पैकेजिंग इंस्टिट्यूट की भोली- भाली छात्रा की कहानी. संस्थान में प्रवक्ता उसके पिता, उसकी सरल-स्वभाव की माता, उसके भाई एवं उसके आस- पास घटने वाली घटनाओं का उसके निजी जीवन पर क्या असर पड़ता है, रचना में यही दर्शाने की कोशिश की गयी है.