आइये हम जानते है कि इस कलियुग में बन रहे नए मित्र जैसे “INTERNET” दौर कलियुग का है जहाँ व्यक्ति ही असुर है और वही देवता है। भेदभाव करने में भरपूर,लोभी और गलत तर्कों के समूह का परिचय ही आज मनुषय हो गया है। इन सभी स्थितियों से बिल्कुल अलग एक और जिंदगी है जिसे “INTERNET” कहते है। जहाँ व्यक्ति एक ऐसे जाल में फस स जाता है जहाँ निकलना बहुत मुश्किल स हो जाता है मनुष्य जीवन मे इंटरनेट की भूमिका इतनी अधिक हो गयी है कि मनुष्य उस पर पूर्ण रूप से निर्भर हो गया है। मनुष्य जीवन
New Episodes : : Every Wednesday
कलियुग का मित्र - INTERNET - 1
आइये हम जानते है कि इस कलियुग में बन रहे नए मित्र जैसे “INTERNET” दौर कलियुग का है जहाँ ही असुर है और वही देवता है। भेदभाव करने में भरपूर,लोभी और गलत तर्कों के समूह का परिचय ही आज मनुषय हो गया है। इन सभी स्थितियों से बिल्कुल अलग एक और जिंदगी है जिसे “INTERNET” कहते है। जहाँ व्यक्ति एक ऐसे जाल में फस स जाता है जहाँ निकलना बहुत मुश्किल स हो जाता है मनुष्य जीवन मे इंटरनेट की भूमिका इतनी अधिक हो गयी है कि मनुष्य उस पर पूर्ण रूप से निर्भर हो गया है। मनुष्य जीवन ...Read More