तो भाइयों और बहनों आप बिलकुल बेफिकर हो जाइये। आपका प्रिय नेता आपकी सरकार है न जन्म से लेकर ...
रात का सन्नाटा अपने चरम पर था। गली भी दूधिया रोशनी में ऊँघ रही थी। अपने इलाके की लड़ाई ...
प्यार तो सदा से है और सदा बना रहे बस उसमे थोड़ा कुछ बदल जाये। वह थोड़ा कुछ क्या ...
आज फिर सयाली को ऑफिस से निकलने में देर हो गई। उसने जल्दी से कंप्यूटर बंद किया टेबल पर ...
उस छोटे से गांव के आखरी छोर पर बने उस बड़े से मकान में बड़ी सारी तैयारियाँ चल रही ...
सब उतर गए वह वहीं बैठी रही। वह दो कोल्ड ड्रिंक ले आया जो वह उस दिन पी रही ...
गरीब के लिये पड़ाव क्या और मंजिल क्या रास्ता आसान क्या और कठिन क्या उसे ...
लेकिन....मन यूँ ही तो हार नहीं मानता , जब उसके डर पर प्रहार होता है तो उसके अपने तर्क ...
कहानी दलित ग्रंथि घर घर की कहानी है। ये हमारी सामाजिक व्यवस्था है कि हम एक दूसरे से अपनी ...
Selected in Matrubharti letter writing competition.