चंद्रगुप्त - प्रथम अंक - 4 ( कुसुमपुर के सरस्वती मंदिर के उपवन का पथ ) राक्षस और सुवासिनी के बीच होता हुआ कुछ वार्तालाप - बौद्ध स्तूप की बातें - रक्षियो के साथ शिविका पर राजकुमारी कल्याणी का प्रवेश - नीला का प्रवेश होता है और उसके ठीक बाद दो ब्रह्मचारियों का प्रवेश होता है... पढ़िए, चंद्रगुप्त - प्रथम अंक - 4