एक उदना था और एक उदनी थी। उदना प्रतिदिन खेत पर जाता था और उदनी उसके लिए दोपहर का खाना लेकर जाती थी। एक दिन उदनी जब उदना के लिए खेत पर खाना लेकर कर जा रही थी तो उसे रास्ते में बड़कू शेर मिलता है वो उससे पूछता है कि ' तू कहां जा रही है ' तो उदनी बोलती है कि ' मै अपने उदना के लिए खेत पर खाना लेकर कर जा रही हूं ' बड़कू शेर बोलता है कि ' खाने में क्या है ' उदनी कहती है कि ' खाने में गरमा - गरम घी
Full Novel
उदना और उदनी - 1
एक उदना था और एक उदनी थी। उदना प्रतिदिन खेत पर जाता था और उदनी उसके लिए दोपहर का लेकर जाती थी। एक दिन उदनी जब उदना के लिए खेत पर खाना लेकर कर जा रही थी तो उसे रास्ते में बड़कू शेर मिलता है वो उससे पूछता है कि ' तू कहां जा रही है ' तो उदनी बोलती है कि ' मै अपने उदना के लिए खेत पर खाना लेकर कर जा रही हूं ' बड़कू शेर बोलता है कि ' खाने में क्या है ' उदनी कहती है कि ' खाने में गरमा - गरम घी ...Read More
उदना और उदनी - 2
उदना ने जब बड़कू शेर की पूंछ काट दी तब से उदना और उदनी फिर से सुखपूर्वक रहने लगे बड़कू शेर अपनी पूंछ कट जाने के बाद से लज्जा के कारण ज्यादा इधर उधर नहीं निकालता था, लेकिन बड़कू शेर अपनी पूंछ कटने का बदला लेने के अवसर की प्रतीक्षा कई दिनों से कर रहा था। एक दिन जब उदनी अपने घर के लिए लकड़ी और उपले बीनने के लिए जंगल जाती है तो वहां उसे बड़कू शेर देख लेता है, और दबे पांव उदनी के पास आकर उससे अपने अपमान का बदला चुकाने को कहता है, उदनी अचानक ...Read More