नूरा कहता है कि वह फूफी का बेटा है रन्नी को भी नूरा से कुछ अधिक ही प्यार है वर्षों बाद सूने घर में किलकारियाँ गूँजी थीं रन्नी की खुशी का तो कहना ही क्या? उसने अपनी पुरानी रेशमी साड़ी में रुई भरकर, महीन काथा वर्क के डोरे डाले इतनी प्यारी नन्ही सी रज़ाई बनाई थी कि खिलौने बनाते अम्मी मुस्कुरा पड़ी थीं ‘रन्नी की बच्चे की साध मानो हुलसकर सामने आई थी’ लेकिन दूसरे ही पल अम्मी उदास भी हो गई