चंद्रगुप्त - द्वितीय अंक - 20 शिविर के समीप कल्याणी और चाणक्य - कल्याणी आचार्य चाणक्य से युद्ध क्षेत्र से जाने की अनुमति मांगती है - उसी दौरान अमात्य राक्षस का प्रवेश होता है ... पढ़िए, चंद्रगुप्त - तृतिय - अंक - २०.