व्यंग्यात्मक कथा

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अरे मै ‘पांडे वाले मंगल ’ की नहीं कह रहा हूँ डोबी ...! मंगल ग्रह की बोल रहा हूँ.... मंगल ग्रह ......! वो.... उधर.... ऊपर आसमान देख रही हो .... वो जो यहाँ से करोडो मील दूर है नव-ग्रहों में से एक, उसकी ....समझी ....