अधूरा इश्क

(96)
  • 52.3k
  • 13
  • 15.9k

अधूरा इश्क दोस्तों आपने मेरी आगे लिखी कहानी अधूरी हवस दिल से पाढ़ी और मेरी उम्मीद से भी ज्यादा आप सब को पसंद आई तो फिर एक और कहानी आप सब के लिए उम्मीद करता हूँ ये भी आप को पढ़ने मे मजा आएगा और कहानी से आप को जोड़े रखने की कोशिश रहेंगी। गुजरात का एक शहेर सूरत का लड़का है, नाम हे उसका रहेमान उसकी मोबाइल की शॉप है, जो सूरत मे बहोत ही पॉपुलर हे आईफोन का कुछ काम करवाना हो तो उसीके पास सब जाते हैं। रोशन खुराना बहोत ही स्टाइलिश बंदा, अपनी शॉप पर

Full Novel

1

अधूरा इश्क - 1

अधूरा इश्क दोस्तों आपने मेरी आगे लिखी कहानी अधूरी हवस दिल से पाढ़ी और मेरी उम्मीद से ज्यादा आप सब को पसंद आई तो फिर एक और कहानी आप सब के लिए उम्मीद करता हूँ ये भी आप को पढ़ने मे मजा आएगा और कहानी से आप को जोड़े रखने की कोशिश रहेंगी। गुजरात का एक शहेर सूरत का लड़का है, नाम हे उसका रहेमान उसकी मोबाइल की शॉप है, जो सूरत मे बहोत ही पॉपुलर हे आईफोन का कुछ काम करवाना हो तो उसीके पास सब जाते हैं। रोशन खुराना बहोत ही स्टाइलिश बंदा, अपनी शॉप पर ...Read More

2

अधूरा इश्क - 2

आर के का दिल काम नहीं लगाता इलीना के जाने के बाद थोड़ा उसे जानने को बेताब होए जा था,पर कंट्रोल नाम की भी कोई चीज़ होती है, जो वोह लेकर बैठा था था क्या भाई बैठना ही पड़ता हे वर्ना धंधे पे ताला लगाना पड़ता जनाब, पर बन्दे को अंदर से आवाज मुहोबत करने वाली आ रही थी क्या करे बेचारा, मुहोबत भी तो जरूरी है, कहीं पर भी अह्सास थोड़े अंगड़ाई लेने लगते हैं और जहा लेते हैं वहा दिल की ही सुनी जाती हैं. दिमाग तो भजिया बन जाता है, साला खाया भी नहीं जाता ...Read More

3

अधूरा इश्क - 3

अधूरी हवस(3) आगे कहानी मे हमे देखा के आर के इलीना की और खींचा जाता हे मन ही मन बात की भनक इलीना को नहीं होती अब कहानी मे देखते हैं, आखिर क्या रंग लाती है, ईन दोनों की कहानी दूसरे दिन इलीना आर के की शॉप पे अपना मोबाइल लेने जाती है, सफ़ेद सलवार शूट खुले बाल गुलाबी होंठ गुलाब सी पंखुरी जेसे लग तो रही थी जेसे जन्नत की हुर अभी अभी आसमान से सीधा उसकी शॉप पर ही उतरी हो, आर के एक टस होके देखता ही रहे गया, और इलीना कब उसके बिलकुल नजदीक कब ...Read More

4

अधूरा इश्क - 4

अधूरा इश्क (4) बहोत दिनों बाद ये कहनी को मे आगे लिखने जा रहा हू, क्या करे हमारे देश महामारी से लड रहे हैं, इसी स्थिति मे क्या लिखू कुछ सूज ही नहीं रहा था, सही कहु तो लिखने का कोई मन ही नहीं हो रहा था, पर क्या करू लिखे बिना रहा नहीं जाता था, आशा करता हू मेरे सभी पाठक स्वास्थ्य और कुशल होंगे और रहेंगे और रहे ये इश्वर से प्राथना रहेंगी आप लोगों के लिए. तो कहानी मे आगे बढ़ते हैं हम अब तक का सफ़र काफी अच्छा रहा है और आगे भी इसी ...Read More