Dharmveer Bharti Books | Novel | Stories download free pdf

गुनाहों का देवता - 33 - अंतिम भाग

by Dharamvir Bharati
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भाग 33 चन्दर ने कुछ जवाब नहीं दिया। चुपचाप बैठा रहा। बिनती ने सभी खिड़कियाँ खोल दीं और चन्दर ...

गुनाहों का देवता - 32

by Dharamvir Bharati
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भाग 32 चन्दर ने सुधा के हाथों को अपने हाथ में ले लिया और कुछ भी नहीं बोला। सुधा ...

गुनाहों का देवता - 31

by Dharamvir Bharati
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भाग 31 ''सुधा कहाँ गयी?'' चन्दर ने नाचते हुए स्वर में कहा। ''गयी है शरबत बनाने।'' गेसू ने चुन्नी ...

गुनाहों का देवता - 30

by Dharamvir Bharati
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भाग 30 ''सुधा, यह तो सच है कि मैंने तुम्हारे मन को बहुत दुखाया है, लेकिन तुम तो हमारी ...

गुनाहों का देवता - 29

by Dharamvir Bharati
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भाग 29 ''आयी हैं, देखो न! कुछ तबीयत खराब हो गयी है। जी मितला रहा है।'' और उसने बाथरूम ...

गुनाहों का देवता - 28

by Dharamvir Bharati
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भाग 28 ''मैंने किसी को नहीं बटोरा! जो मेरी जिंदगी में आया, अपने-आप आया, जो चला गया, उसे मैंने ...

गुनाहों का देवता - 27

by Dharamvir Bharati
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भाग 27 लेकिन वह नशा टूट चुका था, वह साँस धीमी पड़ गयी थी...अपनी हर कोशिश के बावजूद वह ...

गुनाहों का देवता - 26

by Dharamvir Bharati
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भाग 26 ''मुझसे मुहब्बत करते हैं!'' गेसू बात काटकर बोली और बड़ी गम्भीर हो गयी और अपनी चुन्नी के ...

गुनाहों का देवता - 25

by Dharamvir Bharati
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भाग 25 ''देखो, अब मैंने विवाह स्वीकार कर लिया। जेनी को स्वीकार कर लिया। चाहे यह जीवन का सत्य ...

गुनाहों का देवता - 24

by Dharamvir Bharati
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भाग 24 चन्दर ने विचित्र हृदय-हीन तर्क को सुना और आश्चर्य से बुआ की ओर देखने लगा।....बुआजी बकती जा ...