नादान मोहब्बत

(22)
  • 39.3k
  • 1
  • 10.8k

नादान मोहब्बत( प्रस्तावना-प्यार की परिभाषा )क्या प्यार समझदारों का खेल है या शारीरिक रसायनों का प्रभाव ? जब प्यार की परिभाषा भी स्पष्ट नही होती तब प्यार कैसे हो जाता है ? कम उम्र में होने वाले प्यार को क्या नाम दूँ ? जब कोई खुद को बहुत अच्छा लगने लगे , उसे देखे बगैर न रहा जा सके । मूवी में चल रहे चलचित्र के नायक नायिका में अपनी जोड़ी नजर आए । माँ के बार-बार कहने पर भी खाने का ध्यान न रहे, तो लोग इसे प्यार की संज्ञा देते हैं । परन्तु अब मेरा मस्तिष्क इसे प्यार

New Episodes : : Every Wednesday

1

नादान मोहब्बत

नादान मोहब्बत( प्रस्तावना-प्यार की परिभाषा )क्या प्यार समझदारों का खेल है या शारीरिक रसायनों का प्रभाव ? जब प्यार परिभाषा भी स्पष्ट नही होती तब प्यार कैसे हो जाता है ? कम उम्र में होने वाले प्यार को क्या नाम दूँ ? जब कोई खुद को बहुत अच्छा लगने लगे , उस ...Read More

2

नादान मोहब्बत - तितलियों के बीच

तितलियों के बीच लखनऊ शहर के बीच में बसे गाँव जुगौली का दूर दूर तक फैला हुआ मैदान मुझे भी याद आता है । मैं और मेरे पड़ोस के सभी लड़के और लड़कियां स्कूल से लौटने के बाद अक्सर ही बाहर मैदान में खेलने निकल जाया करते थे । जिस मैदान में हम खेलते थे वह कोई छोटामोटा पार्क या उपवन नही था । कुछ समय पहले तक वहाँ खेत हुआ करते थे , बलुई जमीन थी जिसमें गेंहू , सरसों, मक्का , आलू , गाजर , मूली, शलगम आदि विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती थीं । इंडियन आर्मी और ...Read More

3

नादान मोहब्बत - नही यह प्यार नही - 1

नही यह प्यार नहीभाग-1सोफिया सागर को समझा रही थी । वह कह रही थी -" क्यों इतना नाराज होते सागर ? जो तुम समझ रहे हो वैसा कुछ भी नही है । सागर ने कहा- तुम्हे क्या मालूम सोफिया ? सच्चाई सिर्फ मैं और शशि ही जानते हैं । तुम मुझे अपने हाल पर छोड़ दो । सोफिया - नही ! सागर तुम गलत समझ रहे हो , शशि तुम्हे प्यार करती है । न जाने तुमने कौन सा शक पाल लिया है । उसने मुझे बताया कि तुम आजकल उससे बात भी नही करते । वह तुम्हे लेकर बहुत परेशान ...Read More

4

नादान मोहब्बत - नही यह प्यार नही - 2

भाग-2सागर पहली बार बहुत बेचैन था । सुबह जल्दी ही जग गया, क्योंकि शशि से मिलने का उसे बेसब्री इंतज़ार था । उससे क्या क्या कहना है , वह आएगी या नही , यदि नही आई तो क्या होगा, आदि बहुत कुछ सोंच रहा था । वक़्त बड़ी तेजी से गुजर रहा था । घड़ी की सूइयां 9 बजा रही थीं , उसने शशि को 11 बजे का समय दिया था । वह देर करके कोई गलती नही करना चाहता था, इसलिए तैयार होकर, समय से पहले ही पहुँच गया । नवम्बर - दिसम्बर के सर्द मौसम की सुबह ...Read More