चंद्रगुप्त - द्वितीय अंक - 18 पर्वतेश्वर का प्रासाद - पर्वतेश्वर अपने अलका के प्रति प्रतिश्रुत होने की बात बताता है और उसी समय सिकंदर का रावी नदी के पास आठ सहस्त्र अश्वारोही को लेकर बुलाया... पढ़िए, चंद्रगुप्त - द्वितीय अंक - 18.