चिंटू

(706)
  • 322.3k
  • 33
  • 102.6k

मां मुझे भूख लगी है, हमे खाना कब मिलेगा? उसकी मां उसे अपनी गोद में बिठाकर कहती है जल्दी ही। पर ये तो आप कब से कह रही है। मुबंई के एक पॉश इलाके में यह वाक्य चल रहा था। एक शादी के बाहर मां अपने दो बच्चों के साथ बैठी है। कहीं कुछ बचा कुचा खाना मिल जाए। मां का नाम था शारदा। उसका पति उसे छोड़कर चला गया था। शारदा अपने दो बच्चो का भीख मांग कर गुजारा करती है। आज एक शादी थी वहा सब भिखारियों के साथ वह भी अपने

Full Novel

1

चिंटू - 1

मां मुझे भूख लगी है, हमे खाना कब मिलेगा? उसकी मां उसे अपनी गोद में बिठाकर कहती है जल्दी पर ये तो आप कब से कह रही है। मुबंई के एक पॉश इलाके में यह वाक्य चल रहा था। एक शादी के बाहर मां अपने दो बच्चों के साथ बैठी है। कहीं कुछ बचा कुचा खाना मिल जाए। मां का नाम था शारदा। उसका पति उसे छोड़कर चला गया था। शारदा अपने दो बच्चो का भीख मांग कर गुजारा करती है। आज एक शादी थी वहा सब भिखारियों के साथ वह भी अपने ...Read More

2

चिंटू - 2

सुमति ने चिंटू से पूछा- क्या हुआ चिंटू? तुम्हारा मुड़ कुछ ठीक नहीं लग रहा। चिंटू ने फिर जो स्कूल में हुआ वह सब बताया। सुमति- देख चिंटू, बड़े लोगो की बड़ी बाते। तुम्हे उन्हे अनदेखा करके सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। तुम ना एक काम करो, जब तुम्हारी परीक्षा आए तब खूब मेहनत करके अच्छे नम्बर लाना। चिंटू- उससे क्या होगा? सुमति- उससे होगा यह की जब स्कूल के टीचर तुम्हारे रिज़ल्ट को सरहेंगे तो सब अपने आप तुम्हे होशियार विद्यार्थी समझकर तुमसे सामने से ही बाते करेंगे। मै चाहती हूं तुम हमेशा अव्वल ही ...Read More

3

चिंटू - 3

दिन बहुत अच्छे चल रहे थे। एक दिन सुमति की मां और पिता रविवार के दिन अपने मालिक के गए थे। मालिक ने उन्हे घर का ध्यान रखने के लिए बुलाया था। वहा रात को पार्टी थी तो मेहमान आने वाले थे। सुमति उस दिन चिंटू के वहां ही रुकी थी। रात को जब सब मेहमान आ गए तो मंगु और रामू घर के पीछे जहा रसोई का काम चल रहा था वहां ध्यान रखने बैठे थे कि कहीं किसी चीज की जरूरत न पड़े। पार्टी शुरू हो गई थी। मेहमानों ने खाना भी शुरू कर दिया था तभी ...Read More

4

चिंटू - 4

रात को गर्मी की वजह से सब टेरेस पर सोने जाते है। पहले तो निंद अा गई सबको पर रात बीतने पर सुमति की निंद खुल गई। उसको मच्छर काट रहे थे तो कुछ देर तो सोती रही पर फिर वो नीचे चली गई। कुछ ही देर में चिंटू भी उठा, उसने देखा सुमति कहीं दिख नहीं रही थी। वह भी नीचे घर पर अा गया। दरवाजा अंदर से बंद था। उसने दरवाजे पर दस्तक दी तो सुमति ने दरवाजा खोला। सुमति- अरे तुम्हे भी निंद नहीं अाई?? चिंटू- मै उठा तो तुझे वहा ना पाकर डर गया था। ...Read More

5

चिंटू - 5

जब चिंटू घर आता है तो दरवाजा थोड़ा खुला हुआ देखता है। चिंटू सोचता है इसने दरवाजा खुला छोड़ा तो आज तो इसे डराता हुं। वह जैसे ही सुमति को डराने के लिए दरवाजा खोलता है तो सामने सुमति को बाथरूम में देखता है। बाथरूम के दरवाजे की पोजिशन ड्रॉइंगरूम और मेईन डोर की तरफ थी। सुमति यह सोचकर नहाने गई थी कि दरवाजा बंद है तो कोई आनेवाला नहीं है अंदर। उसके शरीर पर दो कपड़े थे और उसकी पीठ दरवाजे की तरफ थी। चिंटू यह देखकर दरवाजे पर ही जड़वत खड़ा रह गया। फिर जब उसे अहसास ...Read More

6

चिंटू - 6

चिंटू रिया के रंग में रंग गया था। सुमति अपने क्लास में आती जाती रहती है। चिंटू को भूलने लिए वह ज्यादा टाइम वहा रुकती है। तभी एंट्री होती है क्लास में नए ट्यूटर राजदीप की। राजदीप एक अच्छी फैमिली से बिलॉन्ग करता है। वह जब पहली बार क्लास में इंटरव्यू देने आया तब पहली बार में ही रिसेप्शन पर बैठी सुमति को अपना दिल दे बैठा था। कम सेलरी के बावजूद वह नौकरी के लिए तैयार हो गया था। वह रोज सुमति को गुड मॉर्निंग विश करता और उससे बात करने की कोशिश भी करता। उसे सुमति के ...Read More

7

चिंटू - 7

राजदीप सुमति को एक रेस्टोरेंट के पास ले आता है। सुमति यह देख उसे कहती है- ये तो बहुत रेस्टोरेंट है। हम यहां नहीं खाएंगे। राजदीप- महंगा नहीं है यह। सुमति- जूठ मत बोलिए। बाहर से ही दिख रहा है यह महंगा ही है। राजदीप- कोई बात नहीं, इतना तो मै कमा ही लेता हुं कि इस रेस्तरां में तुम्हे खिला सकूं। सुमति- पर मुझे यहां खाना नहीं खाना। राजदीप- तो तुम्हे कहा खाना है? सुमति- हम पानीपुरी खाएं? राजदीप- पानीपुरी? सुमति- मेरी सबसे ज्यादा पसंदीदा यही है। राजदीप- आपकी पसंद सर आंखो पर। अब यह भी बता दे ...Read More

8

चिंटू - 8

डीएसपी वर्मा सर का घर बांद्रा में था। वह एक बारह मंजिला टॉवर में दसवीं मंजिल पे रहते थे। पार्टी टॉवर के सेक्रेटरी की परमीशन लेकर टैरेस पर रखी गई थी। ज्यादातर उनके बेटे पुनिश के फ्रेंड्स ही थे वहा पर। बड़े लोग उसके पापा के साथ अपने घर पर थे। जब राजदीप सुमति के साथ वहा पहुंचा तो डीएसपी सर ने खुद उन्हें वेलकम किया और कहा- सब लोग टैरेस पर है, आप भी जाओ और कुछ देर में हम भी आ रहे है। राजदीप और पुनीश कई बार एक दूसरे से मिल चुके थे तो वह सुमति ...Read More

9

चिंटू - 9

सुमति कुछ देर बाद किसी से बात करके वापस आती है। वह अब नॉर्मल दिख रही थी। काफी समय गया तो राजदीप और सुमति घर जाने के लिए निकलना चाहते थे। वो दोनो पुनिश से मिलने जाते है तो पुनिश सुमति की ओर देख कहता है- फिर कब मिलोगी? सुमति- जी? पुनिश- मेरा मतलब है कि मै और राजदीप तो मिलते रहते है। आप दुबारा कब मिलोगी? सुमति (हंसते हुए)- मिलेंगे कभी पर अब बहुत देर हो चुकी है तो जाने की इजाज़त दीजिए। पुनिश- ना दूं इजाज़त तो नहीं जाएंगी? सुमति- जाऊंगी तो फिर भी?। कल सुबह जॉब ...Read More

10

चिंटू - 10

सुमति जब सौम्या बनकर खुश थी वहां चिंटू की परेशानियां बढ़ रही थी। सुमति के जाने के बाद उसे चला उसने क्या खोया है। सुमति ने अपना नंबर भी बदल दिया था तो वह चाहकर भी उससे बात नहीं कर पा रहा था। पिया को पता चल गया था किस वजह से सुमति यहां से गई है तो वह चिंटू के मांगने पर भी सुमति का मोबाइल नंबर नहीं देती है। और होशियार भी देखो, चिंटू उसके मोबाइल से नंबर निकाल ले उसके लिए वह नंबर मुंहजबानी याद रखती है। मोबाइल में सेव भी नहीं करती। और चिंटू की ...Read More

11

चिंटू - 11

अगले दिन पूरा दिन सुमति काम में व्यस्त रही। आज बॉस ने सबको जल्दी छुट्टी दे दी थी। सब साथ स्नेहा और राहुल भी सुमति को लेकर जल्दी घर चले गए। कुछ देर बाद राहुल के मोबाइल में फोन आता है। वह मोबाइल लेकर सामने वाले से बात करने लगा- अरे यार, मै तो भूल ही गया। आज काम इतना था कि दिमाग से ही निकल गया। अच्छा चल हम तैयार होकर आते है अभी। स्नेहा ने पूछा- क्या हुआ? कहा जाना है? राहुल स्नेहा को बताता है- अरे यार, आज हमारे बॉस ने एक पार्टी रखी है। उन्होंने ...Read More

12

चिंटू - 12

रिया को मिलने का टाइम साढ़े पांच बजे का था तो चिंटू ने सोचा के मै सुमति से मिलने चार बजे पहुंच जाता हुं, मनाने में थोड़ा वक्त तो लगेगा ही। वह मन्नू और राधा के साथ साढ़े तीन बजे तक पढ़ाई करता है फिर साढ़े चार बजे तैयार होकर सुमति के घर जाने के लिए निकलता है। अब उसने अपनी खुद की एक बाइक ले ली थी लोन से। जब वह सुमति के वहां पहुंचा तो उसका घर लॉक था। कई बार डोर बेल बजाया पर किसी ने दरवाजा नहीं खोला। फिर वह सामने के घरवाले से पूछने ...Read More

13

चिंटू - 13

सुमति बेहोश हो गई थी और उसके तीनो चाहने वाले उसको होश में लाने की कोशिश कर रहे थे। के मैनेजर ने उन्हें सुमति को एक सोफे पर लेटाने को कहा। तीनो उसे उठाकर एक जगह सोफे पर लेटा देते है। तभी वहा डिनर लेने आए एक डॉक्टर ने भीड़ देखी तो वहा चले आए। उन्होंने सुमति को देखा फिर सबको कहा मै एक डॉक्टर हूं, मुझे इन्हें चेक करने दीजिए। सब बाजू पर चले गए। डॉक्टर ने चेक करके कहा- शायद इनका ब्लड प्रेशर लो हो गया है। अभी होश मै आ जाएगी फिकर न करे। होश में ...Read More

14

चिंटू - 14

कोचिंग सेंटर पहुंचकर चिंटू और रिया सारी फॉर्मेलिटी खत्म कर बाहर आते है। रिया चिंटू को कॉफी शॉप ले है। वह चिंटू से कहती है- अभी क्लास शुरू होने में एक वीक है तो क्यों न हम खंडाला वाले रिजॉर्ट चले? चिंटू- तुम जाओ अपने फ्रेंड्स के साथ, मुझे बुक्स वगैरह की तैयारी भी करनी पड़ेगी। एक सप्ताह कम है सब बुक्स ढूंढने के लिए। वैसे क्लास से हमे कुछ बुक्स मिलेगी पर मै अपनी और से कोई कमी नहीं रखना चाहता। रिया- are you sure? चिंटू- yes, absolutely. तुम जाओ अपने फ्रेंड्स के साथ मुझे बुरा नहीं लगेगा। ...Read More

15

चिंटू - 15

स्नेहा के हाथ से न्यूज पेपर पढ़कर राहुल का मुंह भी खुला का खुला रह जाता है। दोनों सुमति ओर देखते है। सुमति- क्या हुआ? आप लोग मुझे इस तरह क्यों देख रहे है? स्नेहा उठकर उसके पास जाती है और कहती है- खबर बुरी है, तुम्हे दुख तो होगा। पर हमे पता कैसे नहीं चला इस बारे में? राहुल न्यूज पेपर सुमति की ओर बढ़ता है। सुमति वह पढ़ने लगती है फिर उसकी नजर एक न्यूज पर पड़ी जिसमें एक फोटो छपी थी। वह फोटो राजदीप के पिता की थी। देर रात पुलिस की शहर के असामाजिक तत्वों ...Read More

16

चिंटू - 16

आज पुनिश ने अपने सभी फ्रेंड्स को शाम पार्टी के लिए बुलाया था। और राजदीप भी था आया था। को वह सुमति से पहले से जानता था तो एक लड़की के लिए फ्रेंडशिप तोड़ना ठीक नहीं लगता। जब वह लड़की हाथ आने ही न वाली हो तब तो ज्यादा। राजदीप को देखकर सुमति सबके अनुमान से विपरीत उससे बात करने चली जाती है। शायद इसके पीछे राजदीप के पापा का गुजर जाना था। वह जानती है बिना पिता के वह कैसे गुजारा कर रहा होगा! राजदीप भी पिछली बाते भूलकर उससे सिर्फ एक दोस्त की तरह ही बात करता ...Read More

17

चिंटू - 17

आज पुनिश ने अपने सभी फ्रेंड्स को शाम पार्टी के लिए बुलाया था। और राजदीप भी था आया था। को वह सुमति से पहले से जानता था तो एक लड़की के लिए फ्रेंडशिप तोड़ना ठीक नहीं लगता। जब वह लड़की हाथ आने ही न वाली हो तब तो ज्यादा। राजदीप को देखकर सुमति सबके अनुमान से विपरीत उससे बात करने चली जाती है। शायद इसके पीछे राजदीप के पापा का गुजर जाना था। वह जानती है बिना पिता के वह कैसे गुजारा कर रहा होगा! राजदीप भी पिछली बाते भूलकर उससे सिर्फ एक दोस्त की तरह ही बात करता ...Read More

18

चिंटू - 18

रिया ने अपने ग्रुप में सबसे पूछ लिया था। उसके साथ उसे और चिंटू को मिलाकर पंद्रह लोग हो थे। उसने और चिंटू ने सबकी बुकिंग एजंट के पास करवा दी। इधर राहुल ने भी अपनी बुकिंग करवा ली थी। सुमति के साथ इवान और शोभना भी आ रहे थे। चिंटू और सुमति एक ही दिन वहा से निकलते है और एक ही साथ वहा पहुंचते है। दोनों की होटल्स अलग अलग थी। और अभी तक दोनों एक दुसरे से मिले भी नहीं थे। आज तो वहा पहुंचते पहुंचते दोपहर हो गई थी। तो आज सबने आराम ही किया। ...Read More

19

चिंटू - 19

स्नेहा और राहुल डाकुओं से बच्चो कि रिहाई के लिए बहुत गिड़गिड़ाए पर उन डाकुओं ने उसकी एक न अगर पीछा किया तो सबको गोली मारने कि धमकी भी दी। सब डर गए थे। डाकुओं ने सुमति, चिंटू और इवान को बंदी बनाकर अपने साथ कुछ देर पैदल चलाया फिर उनकी आंखो पर पट्टी बांध कर घोड़े पर बैठा दिया गया। चिंटू घोड़े के चलने से दिशा का अनुमान लगाना चाहता था पर बार बार रास्ते के घुमाव से उसे दिशा का पता नहीं चल रहा था। घोड़े पर उन सब के साथ एक एक डाकू बैठा हुआ था। ...Read More

20

चिंटू - 20

रमादेवी की चेतावनी सुमति को समझ आ गई थी। इन लोगो ने जानबूजकर हमे अलग रखा है ताकि हम से इकदुजे के बिना भाग न सके। क्या चाहते है ये लोग? बेला और रमादेवी के बाहर जाने के बाद सुमति कपड़े बदल देती है और अपने कपड़े सुखाने के लिए रख देती है। बाहर बारिश होने लगी थी। ठंड भी बढ़ रही थी। इवान ने उनपे ध्यान रख रहे एक आदमी से कहा- डाकू भाई साहब, आपको कोई परेशानी न हो तो हमे ओढ़ने के लिए कम्बल मिलेगा? बहुत ठंड लग रही है।क्यू वह आदमी उससे कहता है- अभी ...Read More

21

चिंटू - 21

सुबह से ज्यादा धूप नहीं निकली थी। इवान, चिंटू और सुमति को एक जगह बिठाया गया। कुछ देर बाद का सरदार खुद दिग्विजय बाहर आता है। देखने में वह बिलकुल डाकू जैसा ही दिखता था। काले रंग का कुर्ता, सफेद धोती, सर पे पगड़ी और बड़ी बड़ी मूंछें। इवान चिंटू के कान में कहता है- ये डाकू लोग हमेशा ऐसे ही कपड़े क्यों पहनते है? जींस- टी शर्ट नहीं पहन सकते? सरदार के सिवा के बाकी के लोग भी सिर्फ काले पेंट शर्ट में है। कोई कलरफुल कपड़े नहीं पहन सकते? चिंटू इवान के सामने गुस्से से देखता है ...Read More

22

चिंटू - 22

वातावरण में ठंड के कारण टेंट में भी ठंड लग रही थी। इतने में इवान को टॉयलेट जाना था। चिंटू से पूछता है- फ्रेश होने आना है तुम्हे? चिंटू उसे मना कर देता है। वह बेला के सामने देखकर बोलता है- मै जरा जाकर आता हुं। बेला शरमा जाती है। बाहर खड़ा आदमी इवान के साथ जाता है। तभी बेला को लगा कि कुछ देर के लिए इन दोनों को साथ में बातचीत करने का मौका मिल जाएगा। बेला भी सुमति को अभी आती हूं कहके चली जाती है। बेला के जाते ही चिंटू थोड़े गुस्से में सुमति से ...Read More

23

चिंटू - 23

रात में बेला सुमति को अपने साथ सोने के लिए ले जाती है। अभी दोनों बाते ही कर रही बेला सुमति से पूछती है- चिंटू कैसा लड़का है? सुमति- अच्छा लड़का है, क्यों? बेला सुमति का दिमाग टटोलने की कोशिश करती है- जी मुझे.. वो.. अच्छा लगता है। सुमति हैरानी से उसे देखती है। उसके मन में आया कि एक जोरदार लप्पड़ लगा दे उसके मुंह पर। फिर तुरंत ही सोचती है,' इससे मुझे क्यों फर्क पड़े? फर्क तो रिया को पड़ना चाहिए।' वो उसकी गर्लफ्रेंड है, मै नहीं। पर मै क्यों नहीं हुं उसकी गर्लफ्रेंड? और मै पुनिश ...Read More

24

चिंटू - 24

सुमति वहां है और यहां पुनिश की हालत खराब हो रही है। पुलिस को कहीं पर भी कोई सुराग मिल रहा है। पुनिश इंस्पेक्टर के साथ बैठा हुआ था। मन ही मन वह सोचा रहा है,- कहां हो तुम सौम्या? इतना ढूंढा पर पता नहीं वह कम्बख्तों ने कहां तुम्हे छुपा रखा है? अगर तुम्हे कुछ हो गया तो मै उन सबको जिंदा नहीं छोडूंगा। वह इंस्पेक्टर से पूछता है कि अब कबतक हम राह देखे? मेरे खयाल से हमे ज्यादा फोर्स बुला लेनी चाहिए। इंस्पेक्टर- मै भी यही सोच रहा हूं और मैंने कमिश्नर साहब से बात भी ...Read More

25

चिंटु - 25

आधी रात में सुमति की आंखें खुल जाती है, वजह थी ठंड। बारिश के साथ तेज हवाएं अब भी रही थी। वह कुछ समय तक यूहीं घुटने सिन से चिपकाए कांपती रही। पर बाद में ठंड सहन न होने से वह चिंटू को उठाती है। सुमति- चिंटू... चिंटू उठो। चिंटू सुमति की आवाज सुनकर तुरंत उठ बैठा। वह सुमति को देखकर पहले तो घबरा जाता है। फिर तुरंत ही अपनी रजाई उसके ऊपर डाल देता है। वह आसपास देखता है कुछ और मिल जाए सुमति को ओढ़ाने के लिए। पर वहा कुछ नहीं था। फिर वह कमरे में रखी ...Read More

26

चिंटु - 26

बेला दरवाजे पर खड़ी खड़ी मुस्कुरा रही थी। फिर वह धीरे से रूम का दरवाजा बंद करती है जहां और सुमति आराम से सो रहे थे। पर उस बेचारी को क्या पता के ये दोनों आधी रात के बाद से जगे हुए ही थे। बेला जब नीचे आती है तब सुबह के छे बजे थे। कोई पंद्रह मिनट बाद मोहन भी इवान को लेकर आ गया था। अभी बारिश रुक गई थी तो से लोग यहां से जल्दी निकलना चाहते थे। इवान आकर बेला से शिकायत करने लगता है- क्या इतनी जल्दी उठा दिया ये भाई साहब ने? इसे ...Read More

27

चिंटु - 27

चिंटू 27 सुबह से आसमान मै बूंदाबूंदी शुरू हो गई थी। पुनिश का माथा ठनक रहा था। इस वक्त पुलिस थाने में इंस्पेक्टर राजीव के साथ बैठा हुआ था। वह राजीव से कहता है- मै अब और देर नहीं करना चाहता सौम्या को ढूंढने में। तुम सब आओ या ना आओ पर मै जरूर अब जाऊंगा। इंस्पेक्टर राजीव उसे कहता है- फिकर ना करो, हम तैयार ही है। बस एक खबरी की राह देख रहे है। हमे खबर मिली है कि आपके दोस्तो को कल एक गांव में देखा गया है। पुनिश- क्या? और ये बात आप मुझे अब ...Read More

28

चिंटु - 28

चिंटू 28 बेला सुमति और चिंटू के पास चली जाती है। उसे देख इवान भी उसके पीछे चला जाता चिंटू को देख इवान पूछता है- चिंटू भाई तुम कब आए यहां? तुम तो अपने अड्डे पर थे न? चिंटू- अपना कौनसा अड्डा है बे? इवान- अरे! मेरा मतलब, अपने टेंट से था। चिंटू- हां, तो ऐसा बोल न। कहां मुझे डाकू बना ने पर तुले हो। इवान- अगर हमे यहां से जाने को नहीं मिला कभी तो फिर हमे यही बिज़नेस करना पड़ेगाना। चिंटू थोड़े गुस्से से- ये बिज़नेस है? क्या कुछ भी बोले जा रहा है? मुझे आईएएस ...Read More

29

चिंटु - 29

कुछ देर बाद बाकी सब अपने अपने टेंट में चले जाते है। इवान चिंटु को सोच में पड़ा देख कहता है- अब क्या सोच ने लगा मेरे प्यार को छीन कर? चिंटु गुस्से में उसे कहता है- मैंने तेरा प्यार नहीं छीन बे। जाकर कह अपने होनेवाले ससुर से तु उस बेला को प्यार करता है, मै नहीं। इस बात से मानो इवान के दिमाग की बत्ती जल गई। वो कहता है- हां यार! ये सही कहां तूने। मै डायरेक्ट उसके बाप से ही बात करूंगा। चिंटु- हां, तो कल ही बोलना था ना। अभी क्यों बक रहा है? ...Read More

30

चिंटु - 30

इवान मोहन से रास्ते में पूछता है- मुझे क्यों बुलाया तुम्हारे सरदार ने? मोहन कोई जवाब नहीं देता। वह सरदार के पास छोड़कर चिंटु और सुमति पर नज़र रखने चला जाता है। गिरोह के बाकी सदस्य बारिश के कारण अपनी अपनी जगह पर आराम कर रहे है। सुमति के पूछने पर मोहन कुछ पता न होने का बहाना बनाकर उन के पास बैठ अपनी चिलम जलाने लगता है। इस तरफ बेला और इवान दिग्विजय के सामने खड़े थे। दिग्विजय का कड़क चेहरा देख इवान की फटी हुई है। वह इंतजार कर रहा है ये कुछ बोले तो मै अपनी ...Read More

31

चिंटु - 31

मोहन को दो दिन बाद मौका मिला इवान के पापा से बात करने का। सुबह सुबह बारिश कुछ कम तो वे छाता लेकर मॉर्निंग वॉक पर निकल पड़े। लोगो की आवाजाही अभी ना के बराबर थी। मोहन भी उनके पीछे पीछे चल पड़ा। काफी दूर जाने के बाद मोहन इवान के पापा के बाजू में चलने लगता है। वह उनके नजदीक जाकर उनसे कहता है- अगर इवान के पास जाना चाहते है तो कल अपनी पत्नी के साथ अधी रात को ढाई बजे तैयार रहना। यह सुनकर इवान के पापा एकदम से मोहन को देखकर बोले- कहां है मेरा ...Read More

32

चिंटु - 32

शाम के वक्त बारिश कम हुई पर अंधेरा जल्दी होने आ गया था। पर अब पुनिश ने अपना इरादा लिया था कि वो भी सौम्या को ढूंढने जाएगा बिना किसी को बताए। चाहे बारिश आए या तूफान, अब तो सौम्या को ढूंढकर ही वापस आऊंगा। दो दिन हो चुके थे और दो लोग गुम हो गए थे। सरकार ने दिग्विजय के बेटे को छोड़ने की मंशा बना ली थी पर अभी डिक्लेयर नहीं किया था। अब पांच लोगो की गुमशुदगी का मामला था। इंस्पेक्टर राजीव ने हर तरफ अपने खबरी रखे हुए थे पर मोहन और उसके साथियों को ...Read More

33

चिंटु - 33

बेला ने गले तक अपना घूंघट उठाया और इवान को अपना मंगलसूत्र दिखाती है और इशारे से कहती है से तुम मेरे पति हो। इवान पूछता है- क्या??? ये मैंने पहनाया है, ऐसा बोल रही हो? बेला सिर हिलाकर हां में जवाब देती है। इवान कहता है- ऐसा मत करो सौम्या। मैंने ये शादी मज़बूरी में कि है। अगर मै शादी ना करता तो ये डाकू लोग मेरे मम्मी पापा को मार देते। बेला को घूंघट में ही हसी आ गई। वह भी बिचारे को तड़पाने में कोई कसर बाकी नहीं रखती है। इवान को सुबह से सब मिलकर ...Read More

34

चिंटू - 34

जब सब रेस्ट हाऊस के हॉल में आए तब स्नेहा ने देखा कि इवान और उसके मम्मी पापा के कोई लड़की है। वह मेरी से पूछती है- मेरी , ये कौन है तुम्हारे साथ? सॉरी, मेरा ध्यान ही नहीं गया। मेरी खुश होते हुए बेला का इंट्रो कराती है- स्नेहा इससे मिलो, ये मेरे इवान कि वाइफ है। वहां पर खड़े सब लोग चौंक गए। स्नेहा- क्या? इवान की वाइफ? इवान की शादी कब हुई थी? और हमे बताया भी नहीं? पुनिश भी कहता है- अरे हां, ये तो हमारे साथ ही अाई है तो...?? मेरी सब से कहती ...Read More

35

चिंटू - 35

रात के ग्यारह बजे सब सोने के लिए उठे। सुमति अपने मम्मी पापा से कहती है- आप जाइए, मै में आती हुं। पुनिश वहा बैठा तो उसे भी अभी जाने के लिए कह दिया। वह बेला से कुछ बात करनी है कहकर रुक जाती है। बेला को रोक कर वह दोनों गार्डन में कुछ देर वॉकिंग करती है। वह बेला को पुनिश के बारे में बताती है कि, 'उसने मुजे छत पर बुलाया है अभी बारह बजे। बेला- हां तो मिल लो। सुमति- मै उसे चिंटु और मेरे बारे में बताना चाहती हुं। बेला- देखो वैसे मुजे तुम्हारे मामले ...Read More

36

चिंटु - 36

सुमति जब बाहर ड्रॉइंग रूम में अाई तो राहुल और स्नेहा टीवी पर मूवी देख रहे थे। सुमति को देख राहुल कह रहा है- आओ बेटा, तुम से बात करनी है। सुमति- जी पापा, कहिए। स्नेहा- इस सन्डे हमे पुनिश के घर जाना है। सुमति- क्यों? स्नेहा- पुनिश की मम्मी यानी तुम्हारी सास ने तुम्हारे लिए सत्यनारायण की कथा करवाने की मन्नत मांगी थी। पुनिश को मंडे को वापस ड्यूटी पर जाना है तो उसके रहते ही यह पूजा करवाना चाहती है। और पूजा में तुम दोनों को ही बैठना है। सुमति मुंह बिगाड़ते हुए- क्या..? मुजे..?? उस थोड़ा ...Read More

37

चिंटु - 37 - अंतिम भाग

सुमति के दिल पर किसी ने वजन रख दिया हो ऐसे सांस फूलने लगती है। वह उठकर किचन में जाती है। पुनिश भी उसके पीछे गया। सुमति को खांसते हुए देख वह उसे पानी पिलाता है और पूछता है- आर यू ओके? सुमति- जी, मै ठीक हुं। मुजे तुमसे बात करनी थी। पुनिश- हां, बोलो। सुमति- दरअसल.. वह बोलने जा रही थी तभी पुनिश की मम्मी वहा आ गए। वह सुमति से कहती है- तुम्हारे मम्मी पापा घर जा रहे है। अगर तुम रुकना चाहती हो तो पुनिश तुम्हे घर छोड़ देगा। और अगर तुम यहां रुकना चाहती हो ...Read More