मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था कि ये वही रीमा है...जिसका एक बार कार से एक्सीडेण्ट हुआ था और जो पूरे एक महीने बिस्तर पे पड़ी थी...जिसकी जाँघ में चोट लगी थी...जिसकी वजह से वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी...और जिस रीमा की तब मैंने इतनी तीमारदारी की थी...कि उसकी टट्टी भी मैं ही साफ़ करता था...