मिखाइल: एक रहस्य

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आज 'धी ग्रेट म्यूजिशियन ऑफ शिकागो' का आखिरी शो था और उसके प्रमुख जादूगर मुरली सिवाल का भी जिसने बरसो पहले अमरीकी महिला जेड सिल्विया से शादी करके मिखाइल सिविक के नाम से अपनी नई पहचान बनाली थी। अब सभी लोग उसे धी ग्रेट मिखाइल सिविक के नाम से ही जानते थे, उसके पीछे की एक वजह भी थी उसकी जादूगरी की दुनिया मे बेहतरीन अदाकारी और हैरतअंगेज़ कर देनेवाली उसकी तरकीबे। उम्र के पांचवे दशक में पहुंचे मिखाइल के आखिरी शो को देखने के लिए काफी भीड़ जमा हो गयी थी और शो के सारे टिकेट्स भी शो की

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मिखाइल: एक रहस्य

यह अध्याय हटाया गया है फील हाल अभी के लिए उपलब्ध नही है. ...Read More

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मिखाइल एक रहस्य - 2

मेरे प्यारे जोनाथन,जेड हमेशा कहा करती थी ज़िन्दगी भी एक जादूगरी ही है, हर पल हर वक़्त रहस्य और से भरी पड़ी हुई, कोई भी नही कह सकता कि अगले पल क्या होनेवाला है। और हुआ भी कुछ ऐसा ही, जब तुम छः साल के थे और हम बड़े ही खुश थे कि तुम्हारे आनेवाले जन्मदिन पर एक शानदार पार्टी रखे और ठीक उसी वक़्त एक दर्दनाक हादसे में तुम्हारी माँ जेड हमे छोड़ के चली गयी। खैर छोड़ो इन सब बातों को, आज तुम्हारे डैडी का आखिरी शो है और इसके बाद हम इंडिया चले जायेंगे, तुम चाहते ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 3

'जोनाथन, मेरे साथ चलो।' रोबर्ट ने जोनाथन को ढूंढा और कहा। मिखाइल को ले जाने के बाद प्रेक्षकों की ने अपना आपा खो दिया और शो में तोड़ फोड़ शुरू कर दी। जोनाथन अब अकेला था और उसे यह नही सूझ रहा था कि अब वो कहा जाएं। मिखाइल के बाद रोबर्ट ही था जिस पर जोनाथन भरोसा कर सकता था और यही नही जब मिखाइल, मिखाइल नही बल्कि मुरली सिवाल बनकर अमरीका आया था तब रोबर्ट ही था जिसने उसे रहने के लिए ठिकाना और अपना गुजरान चलाने के लिए काम दिलवाया था।कुछ ही सालो में अपने जादूगरी के ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 4

'यह लीजिये मिस्टर रोबर्ट' एलिज़ाबेल विलियम्स जो ऑस्टिन के कैथोलिक चर्च की एक नन थी और अपना आधा दिन गेब्रियल कैथोलिक स्कूल जो एक पब्लिक स्कूल था उसके प्रिंसिपल के रूप में बिताती थी उसने एडमिशन फ़ाइल रोबर्ट को थमाते हुए कहा, जिसमे स्कूल में एड्मिसन कराने के लिए फॉर्म, स्कूल के नियम व शर्ते, और स्कूल के इतिहास की जानकारी थी जैसे कि, स्कूल किसने और कब बनाया था, स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक, स्कूल में पढ़ाई के अलावा होनेवाली दूसरी गतिविधियां वगेरह वगेरह।●●●●●मिखाइल को ढूंढने के लिए रोबर्ट ने जोनाथन के साथ पुलिस दफ्तर और उसको पकड़ने ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 5

'तेरा बाप लूज़र था।' पैरी ने जोनाथन के मुंह पे एक घुसा मारते हुए कहा। जोनाथन ने पैरी को की कोशिश की लेकिन पैरी के दो दोस्त जो वहाँ पैरी के साथ खड़े थे उन्होंने उसे पैरी को मारते हुए रोका और जोनाथन के हाथ पकड़ लिए। 'तेरे बाप की कारण हमें शिकागो छोड़ना पड़ा' पैरी ने फिर एक घूंसा जोनाथन के मुंह के ऊपर मारते हुए कहा। अबकी बार जोनाथन के मुंह से खून निकलने लगा था। गुस्से में ही पैरी ने और दो-चार जोनाथन के मुंह पर लगा दिए। जोनाथन बेहोश होने को था। ●●●●●पसीने से भीगा हुआ जय ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 6

१९५७ का साल केरल राज्य के लिए एक ऐतेहासिक साल था, क्योकि कम्युनिस्ट पार्टी के नेता इलमकुलम मनक्कल शंकरन भारत के प्रथम बिन कोंग्रेसी नेता केरल के मुख्यमंत्री बने थे और ठीक उसी साल आलोक थॉम्पन का जन्म भी हुआ था जो आगे जा कर भारतीय राजनीति में अपना अलग स्थान बनानेवाला था।आलोक का जन्म एक बेहद ही साधारण से परिवारमें हुआ था। आलोक के पिता एक माछिमार थे और उसकी माँ गृहिणी थी। आलोक के माता पिता ज़्यादा पढ़े लिखे नही थे लेकिन, माछिमारी के कारण उनका गुजरान हो जाता था। आलोक दिमाग से तेज़ था और उसके ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 7

'लेडीज एंड जेंटलमैन, कृपया अपने सीट बेल्ट बांध लें, कुछ ही मिनटों में हम मुम्बई लैंड करेंगे, यहॉ का वक़्त रात के 09:30 मिनट है और मौसम खुशनुमा है। कृपया सभी यात्रियों से अनुरोध है कि अपने सारे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान जैसे कि लैपटॉप, मोबाइल, अन्य गेमिंग डिवाइस को स्विच ऑफ कर दे, हमे आशा है कि आपकी यात्रा सुखद रही होगी, क़तार एयर वेज़ को चुनने के लिए आपका धन्यवाद।क़तार की राजधानी दोहा से मुम्बई निकली हुई फ्लाइट QR-728 मुम्बई पहुंच चुकी थी। मिस्टर और मिसिज़ ओकले पहली बार भारत आये थे और उन्हें लेने के लिए एल.एस. डब्ल्यू. ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 8 - योजना १

वर्तमान समयउत्तर प्रदेश राजधानी,लखनऊकालिदास मार्ग, रामदास पासवान का घर।"बेटी के ब्याह की शुभकामनाएं" अजित भोंसले ने उत्तर प्रदेश के रामदास पासवान को गिफ्ट थमाते हुवे कहा। "आइये, आइये अजित साहब। आप का ही इंतेज़ार था, आइये आपको किसीसे मिलवाना है" रामदास ने अजित के कंधे पर हाथ रखते हुवे कहा और अजित ने मुस्कुराहट से उसका जवाब दिया।"भागवान, तुम ज़रा संभालना हम अभी हमारे अतिथि को किसीसे मिलवाकर आते है" रामदास ने अपनी बीवी को अपने जाने की खबर देते हुवे कहा जिस पर रामदास की पत्नी ने हामी भर दी।"अजित साहब, इनसे मिलिये, यह है लखनऊ के जाने माने ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 9 - रामदास पासवान का घर

सुबह के ९:३० बज चुके थे और जय ओकले दंपति को रॉयल होटल लेने के लिए पहुंच चुका था। जय ने उनके दरवाज़े पर खटखटाया तब मिस्टर ओकले ने आ रहा हु कहते हुवे दरवाज़ा खोला। "उम्मीद है आपको अच्छे से नींद आयी होगी" जय ने ओकले दंपति के बेड पर बैठते हुवे कहा। "यस, मिस्टर जय, वी सलेप्ट रैली वेल" मिस्टर ओकले ने जवाब देते हुवे कहा। "प्लीज बी रेडी एट 10 ओ क्लॉक, आई एम वेटिंग फ़ॉर बोथ ऑफ यु इन वेटिंग एरिया" जय कहता हुवा ओकले दंपति के रूम से निकल गया।●●●●●ओकले दंपति जय के साथ इंडि गो की ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 10 - ताजमहल

"साहब! आपके लिए मिनिस्टर साहब का फ़ोन है।" अपनी बहुत सी बड़ी सफेद सनमाईका से बनी हुई डेस्क जो रूम के आर्किटेक्ट के बिल्कुल ही अनुरूप थी जहा पर आदित्यनाथ कुछ कागज़ों को पढ़ने में व्यस्त था कि तभी उसके पी.ए ने आकर उनको कहा।"जय श्री राम! बोलिये, मिनिस्टर साहब! आपकी सेवा में भैयाजी तत्पर है"फरहाद, रहीम और ज़फर के साथ हुए वाक़ये के बाद रामदास ने भैयाजी को अंडरग्राउंड कर दिया था, और उसे दीव की अपनी एक कंपनी जिसका नाम "महेक इंफ़्रा" था उसकी भागडौर सौंप दी थी। तब से लेकर आज तक भैयाजी आदित्यनाथ का नाम ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 11 - ताजमहल-२

"जय श्री राम! मिनिस्टर साहब! हमारे आदमियो ने उस आदमी तक हमे जो पहुंचा सके उस आदमी को ढूंढ है, वो हमे शैलेश मज़मुदार से मिलवा सकता है, लेकिन एक दिक्कत है।" आदित्यनाथ ने फ़ोन पर बात करते हुवे रामदास को बताया।"क्या दिक्कत है?" रामदास ने सीधे मुद्दे की बात करते हुवे पूछा।"शैलेश मज़मुदार दीव की कलेक्टर अलका नंदा का बहुत ही करीबी है, उसे डरा, धमका कर बात करना मुनासिब नही होगा।" अपनी डेस्क पर बैठे बैठे अपनी कुहनियों को डेस्क पर टिकाये हुवे बताया।"ठीक है, तो फिर उस आदमी के साथ तुम जाओ और उनको जो घटना ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 12 - आदित्यनाथ या भैयाजी?

"ठीक से सुनो रहीम, कुछ दिनों के बाद तुमको थोड़े दिनों के लिये मुम्बई से दीव आना होगा, मैं दीव कब आना है और किस तरह आना है इसकी जानकारी दे दूंगा और साथ ही तुम्हारे रहने और खाने पीने का सब इंतेज़ाम भी हो जायेगा।" अब्बास ने रहीम को अपनी परफेक्ट योजना का शुरुआती हिस्सा बताते हुवे कहा।"लेकिन दीव ही क्यो?" रहीम कुछ समझ नही पा रहा था कि आखिरकार अब्बास उस भैयाजी से बदला कैसे लेगा और उसने दीव ही क्यो चुना था, इसी कारण उत्सुकता वश वो पूछ बैठा।"दीव में एक कंपनी है, जिसका नाम है ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 13 - बदला

मुग़ल क्वीन से तकरीबन १५ मिनट की कैब राइड के बाद जय और माहेरा उनके अपार्टमेंट अपर्णा प्रेम पर चुके थे जो शास्त्रीपुरम में स्थित था।"क्या यह तुम्हारा अपना घर है?" लिविंग रूम में पैर रखते ही माहेरा ने जय से पूछा, जो बहुत ही कम चीज़े होने के कारण बहुत ही बड़ा दिखाई दे रहा था। चीज़ों के नाम पर वहां सिर्फ एक मैन सोफे के इर्द-गिर्द दो सिंगल सोफे थे और उनसे थोड़े दूर एक तिपाहि पड़ी थी जो फर्नीचर से बिल्कुल मिलती झूलती थी। उस तिपाहि पर एक पारदर्शक ग्लास था जिस पर एक स्विरल बनी ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 14 - महान अकबर का मकबरा

"गुड मॉर्निंग" माहेरा ने जय को किचन में आकर कहा जहा वो मॉर्निंग टी बना रहा था। जय के ढाले शर्ट में जो थोड़ी थोड़ी देर में उसके कंधे से खिसक जाती थी और उसके घुटनो तक भी मुश्किल से पहुंच पाती थी उसमें वो बेहद ही खूबसूरत दिखाई दे रही थी। "सॉरी फ़ॉर यस्टरडे" माहेरा के गुड मोर्निंग का जवाब जय ने देते हुवे कहा और टी का एक कप माहेरा के हाथ थमा दिया।"अच्छा होगा कि हम कल के बारे में बात नही करे" माहेरा ने अपने दोनों हाथों में टी का कप लेते हुवे कहा।"नही, बस में ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 15 - महान अकबर का मकबरा २

43 मिनट की छोटी मुसाफरी के बाद फ़ारूक़ और भैयाजी सिम्बोर में शैलेश मज़मुदार के स्थान पर पहुंच चुके लेकिन बदकिस्मती से उन दोनों के अलावा उस खाली पड़े वेर हाउस में और कोई नही था।"तू तो बता रहा था कि शैलेश यहां मिलेगा?" भैयाजी ने अपनी भारी आवाज़ में पूछा जो वो बरसो पहले किसीको डराने, धमकाने या मारते वक़्त उपयोग किया करता था।"थोड़ा सा इंतेज़ार कर लीजिए भैयाजी, कुछ ही वक़्त में वो आता ही होंगा।" यह कहते हुवे फ़ारूक़ अपने मोबाइल से कोई नंबर डायल करने लगा। ऐसा लग रहा था मानो वो अपने किसी सोर्स ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 16 - बदला -२

रहीम को देख भैयाजी को अपना बरसो पहले किया हुआ कांड याद आ गया जिसमें उसने और उसके आदमियों मिलकर रहीम के दो दोस्त फरहाद और ज़फर को रहीम के सामने मौत के घाट उतार दिया था।"कैसे हो भैयाजी? सब ख़ैरियत?" रहीम ने घुटनो के बल बैठते हुवे भैयाजी से पूछा । रहीम के हाथ मे दरांती देखकर भैयाजी फिरसे एक बार छटपटाते हुवे खुदको रस्सियों के बंधन से आज़ाद कराने की कोशिश करने लगा, लेकिन ठीक पहले की तरह असफल रहा। कुछ क्षण बाद रहीम खड़ा हुआ और वो दरांती भैयाजी की गर्दन पर रख दी। "ठीक वैसी ही दरांती ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 17 - फ़ारूक़ या कोई और

"तू तो बता रहा था कि शैलेश यहां मिलेगा?" भैयाजी ने अपनी भारी आवाज़ में पूछा जो वो बरसो किसीको डराने, धमकाने या मारते वक़्त उपयोग किया करता था।"थोड़ा सा इंतेज़ार कर लीजिए भैयाजी, कुछ ही वक़्त में वो आता ही होंगा।" यह कहते हुवे फ़ारूक़ अपने मोबाइल से कोई नंबर डायल करने लगा। ऐसा लग रहा था मानो वो अपने किसी सोर्स से पता लगा रहा था की आखिरकार वहां शैलेश मज़मुदार क्यो नही था।"सुनो तुम्हे भैयाजी बुला रहे है।" फ़ोन पर बात करने की झूठी एक्टिंग करते हुए फ़ारूक़ उस बंध पड़े वेयरहाउस से बाहर निकला और ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 18 - रकसब्जकसम

सिम्बोर से दमन तक जाने का रास्ता 672 किलोमीटर लम्बा और थका देनेवाला था और ऊपर से उन दोनों पास इतना वक़्त भी गंवाने के लिए नही था। इसी लिए अब्बास ने रहीम को पहले से ही एक बोट का इंतज़ाम करने को कहा था। और उसके दो फायदे भी थे, पहला तो यह कि किसी को उनके बारे में पता चल पाता इससे पहले वो दोनों आराम से पलायन कर सकते थे और दूसरा अरबी समुद्र जहा पर वो हत्या में शामिल किए हुवे हथियारों से छुटकारा पा सकते थे।"चलो फेंक दो इस दरांती को रहीम।" हरा लबादा ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 19 - अलविदा आगरा

१९८३ में ब्रॉड बंधुओ ने मिलकर द टाकोज़ ट्रक की स्थापना की थी जो एक स्ट्रीट फूड ट्रक था, अच्छी सेवाएं और स्वादिष्ट खाने की वजह से देखते ही देखते ५ सालो में द टाकोज़ ट्रक की पूरे अमरीका में ९ फ्रेंचाइज़िया खुल चुकी थी जिसमे एक फ्रेंचायज़ी शिकागो में भी थी।सप्ताह के अंत मे हर शाम रोबर्ट और मिखाइल द टाकोज़ ट्रक की मुलाक़ात लेते थे और इधर उधर की बातें किया करते थे। भारत से अमरीका आये मुरली को ३ साल हो चुके थे लेकिन अभी तक उसने कोई ऐसा काम नही किया था जिससे उसकी कोई ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - भाग २० - अतीत के कुछ पन्ने

आई. जी. प्रभु ने अपने करियर की शुरुआत गुजरात राज्य पुलिस सर्विसेज से साल १९७९ में अहमदाबाद से की करियर की शुरुआत से अंत तक उनके खाते में १२ एनकाउंटर भी जुड़ चुके थे। कहनेवालों की यदि सुनी जाए तो उनमें से ज़्यादातर एनकाउंटर फ़र्ज़ी थे। लेकिन जब तक सबूत नही तब तक कोई गुन्हेगार नही। प्रभु अपने सख्त रवैये के चलते हमेशा से ही सुर्खियों में बने रहते थे। लेकिन साल १९९९ में बनी सुर्खी ने आई.जी.प्रभु की जिंदगी को बिखेर कर रख दिया। साल १९९९ में हुए अमोल तुपिया एनकाउंटर केस में प्रभु को अपनी नौकरी से ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - भाग २१ - जोनाथन की घर वापसी

"चाहे जो कुछ भी हो जाये यह बात बाहर नही आनी चाहिए।" रामदासने अपने सेक्रेटरी को कहा क्योकि, वो था कि, चुनाव सर पर है और अगर वो वीडियो बाहर आ गया जो उसे और अजित को मिला था तो उसके लिए मुश्किल बढ़ जाएगी और वो ऐसा कभी नही चाहता था, चुनाव के वक़्त तो बिल्कुल भी नही।"लेकिन, सर हमें पता तो करना होगा न कि इन सब के पीछे कौन है और उसका मक़सद.....""असित, तुमको जितना कहा जाए सिर्फ उतना करो, अपना दिमाग ज़्यादा न चलाओ। एक बार चुनाव ठीक से हो जाये फिर जो भी होगा ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 22 - सनसनीखेज़ खत

भारत छोड़े हुवे जय को ५ दिन से ज़्यादा हो चुका था और तो और नफीसा की शादी से वापिस आये हुवे भी २ दिन हो चुके थे लेकिन, इतने दिनों में जय ने न तो माहेरा को एक कॉल किया था, न ही एक मैसेज। वैसे करने को तो माहेरा भी जय को कॉल या मैसेज कर सकती थी लेकिन, वो चाहती थी कि, पहली पहल जय करे। लेकिन, जब इतने दिनों में जय की ओर से एक कॉल और मैसेज नही आया तो माहेरा दिल ही दिल उदास रहने लगी और सोचने लगी कि, क्या वह एक ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - भाग २३ - नर्क मुबारक हो भैयाजी

एक छोटे से गांव में पुलिस की नौकरी कर कर और उससे मिल रही तनख्वाह से कभी अमीर नही जा सकता इंस्पेक्टर महेंद्रसिंह को यह बात अच्छी तरह से पता थी। बैंक मैनेजर द्वारा दिये गए सनसनीखेज खत और उस पेन ड्राइव को देखने बाद उसके शैतानी दिमाग ने पैसा बनाने का रास्ता तुरंत ही खोज निकाला लेकिन, इन सब से पहले यह निश्चित करना बेहद ही आवश्यक था कि, बैंक मैनेजर और केशियर लक्ष्मी यह बात किसीको न बताये। परिस्थिति की गंभीरता का बहाना बनाते हुवे महेंद्रसिंह ने उन दोनों को मना लिया और बैंक से मिले हुवे ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 24 - मायानगरी मुम्बई

"पापाजी, आप एक बार सोच कर तो देखिये, कितना काम मिलेगा मुम्बई में, मैंने बहुत सुना है मुम्बई के में, और मुझे यकीन भी है कि, मैं कोई न कोई काम ज़रूर ढूंढ लूंगा।" अपने पिता के पैर दबाते हुवे मुरली ने अपनी बात रखी। उसने वक़्त भी बिल्कुल सही चुना था अपनी बात मनवाने का, रात को खाना ख़त्म करने के बाद। "पर पुत्तर, तेनु इन वड़े-वड़े शहरों की उझाले के बारे में पता है, इनके अंधेरे के बारे में नही, और वैसे भी मुम्बई में ऐसा क्या रख्यासी जो अपने पिंड में नही है, रब दी मेहर है ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 25 - केके रहस्य

आई जी प्रभु के साथ मिलकर जिस वक़्त रामदास भैयाजी की मौत की और उनके साथ हुई वारदात की सुलझाने में लगा था तब वह अपने मकसद को अंजाम तक पहुंचाने के लिये एक और कदम आगे बढ़ चुका था।ह्यूस्टन, डलास, न्यू एंटोनियो की तुलना में ऑस्टिन में ड्रग्स बेचने वाली गैंग कम थी, क्रिप्स और न्यू ब्लड यह दोनों ऑस्टिन की ड्रग्स बेचने वाली प्रमुख दो गैंग थी जो ज़्यादातर स्कूल और कॉलेज के बच्चों को ही अपना शिकार बनाते थे। न्यू ब्लड का कारोबर ऑस्टिन के बाहर भी फैला हुआ था यहां यक कि, ऑस्टिन से ही ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 26 - अगला कदम

१८२ विधानसभा की सीट वाले गुजरात के चोटिला के एम.एल.ए. रवि कुमार बुटानी ने राजकरण में पिछले कई सालों अपना स्थान बनाये रखा था। गांव की प्रगति के साथ-साथ उसने पैसा भी खूब कमाया था। जब महेंद्र सिंह ने उसे बैंक में घटी घटना के बारे में बताया तो रविकुमार को लगा कि यह बात उसके लिये फायदेमंद हो सकती है क्योंकि रामदास पासवान उसके विरोधी दल का एक आगेवान नेता था और उसके खिलाफ ऐसा कोई सबूत मिलना मतलब सोने के अंडे देने वाली मुर्गी का हाथ लगना। लेकिन रविकुमार कोई भी काम जल्दबाज़ी में नही करना चाहता ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 27 - प्लान बी

अरबो रुपए का मालिक बनने के बाद भी फ्रेडी को जीवन मे वो शांति कभी नही मिली जो उसे मे उसके शहर लेनोक्स में मिलती थी और आज भी कभी-कभी उसी शांति की तलाश में वो शिकागो से लेनोक्स चला जाता था और आज भी वो लेनोक्स ही आया हुवा था उसी शांति की तलाश में और उसके साथ साथ अपने बिज़नेस की मीटिंग के सिलसिले में लेकिन उस दिन फ्रेडी को नही पता था जिस शांति की तलाश में वो आया था वो शांति तो उसको जीवन मे मिलने से रही लेकिन जितनी भी उसके जीवनमे शांति थी ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 28 - बेहतर प्लान बी

पिछले दशक में सबसे बड़ा बदलाव सिर्फ एल.एस.डब्ल्यू. जैसी एप्लिकेशन ही नही बल्कि ऐसी साइट भी थी जिन्होंने नेट चेहरा ही बदल कर रख दिया था, टेम्प मेलिंग उनमे से ही एक थी। टेम्प मेलिंग लांच होते ही दुनिया के बहुत से देश मे बंद कर कराई जा चुकी थी और उसकी वजह थी उसके ख़तरनाक फीचर्स जो भेजनेवाले का बिना कोई सबूत दिए सिर्फ एक टेम्प मेल द्वारा उनको संदेशा पहुंचा देती थी जिसे भेजनेवाला अपनी पहचान गोपनीय रखना चाहता हो। बैन होने के बावजूद भी इसे vpn या तो proxy साइट्स के माध्यम से उपयोग किया जा ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 29 - एक और ख़त

पारुल और कपिल ने मालदीव्स की चार रात पांच दिन के बंदोस आइलैंड रिसोर्ट वेकेशन के पैकेज को एल.एस.डब्ल्यू सिलेक्ट किया था। मालदीव्स में एक्टिविटी करने को कुछ था नही अपनी ही फुरसत के हिसाब से ही दिन बिताने थे तो उन्होंने जय को अपने गाइड के तौर पर हटा दिया जिसका उनको एक हद तक आर्थिक फ़ायदा भी हुआ। अब चूंकि, आख़िरी कुछ दिनों में उन्होंने जय को अपने गाइड के तौर पर से हटा दिया था और सारी ट्रिप बुक हो चुकी थी तो जय बिल्कुल फ्री था। अपने इन खाली दिनों का इस्तेमाल करने के लिये ...Read More

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मिखाइल: एक रहस्य - 30 - हेव अ सेफ जर्नी

पाकिस्तान के एक छोटे से प्रांत ख़ैबर पख्तूनख़वा में जन्मे अशद अली से उसकी पहली मुलाक़ात जोहनी डे ने थी। लेकिन, आज जब वो अली से मिला तो वह डरा-डरा सा प्रतीत हो रहा था और उसका डरना लाज़मी भी था, एक या दो दिन में उसकी पूरी गैंग का पुलिस ने काम तमाम कर दिया था और इतना ही नही उनकी गैंग के मुखिया जोहनी डे को किसीने बड़ी ही क्रूरता से मौत के घाट उतार दिया था। अब बस उनकी गैंग में वही एक बाकी बचा था और उसे डर था कि, या तो वो पुलिस के ...Read More