मॉल की शरण में

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छोटे और मंझोले शहरों की जिंदगी भी बदली है वह भी परिवर्तन के साथ कदम ताल कर रहे हैं। लेकिन जिस रफ्तार से महानगर में तब्दीली आई है उसके अनुपात में कम मान सकते हैं। क्योंकि वहां अभी भी दिन भर या शाम में करने के नाम पर घर में काम हुआ करता है। यूं तो घर पर काम यहां भी है लेकिन उसकी प्रकृति अलग है।