स्त्री स्वयं ब्रह्म है, गुरु हैं(लघु कथा) एक बार की बात है, एक प्यासा किसी कुएं के पास गया ...
भूख शाम का समय था l सूरज अभी डूबा न था, लालिमा छा गयी l आज सारे दिन मेरा ...
त्याग मैं उसके लगभग पांच सालों तक सम्पर्क में रहा | जिसमें उससे व्यक्तिगत रूप से कोई दो चार ...
रोमित के ऑटो बुलाने पर कानों को चीर देने वाला हॉर्न देते हुए ऑटो रुका l पर ऑटो की ...
हुंण तां, मैं ठीक हाँ जीवन में रिश्ते बनते नहीं और बनाए भी नहीं जाते l अनायास ही निस्वार्थ ...
आई एम नोट वेल ( भाग 1). एक हर शाम हमेशा नई होती है l आज शाम को घर ...
ज्ञान की सरिता हर रोज की तरह आज भी सर्दी भरी रात गुजर गई ...
अह्सास हरि से मिलने से पूर्व आत्मिक सुख क्या होता है ये दिवंगत पिता से मैंने पाया था पर ...