- आप बाहर बैठिए, बच्ची को क्लास में भेज दीजिए। चिंता मत कीजिए, इतनी छोटी भी नहीं है। हैड मिस्ट्रेस ने कहा। बच्ची ने हाथ हिला कर मां को "बाय" कहा और क्लास की ओर दौड़ गई। हैड मिस्ट्रेस फ़िर मां से मुखातिब हुईं - आप लोग बात की गंभीरता को क्यों नहीं समझते? बताइए, बच्ची इतनी बड़ी हो गई और आपने अभी तक इसे पढ़ने ही नहीं भेजा। स्कूल क्या फ़ैशन के लिए खोल रखे हैं सरकार ने? आठ साल की होने जा रही है, क्या सीखा होगा इसने घर में बैठे - बैठे...अब पहली क्लास के बच्चों के
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ज़बाने यार मन तुर्की - 1
- आप बाहर बैठिए, बच्ची को क्लास में भेज दीजिए। चिंता मत कीजिए, इतनी छोटी भी नहीं है। हैड ने कहा। बच्ची ने हाथ हिला कर मां को "बाय" कहा और क्लास की ओर दौड़ गई। हैड मिस्ट्रेस फ़िर मां से मुखातिब हुईं - आप लोग बात की गंभीरता को क्यों नहीं समझते? बताइए, बच्ची इतनी बड़ी हो गई और आपने अभी तक इसे पढ़ने ही नहीं भेजा। स्कूल क्या फ़ैशन के लिए खोल रखे हैं सरकार ने? आठ साल की होने जा रही है, क्या सीखा होगा इसने घर में बैठे - बैठे...अब पहली क्लास के बच्चों के ...Read More
ज़बाने यार मन तुर्की - 2
आम तौर पर फिल्मस्टारों को अपनी तरफ से कुछ बोलने का अभ्यास नहीं होता, क्योंकि उन्हें संवाद लेखक के संवाद बोलने के लिए दिए जाते हैं। लेकिन उस दिन पार्टी के बाद चढ़ती रात के आलम में हिंदुस्तान के फ़िल्म वर्ल्ड की दो हीरोइनें एक दूसरी से ऐसी उलझीं कि उनके दिल के तरकश से एक से एक पैने संवाद अपने आप निकलते चले गए। बबीता के भाई का जन्मदिन था। इसी उपलक्ष्य में थी पार्टी। केवल घर के लोग और चंद करीबी लोगों का जमावड़ा था। हमेशा अपने काम से काम रखने वाली बड़ी बहन साधना को न ...Read More
ज़बाने यार मन तुर्की - 3
एक बार एक महिला पत्रकार को किसी कारण से मीना कुमारी के साथ कुछ घंटे रहने का मौक़ा मिला। बातें हुईं। पत्रकार महिला ने बातों बातों में मीना कुमारी से पूछा - आजकल आने वाली नई पीढ़ी की अभिनेत्रियों में से किसे देख कर आपको ऐसा लगता है कि ये लड़की भविष्य में आपकी जगह लेने की क्षमता रखती है? मीना कुमारी ने एक पल की भी देर लगाए बिना कहा कि मुझे साधना ऐसी ही लगती है। पत्रकार को घोर आश्चर्य हुआ। उसे लगता था कि मीना कुमारी वहीदा रहमान, नंदा, माला सिन्हा में से कोई नाम लेंगी। ...Read More