अधूरी कहानी

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कहानी है विशाल और लता की विशाल एक एसा लडका जो की कभी अपनी लाईफ़ में सीरीयस नहीं था उसे सारी बाते मजाक से ही शुरू होती और उसी पे खत्म होती लेकिन फ़िर भी वह लोगों के दिल का हाल बखूबी समझ लेता था दूसरी ओर लता जो ना चाहते हुये भी हर बात पे सीरीयस हो जाती उसकी लाईफ़ की एसी घटनाओ ने उसे एसा बनने पर मजबूर कर दिया था दोनों का दुनिया देखने का नज़रिया अलग था तो देखते है क्या होता है लता बस से उतर ने ही वाली होती है की कोई उसे आवाज

Full Novel

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अधूरी कहानी - 1

कहानी है विशाल और लता की विशाल एक एसा लडका जो की कभी अपनी लाईफ़ में सीरीयस नहीं था सारी बाते मजाक से ही शुरू होती और उसी पे खत्म होती लेकिन फ़िर भी वह लोगों के दिल का हाल बखूबी समझ लेता था दूसरी ओर लता जो ना चाहते हुये भी हर बात पे सीरीयस हो जाती उसकी लाईफ़ की एसी घटनाओ ने उसे एसा बनने पर मजबूर कर दिया था दोनों का दुनिया देखने का नज़रिया अलग था तो देखते है क्या होता है लता बस से उतर ने ही वाली होती है की कोई उसे आवाज ...Read More

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अधूरी कहानी - 2

जय लता के इनटरव्यू लेने के बाद ओफ़िस मे काम कर रहा होता है तभी एक आवाज आती जिसमें आदमी कहता है की May I come in जय उसकी ओर देखता है जो कि वह आदमी उसका बीजनेस पार्टनर कम दोस्त था तो उसके चहेरे पे एक मुस्कुराहट आ जाती ओर कहता है जय: woahhh buddy what a pleasant surprise विशाल: how's you mate जय: I'm fine but I can't digest your surprise विशाल: why? जय: I mean I like it but Mr. vishal singhaniya care to explain what's reason behind this surprise विशाल: I'll but first let me ...Read More

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अधूरी कहानी - 3

जय घर पहुँचते ही अपने रूम की ओर जा रहा होता हैं तभी मैड उसे खाना खाने के लिए हैं जिससे जय और ज्यादा गुस्सा हो जाता है जय मैड पर भडकने ही वाला होता है की विशाल आ जाता है और बात को सँभाल लेता है जय अपने कमरे की ओर जा रहा होता हैं और विशाल भी उसके पीछे जाता है जिससे जय उससे कहता है जय: अबे यार तुम क्यों मेरा पीछा कर रहे हो विशाल: मैं कहा पीछा कर रहा हूँ जय: विशु मैं अभी मज़ाक के मूड मे बिल्कुल भी नहीं हूँ (अपने ...Read More

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अधूरी कहानी - 4

जय जब सुबह ऑफिस आया सभी उसे गुड मॉर्निंग विश कर रहे थे वह सभी को सिर हिला कर दे रहा था लेकिन जब सना ने उसे गुड मॉर्निंग कहा तो जय ने उसकी ओर देख ता भी नहीं और बिना कुछ कहे अपने ऑफिस में चला गया यह देखकर सना समझ नहीं पाई की जय अभी तक उससे गुस्सा है या फिर सच सच में नाराज सना ऐसे ही सोची रही थी की तभी उसे पीछे से डोग की आवाज आती है जिससे वह डर जाती है जब वह पीछे देखती है तो विशाल था सना उसे कहती ...Read More

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अधूरी कहानी - 5

विशाल जैसे ही देखता है उसके सामने वह बदतमीज लड़की खड़ी होती है और लता भी विशाल को ऑफिस देख कर चौक जाती है विशाल सना को चिल्लाते हुए ऑफिस में बुलाता है लता आश्चर्य में सना की ओर देखते हैं विशाल: सना वोट ध हेल गोईंग ऑन हयर तुम ऐसे ही कैसे किसी भी को भी ऑफिस में आने दे सकती हो ये ऑफिस है यार कोई पब्लिक पार्क नहीं जो जिसके मनमे आए वो चला आए ... सना: सर लेट मी एक्सप्लेन.. सी.. ( सना की बात को काटते हुए लता ) लता: तुम्हारी हिममत कैसे हुयी ...Read More

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अधूरी कहानी - 6

जय और सना दोनों ही मोल में जाते हैं । तभी सना गिफ्ट के सेशन में जाती हैं । कुछ गिफ्ट देख रही होती हैं । पर उसे कुछ अच्छा सा गिफ्ट नहीं मिलता जो एंगेजमेंट के लिए सही लगे । तभी जय दूर से सना को ऐसे कनफ्यूज देखता है । तो उसकी मासूमियत देखकर उसके चहेरे पे एक मुस्कान आ जाती है । वह सोचता है कि कितनी क्यूट लग रही है वह बिल्कुल छोटे बच्चो जैसी । तभी जय खुद को ही समझाते हुए कंट्रोल एसा कहते हुए सना के पास जाता है । सना गिफ्ट ...Read More

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अधूरी कहानी - 7

सना शॉपिंग के वजह से काफी थक गई थी। वह शॉपिंग के लिए कभी आती ही नहीं। पर उसकी ने उसे निवेदन किया था । तो वह मना नहीं कर पाई पर अब वह खुद को कोश रही थी । वह बाकी लड़कियों की तरह शॉपिंग पे जाना पसंद नहीं करती । बहार जाके समय बर्बाद करने के बजाय वह घर बैठे ही ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा पसंद करती है । वह बस यूंही सारी चीजें ले ली या नहीं ये सोच रही थी। की तभी जय कार की ओर जाते हुए उससे कहता है । जय: तो सना...। सना: ...Read More

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अधूरी कहानी - 8

सना और जय रेस्टोरेंट में पहुंचते हैं । सना अभी भी जय से गुस्सा थी । जिस तरह जय गाड़ी में बरताव किया वह सना की सोच से बहार था। वह चुपचाप बैठे हुए खिड़की मै से लोगो को देख रही थी । सभी अपनी दुनिया में काफी व्यस्त हैं किसी के पास भी समय नहीं है कि आसपास क्या हो था है यह देखे। सना बस सोच ही रही थी कि जय उसे कहता है। जय: सना तुम्हे और कुछ ऑर्डर करना है? सना: ( सोच में से बहार आते हुए ) जी??? आपने मुझसे कुछ कहा?? जय: ...Read More

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अधूरी कहानी - 9

जय और सना ऑफिस पहुंचते हैं। तभी जय कार पार्क करने में व्यस्त था और सना जय से कहती सना: सर!!? जय: ( कार को पार्क करते हुए) हम्म बोलो!! सना: सर वो अक्टयुली... अम्म वो...! जय: (कार को बंद करते हुए सना की ओर देखते हुए।) व्हाट!! अब क्या हुआ यार कितनी बार कहा है कि डायरेक्ट बात करो मुझसे मुझे तुम्हारा ये डर बिल्कुल भी पसंद नहीं। सना: सर वो आप कब मुझ पे गुस्सा हो जाए ये मुझे पता नहीं इसीलिए में बिना डर के बात नहीं कर पाती अगर विशाल सर होते तो...। जय: ( ...Read More

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अधूरी कहानी - 10

जय ऐसे ही पागलों कि तरह हंस रहा था । और विशाल का गुस्सा इस वजह से ओर भी रहा था । वह आखरीबार लता की ओर गुस्से मै देखता है और लता के करीब जाते हुए कहता है । विशाल: ( गुस्से में लता को अपनी ओर खींचते हुए) मार्क माय इच एंड एवरी वर्ड मिस लता चौधरी .....! अगर मैंने तुम्हारी लाईफ बद से बदतर ना बनाई तो मेरा नाम भी विशाल सिंघानिया नहीं । तो खुद को बचा सकती हो तो बचा लो। लेकिन आज से बल्कि अभी से तुम्हारी लाईफ में क्या होगा और क्या ...Read More

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अधूरी कहानी - अंतिम भाग

विशाल ओर लता को साथ में काम करते हुए 3-4 माह हो जाते है। दोनों अभी भी एक दूसरे पसंद नहीं करते । एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते पर जब बात काम कि आती है तो दोनों ही मानो एक जैसे है। यह बात विशाल से भी नहीं छुपी है। वह चाहे लाख नफरत करे लता से पर वह लता के काम में चाहकर भी कोई गलती नहीं निकाल पाता । बस वह ऐसे ही सोच रहा था कि जय विशाल के ऑफिस में आता है । जय: क्या बात है यार विशाल सिंघानिया ...Read More