जैसे कुर्बानी से पहले बकरे को हार-माला, तिलक से सजाया जाता है ताहिरा को भी सजाया जा रहा था पिछली रात मेंहदी की रस्म हुई थी गोरे पाँवों तथा हाथों में कलाइयों तक बारीक मेंहदी लगाने ब्यूटी पार्लर से लड़की बुलाई गई थी मंगल कार्यालय और कार्यालय के ऊपर बने फ़्लैट में पूरा घर शादी के माल-असबाब सहित मेंहदी की रात से ही आ गया था जमीला, सादिया के लिये तो जैसे जश्न-सा था सब..... और क्यों न हो, उनकी इकलौती ननद की शादी थी.....