चंद्रगुप्त - तृतिय - अंक - 30 नन्द की रंगशाला - सुवासिनी और राक्षस बंदी वेश में - नन्द और राक्षस के नीच मंत्रणा की बातचीत... पढ़िए, चंद्रगुप्त - तृतिय - अंक - 30.