चंद्रगुप्त - द्वितीय अंक - 16

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चंद्रगुप्त - द्वितीय अंक - 16 स्थल - बंदीगृह, घायल सिंहरण और अलका अलका और सिंहरण अपने बंदी होने के विषय में चाणक्य के मत के बारे में बाते करते है - पर्वतेश्वर और अलका प्रेम की बाते करते है और पर्वतेश्वर अलका के विषय में बे प्रेमी होने की बात की पुष्टि करता है... पढ़िए, चंद्रगुप्त - द्वितीय अंक - 5