अच्छा तो बच्चों कैसा लगा घर? समीर ने सारांश और कृतज्ञता से पूछा।। घर तो बहुत ही अच्छा है पापा लेकिन आपको नहीं लगता कि शहर से थोड़ा दूर है,सारांश ने अपने पापा समीर से कहा।। हां दूर तो है लेकिन इतना बड़ा घर शहर के अंदर मिलना आसान नहीं था और ना शोर ना शराबा, एकदम शांत जगह है और फिर इतना बड़ा बगीचा भी तो है,बगीचे में झूला भी डला है और सामने इतना खूबसूरत तालाब है जिसमें बतखें तैर रही है अभी रह लो,तुम लोगों का मन ना लगे तो फिर से शहर वाले घर में वापस
Full Novel
तस्वीर का सच - १
अच्छा तो बच्चों कैसा लगा घर? समीर ने सारांश और कृतज्ञता से पूछा।। घर तो बहुत ही अच्छा है लेकिन आपको नहीं लगता कि शहर से थोड़ा दूर है,सारांश ने अपने पापा समीर से कहा।। हां दूर तो है लेकिन इतना बड़ा घर शहर के अंदर मिलना आसान नहीं था और ना शोर ना शराबा, एकदम शांत जगह है और फिर इतना बड़ा बगीचा भी तो है,बगीचे में झूला भी डला है और सामने इतना खूबसूरत तालाब है जिसमें बतखें तैर रही है अभी रह लो,तुम लोगों का मन ना लगे तो फिर से शहर वाले घर में वापस ...Read More
तस्वीर का सच - २
समृद्धि कार से उतरी और आकर बोली,देखो तो मैं क्या क्या लाई हूं!! लेकिन समीर का चेहरा देखकर उसका उत्साह खत्म है गया।। उसने पूछा,क्या हुआ समीर ऐसा उतरा हुआ सा चेहरा क्यो है? तभी,सारांश बोल पड़ा,मम्मा मैं बताता हूं,पता है पापा को वहम हो गया था कि उनकी उंगली कट गई और फर्श पर खून बिखरा पड़ा है, मुझसे नैपकिन लाने को कहा और मैं ने देखा वहां कुछ भी नहीं था, उंगली पर पापा ने रूमाल लपेटा था, रूमाल हटाया तो कोई भी चाकू से कटे का निशान नहीं था।। समृद्धि में सुनकर हंस पड़ी बोली, ...Read More
तस्वीर का सच - ३
शाम को समीर ने टी वी फिक्स कर दिया, समृद्धि ने शाम को चाय और ब्रेड-पकौड़े बनाए और सबसे कि बालकनी में चलो वहीं बैठकर चाय पियेंगे और पकौड़े खाएंगे।। सब बालकनी में आए,शाम को डूबते सूरज का नज़ारा भी बहुत अच्छा लग रहा था,सब मिलकर बातें कर रहे थे और पकौड़ों का आनन्द ले रहे थे।। तभी अचानक एक मरा हुआ बड़ा सा चमगादड़ समृद्धि की गोद में जा गिरा, समृद्धि डर के मारे जोर से चीख पड़ी__ समीर कहा ने रिलैक्स समृद्धि..... रिलैक्स और समीर ने उस चमगादड़ को उठाया, वहीं दूर ले जाकर ...Read More
तस्वीर का सच - ४
उस बूढ़े को किचन में ना देखकर समीर के तो जैसे होश ही उड़ गए, उसने एक बार फिर पूछा कि सच में तुम लोगों ने किसी बूढ़े को नहीं देखा।। सबने कहा हां.... नहीं देखा.... लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है,जिसे मैंने देखा उसे कोई क्यो नही देख पाया, बहुत ही उलझन में था समीर यही सोचकर।। थोड़ी देर बाद शाम हुई हल्का हल्का अंधेरा सा था,समीर और समृद्धि बालकनी में चाय पीने बैठे और दोनों बच्चे तालाब किनारे खेल रहे थे,समीर बोला बहुत ही अच्छा लग रहा, मैं कैमरा लेकर आता हूं और समीर ने ...Read More
तस्वीर का सच - ५
समृद्धि ने कहा, अच्छा कृतु अब तुम अपने बेडरूम में जाओ.. यस मम्मा!!कृतज्ञता इतना कहकर , अपने कमरे में लगी लेकिन वो बार बार किसी को देखकर मुस्कुरा रही थी और बार बार पीछे मुड़कर देख रही थी।। समृद्धि ने देखा कि वहां तो कोई नहीं फिर कृतु किसे देखकर मुस्कुरा रही है,ये सब देखकर उसका दीमाग चकरा रहा था कि ये सब क्या हो रहा है।। वो कुछ समझ ही नहीं पा रही थीं और यही सोचते सोचते वो अपने बेडरूम में चली गई,एक बार को उसने सोचा कि समीर को सब बता दें लेकिन समीर ...Read More
तस्वीर का सच - ६ - अंतिम भाग
अब समीर को समझ में आया कि वहां आत्माएं पहले से थी लेकिन अच्छी वाली, हमारे साथ बुरा उस के आने के बाद शुरू हुआ शायद।। समृद्धि .....कल ही चलते हैं उस जगह जहां से तुमने तस्वीर खरीदी है।। गुरु जी बोले, हां सब पता करो और आज रात सावधान रहना उन्हें सब पता चल गया है और वो तुम लोगों को उनकी सच्चाई पता लगाने से जरूर रोकेगी।। ये लो मंत्रो वाली रूद्राक्ष की मालाएं, चारों लोग पहन लो,ये ज्यादा तो नहीं लेकिन थोड़ी बहुत सुरक्षा तो करेंगी तुम लोगों की, मोहित बोला,यार ऐसी ...Read More