सुबह के 8:00 बजे हैं, लक्ष्मी अपने कमरे में बिस्तर पर लेटी हुई है, उसे बहुत तेज बुखार है, उसका बदन बुखार से बुरी तरह तप रहा है, वह उठना तो चाहती है, लेकिन उसकी हिम्मत साथ नहीं देती है| (तभी बाहर से किसी की चिल्लाने की आवाज आती है| यह आवाज लक्ष्मी की सास सुनामी की होती है, जो कि घर की साफ सफाई ना होने के कारण गुस्से में होती है और लक्ष्मी को कोस रही होती है, और चिल्लाती हुई कमरे में आती है तो लक्ष्मी को लेटे हुए देखकर और भी क्रोध में आ जाती है
Full Novel
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 1
सुबह के 8:00 बजे हैं, लक्ष्मी अपने कमरे में बिस्तर पर लेटी हुई है, उसे बहुत तेज बुखार है, बदन बुखार से बुरी तरह तप रहा है, वह उठना तो चाहती है, लेकिन उसकी हिम्मत साथ नहीं देती है| (तभी बाहर से किसी की चिल्लाने की आवाज आती है| यह आवाज लक्ष्मी की सास सुनामी की होती है, जो कि घर की साफ सफाई ना होने के कारण गुस्से में होती है और लक्ष्मी को कोस रही होती है, और चिल्लाती हुई कमरे में आती है तो लक्ष्मी को लेटे हुए देखकर और भी क्रोध में आ जाती है ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 2
अब तक आपने पढा, लक्ष्मी को बुखार होने की बजह से वो थोडा आराम करना चाहती है, लेकिन उसकी उसे आराम नही करने देती, उल्टा उसे गालियां देती है, जब लक्ष्मी का पति आता है, तो लक्ष्मी की सास लक्ष्मी की ही गलती बताते हुए, उसकी ही शिकायत कर देती है, और लक्ष्मी का पति, लक्ष्मी को ही मारता पीटता है, अब आगे............ (राजू जोकि रंजीत का भाई है और सुनामी देवी का छोटा बेटा, जब उसे इस कर्मकांड के बारे में पता चलता है तो उसे अपनी मां और भाई पर बड़ा गुस्सा आता है, और भाभी के ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 3
(एक लड़की बगीचे में खड़ी हुई किसी का इंतजार कर रही है, कभी बैठ जाती है, कभी उठ कर लगती है, और इस तरह उसे आधे घंटे से ज्यादा हो जाता है| आखिर तंग आकर चलने के लिए कदम बढ़ाती है, तभी उसे पीछे से कोई आवाज देता है, और वो रुक जाती है) (वह एक लड़का है, पास आता है और आकर खड़ा हो जाता है, लड़की गुस्से में दूसरी तरफ मुंह करके खड़ी हो जाती है) (लड़का जिसका नाम ‘वीर’ है लड़की उसे ‘वीर जी’ बुलाती है| लड़की का नाम ‘महिमा’ है लड़का उसे ‘माही’ बुलाता है| ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 4
(समय सुबह के 9:00 बजे वीर चाय बना रहा है, तभी किसी के आने की आहट होती है, तभी बाहर आता है और देखता है कि लक्ष्मी आई हुई है लक्ष्मी को देख कर) वीर:- अरे लक्ष्मी तुम, क्या बात है? सुबह-सुबह और वह भी अकेले, कोई साथ में नहीं आया क्या बात है, सब ठीक-ठाक तो हैं, कोई प्रॉब्लम तो नहीं है| लक्ष्मी:- क्यों क्या एक बहन अपने भाई से मिलने नहीं आ सकती? कोई प्रॉब्लम होगी तभी आऊंगी मैं, मन हुआ मिलने का तो चली आई| वीर:- अरे नहीं, कैसी बात कर रही हो, आओ बैठो में ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 5
(समय शाम के 7:00 बजे सुनामी और रंजीत अपने कमरे में बैठे हुए हैं, और आपस में बातें कर हैं) सुनामी:- अच्छा हुआ जो उस मनहूस को भगा दिया यहां से, अब तू देखना, मैं कैसे धूमधाम से तेरी दूसरी शादी करवाती हूं, खन्ना साहब की बेटी शादी लायक हो गई है, दहेज भी खूब मिलेगा, में बात करती हूं उनसे, लेकिन अगर वो मनहूस कहीं वापस आ गई तो हमारा बना बनाया सारा खेल ही बिगड़ जाएगा| रंजीत:- तू फिकर मत कर मां इस बार मैंने उसे इतनी मांग की है, कि वह अगले जन्म तक इंतजाम नहीं ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 6
(अंधेरा होने को है सुनामी और रंजीत बैठक में बैठे हैं और बातों में मशगूल है, तभी राजू लक्ष्मी साथ घर में प्रवेश करता है) सुनामी:- यह वापस कैसे आई? राजू:- मैं बुला कर लाया हूं और इज्जत बचाई है आप लोगों की| रंजीत:- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी बीवी को लाने की? राजू:- (अनसुना करते हुए) भाभी के भाई ने 10000 रुपया भेजे हैं| (और कहते हुए पैसे निकालकर टेबल पर रख देता है) और हां 10 दिनों में टीवी लेकर खुद आ रहे हैं, लेकिन तब तक घर में कोई बवंडर नहीं होना चाहिए| रंजीत:- ठीक है ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 7
इधर लक्ष्मी की मौत के बाद रंजीत अपने दोस्तों को फोन करता है, और आने को कहता है, गोली आवाज सुनकर रंजीत की मां सुनामी दौडती हुई आती है, और राजू की लाश को देखकर रंजीत से कहती है:- सुनामी:- इस कल्मुही के चक्कर में अपने भाई को ही क्यों मार दिया? रंजीत:- आप शांत हो जाओ मां वरना रोने की आवाज से पड़ोसियों को पता चल जाएगा, और हम लोग फस जाएंगे| तभी कहीं से बजरंगी आता है, और लक्ष्मी और राजू को देखकर कहता है:- बजरंगी:- अरे चाची इन दोनों को जमीन पर क्यों लेटा रखा है? ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 9
एक दिन रंजीत अपने दोस्त पवन और राजन के साथ थाने में जाते हैं| ललित:- आइए रंजीत साहब कैसे हुआ, हमें ही बुला लिया होता| रंजीत:- एक मुजरिम ने हमारा जीना हराम कर रखा है| ललित:- आप से बड़ा मुजरिम कौन हो सकता है? राजन:- वही रंजीत भाई का साला, जिसे लोग चम्बल का किंग कहते हैं, जिस वक्त वो यहाँ आया था, उसी वक्त उसे मार दिया होता, तो आज ये मुसीबत खड़ी ना होती| रंजीत:- ललित साहब आप कुछ कीजिए, नहीं तो अगर हमने हथियार उठा लिया, तो चारों तरफ तबाही आ जाएगी| ललित:- अरे हम किस ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 8
इधर बजरंगी पंडित वीर से जा मिलता है, और घटित होने वाली घटना के बारे में बताता है, वीर की तरह अपनी बहन की लाश को ढूंढता है, कई दिनो तक भटकने के बाद उसे अपनी बहन की लाश मिल जाती है, वीर अपनी बहन की लाश लेकर थाने आता है, लेकिन इंस्पेक्टर ललित द्वारा उसे वहाँ से भगा दिया जाता है, ससुराल वाले भी लक्ष्मी के ऊपर बदचलन होने का आरोप लगाते हैं, वीर अपनी बहन की लाश को लेकर अपने घर आ जाता है, और अपनी बहन की चिता में ही जलकर मर जाना चाहता है, लेकिन ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 10
स्थान चम्बल का बीहड़, अर्जुन आकर खबर देता है कि पुलिस जंगल में घुस चुकी है रूद्र:- शायद पुलिस यह भूल गए कि चम्बल के बीहड़ में आने का रास्ता तो आसान है, लेकिन जाने के लिए, मौत से होकर गुजरना पड़ता है| लक्ष्मण:- किस की मौत आई है, जिसने चम्बल के बीहड़ों में आने की जरूरत की| अर्जुन:- है कोई इंस्पेक्टर ललित| वीर:- ओ ललित! आने दो उससे भी तो अपना पुराना हिसाब बाकी है जो पूरा करना है, इसे कहते हैं कुए का आकर खुद प्यासे के पास चलकर आना जैसे यह खुद ही मरने के लिए ...Read More
दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 11 - अंतिम भाग
स्थान रंजीत का घर, रंजीत अपने दोस्तों के साथ बैठा शराब पी रहा है, तभी पवन:- रंजीत भाई, आज खबर सुनी, इंस्पेक्टर ललित चम्बल के बीहड़ में मारा गया| राजन:- लगता है अब उन लोगों का आखरी निशाना हम लोग ही हैं, अब क्या करें? रंजीत:- तुम लोगों को जो करना है करो, मेरी समझ में फिलहाल तो कुछ नहीं आ रहा है| तभी किसी के आने की आहट होती है राजन:- कौन है वहां? तभी सामने आते हुए अर्जुन:- क्या बात है? ओ! पार्टी चल रही है| पवन:- कौन हो तुम? लक्ष्मण:- जिसका तुम्हें, था इंतजार, वो घड़ी ...Read More