बिटिया के नाम पाती...

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प्यारी बिटियाढेर सारा प्यार मेरा पत्र पाकर तुम आश्चर्यचकित होंगी कि अभी तो मिलकर गयीं हैं मम्मा और रोज तो मोबाइल पर बात होती है, फिर पत्र क्यों?? बेटा! रोज बात करने के बाद भी बहुत कुछ अनकहा रह जाता है... पत्र पढ़ने के बाद इस क्यों का जवाब भी मिल जाएगा। हाँ तो कहाँ से शुरू करूँ? तुम्हें हॉस्टल में रहते हुए पाँच वर्ष बीत चुके हैं, तुम डॉक्टर बनकर अपना बचपन का सपना पूरा करने वाली हो। मुझे बेहद खुशी होती है जब तुम मुझे अपनी बेस्ट फ्रेंड कहती हो... और हमने अपनी दोस्ती निभायी भी

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बिटिया के नाम पाती... - 1

प्यारी बिटियाढेर सारा प्यार मेरा पत्र पाकर तुम आश्चर्यचकित होंगी कि अभी मिलकर गयीं हैं मम्मा और रोज तो मोबाइल पर बात होती है, फिर पत्र क्यों?? बेटा! रोज बात करने के बाद भी बहुत कुछ अनकहा रह जाता है... पत्र पढ़ने के बाद इस क्यों का जवाब भी मिल जाएगा। हाँ तो कहाँ से शुरू करूँ? तुम्हें हॉस्टल में रहते हुए पाँच वर्ष बीत चुके हैं, तुम डॉक्टर बनकर अपना बचपन का सपना पूरा करने वाली हो। मुझे बेहद खुशी होती है जब तुम मुझे अपनी बेस्ट फ्रेंड कहती हो... और हमने अपनी दोस्ती निभायी भी ...Read More

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बिटिया के नाम पाती... - 2

प्यारी बिटियाढेर सारा प्यार तुमने कहा था कि मेरा पहला पत्र तुम्हें बहुत अच्छा और यह भी कि फोन पर चाहे कितनी भी देर बातें कर लो, मैसेज कर लो, लेकिन तुम्हें जब मेरी याद आती है तो सोते समय तुम पत्र पढ़कर सिरहाने रख लेती हो और मुझे अपने पास महसूस करती हो.. बस इसीलिए ये पत्र लिख रही हूँ.बेटा आज तुम्हारी शादी को दो साल हो गए. समय कितनी जल्दी गुजर जाता है. ऐसा लगता है कि सब कल ही तो घटित हुआ है. पापा का गुस्सा होना, फिर तुम्हारा रोना और मेरा तुम दोनों ...Read More

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एक पाती दामाद के नाम

प्रिय क्षितिज, असीम स्नेहाशीष तुम अवश्य ही आश्चर्यचकित हो रहे हो कि अभी हमारे साथ जन्मदिन का केक काटकर गये हो और मोबाइल क्रांति के इस दौर में जब मीलों दूर रहकर भी एक नजदीकी का अहसास हर पल रहता है तो मैंने यह पत्र क्यों लिखा है? बेटा! कुछ बातें हम रूबरू नहीं कह पाते और न ही मोबाइल के द्वारा सम्प्रेषित कर पाते हैं। पत्र एक ऐसा माध्यम है कि हम सोच समझ कर अपनी ...Read More

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बिटिया के नाम पाती... - 3

प्रिय पापा,स्नेह वंदनकहते हैं कि एक लड़की को खुद माँ बनने के बाद ही माँ की भावनाएं समझ में हैं और एक लड़का पिता बनने के बाद ही अपने पिता की चाहत और मजबूरी को समझ पाता है। गलत नहीं कहते हैं, किन्तु क्या एक लड़की अपने पिता को और एक लड़का अपनी माँ को इन बिंदुओं पर कभी परख पाता है..? कभी हाँ और कभी ना....! आज पितृ दिवस है और मैं मेरे बच्चों का पिता के प्रति प्यार और उसको अभिव्यक्त करने के तरीके में डूबकर यह सोच रही हूँ कि हमने इस तरह से कभी प्यार ...Read More

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बिटिया के नाम पाती... - 4 - एक पाती खुद के नाम

प्रिय वन्दूआज ज़िन्दगी के सफर में चलते चलते उस पड़ाव पर पहुँच चुकी हूँ, जहाँ से अतीत और भविष्य साथ नज़र आता है। ज़िन्दगी के गलियारे में झाँकते हुए खुद को खुद की नज़र से देखा... और सोचा कि खुद से क्या चाहा, क्या पाया और क्या शेष रहा, इसका आकलन करना हो तो इस सुंदर सफर में खुद की ज़िंदगी की कहानी में खुद को पात्र के रूप में देखना जरूरी है। तो चलिए... शुरू से शुरू करते हैं...वन्दू तुमने एक संयुक्त परिवार में होश सम्भालते ही ज़िन्दगी के अनेक रंग देखे। संघर्ष का अर्थ न समझते हुए ...Read More

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बिटिया के नाम पाती... - 5 - एक पाती अपने पसंदीदा रेडियो कार्यक्रम के नाम

मेरे प्रिय बिनाका गीतमालाढेर सारी प्यार भरी याद के साथ नमस्कार आज बरसों बाद तुम्हारी आयी हो, ऐसा नहीं है। तुम्हारे जाने के बाद से मैंने तुम्हें बहुत मिस किया है। मैं खोयी खोयी सी रहती थी, तुमसे बिछड़ने के बाद से... सोचती थी कि संगीत की दुनिया का ये शून्य कैसे भरा जाएगा? मैं हमेशा से ही तुम्हारी दीवानी रही हूँ। तुम उम्र में मुझसे काफी बड़े थे, किन्तु हमारा याराना बहुत तगड़ा था। तुम्हारे पीछे मैं सब कुछ भूल जाती थी.... परिजनों को छोड़ो... भोजन की थाली और पढ़ाई की किताबें भी कई बार धरी रह ...Read More

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बिटिया के नाम पाती... - 6 - एक पाती मेरी अभिलाषा के नाम

मेरी प्यारी अभिलाषातुम मुझे बहुत अज़ीज़ हो, शायद खुद से भी ज्यादा... और इसीलिए तुम्हें अब तक दिल में रखा है। तुम्हें पाने की ज़िद में खुद को खो दिया है मैंने... और शायद इसीलिए उम्र की आधी सदी गुजरने के बाद मिर्ज़ा ग़ालिब याद आ रहे हैं...हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि, हर ख़्वाहिश पे दम निकलेबहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले...इन पंक्तियों से तुम समझ ही गई होंगी कि मेरी ज़िंदगी में तुम्हारी अहमियत क्या है? जबसे होश संभाला घर की महिलाओं को परिवार के दायित्वों और परिजनों के सपनों के लिए खुद की इच्छाओं को ...Read More