतना क्यों पूँछ रहे हैं ?" "तुम बस इतना समझ लो कि हमारी मदद करके तुम मानस सर की मदद कर रहे हो।" नंदन को ...Read More
हूफ प्रिंट - 13 - अंतिम भाग
हूफ प्रिंट Chapter 13 चंदर ने अपना जुल्म कबूल कर लिया। अपने बयान में उसने सारी कहानी सुनाई। बचपन ही चंदर को फिल्मों का बहुत शौक था। अक्सर वह स्कूल से भाग कर फिल्में देखने जाता था। अपनी इस आदत के कारण उसने अपने पिता से कई बार मार भी खाई थी। जब श्वेता ने मिस एशिया पैसिफिक का खिताब जीता तो अखबार में उसकी तस्वीर देखकर वह उसकी खूबसूरती का दीवाना हो गया। उसी समय से उसने उसकी तस्वीरें एकत्र करनी शुरू कर दी थीं। जब श्वेता ने बॉलीवुड में प्रवेश किया तब पर्दे पर उसे देखकर चंदर ...Read More